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Success Story : पिता चलाते थे ऑटो, दोस्तों ने पढ़ाई के लिए दिए पैसे, अब IAS बनकर उतारा कर्ज

Success Story in hindi : सफलता पाने के लिए कड़ी मेहनत और जुनून का होना काफी जरूरी है, ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे है जिसके पिता चलाते थे ऑटो, दोस्तों ने पढ़ाई के लिए दिए पैसे, आइए खबर में जानते है इस आईएएस अफसर के बारे में पूरी जानकारी।

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HR Breaking News, Digital Desk - यूपीएससी की परीक्षा (upsc exam) पास करने के लिए किसी महंगी कोचिंग या क्लास की जरूरत नहीं होती है, इसके लिए केवल कड़ी मेहनत और लगन ही काफी है। हर साल इस परीक्षा में आठ से नौ लाख परिक्षार्थी शामिल होते हैं, लेकिन मुश्किल से 800-1000 का ही चयन होता है। इस परीक्षा में कुछ ऐसे परिक्षार्थी भी होते है जो दो तीन प्रयास के बाद पास कर पाते है तो कई ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले प्रयास में ही इसे पास कर जाते हैं। 


यूपीएससी में अमीर घर से ताल्लुक रखने वाले ही पास नहीं करते कुछ ऐसे भी परिक्षार्थी इस परीक्षा में शामिल होते हैं जो अत्यंत ही साधारण परिवार से आते हैं और समाज के लिए एक मिशाल कायम कर देते हैं। ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र के जालना गांव के अंसार शेख ने कर दिखाया। 


समाज के लिए प्रेरणा बने आईएएस अंसार शेख 

महाराष्ट्र के जालना गांव के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अंसार शेख (Ansar Shaikh) ने अपने पहले ही प्रयास में महज 21 की उम्र में आईएएस बनकर इतिहास रच दिया। बचपन से ही अंसार पढ़ाई-लिखाई में होशियार थे और 12वीं में 91 फीसदी नंबर से पास किए थे।
पुणे के फॉर्ग्यूसन कॉलेज से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस से 73 फीसदी नंबर के साथ बैचलर डिग्री हासिल की थी। अंसार ने यूपीएससी के लिए एक साल की कोचिंग ली थी और फिर तीन साल की कड़ी मेहनत के बाद उन्होंने पहले ही प्रयास में 361 रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की। 

ऑटो चालक हैं पिता 

अंसार शेख के पिता पेशे से ऑटो चालक हैं और मराठवाड़ा में ऑटो रिक्शा चलाते हैं। आर्थिक तंगी के कारण अंसार की दो बहनों की शादी काफी कम उम्र में ही करा दी गई थी। छोटे भाई को भी पढ़ाई-लिखाी छोड़कर काम पर लगना पड़ा। रिश्तेदारों ने पिता को अंसार की भी पढ़ाई-लिखाई छुड़ाकर काम पर लगाने की सलाह दी थी।


पिता ने रिश्तेदारों की बातें सुनकर स्कूल से अंसार का नाम कटवाने पहुंच गए थे। शिक्षकों ने उनके पिता को समझाया कि अंसार पढ़ाई में होशियार है, जिसके बाद उन्होंने उसे आगे पढ़ने दिया। स्कूल के शिक्षकों के अलावा अंसार के दोस्तों ने पैसों से उनकी काफी मदद की थी और अब आईएएस बनकर अंसार अपने दोस्तों की मदद का कर्ज उतार दिया।