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Success story: पिता गली-गली बेचता था कपड़े अब बेटे ने क्रैक किया UPSC, जाने कैसे बना चौथी पास का बेटा IAS

IAS Anil basak Success story: हौसलों में दम हो तो सफलता भी आपके कदम जरूर चुनती है। आज हम आपको एक ऐसी ही एक कहानी बताएंगे। ये कहानी है अनिल बसक की जो बिहार (Bihar Success story) के किशनगंज से आते हैं। दरअसल, उनका बचपन गरीबी में बीता, लेकिन मुश्किल हालात में भी अपने लिए वो लक्ष्य तय किया, जो बेहद कठिन था। पिता गली-गली जाकर साइकिल पर कपड़े बेचते थे। अनिल ने तय किया कि आईएएस अधिकारी (IAS Officer) बनेंगे और काफी कठिनाइयों के बाद भी आखिर अपना लक्ष्य हासिल कर लिया। आइये विस्तार से जानते है उनकी कहानी-
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HR Breaking News (ब्यूरो)।  कहते हैं कि कामयाबी वही, जो चुनौतियों के बीच से निकलकर आए। मुश्किलों से लड़ते हुए जीत हासिल करने का अपना अलग ही मजा है। यूपीएससी का रिजल्ट (UPSC Exam Result) आने के बाद सफलता की कई कहानियां निकलकर सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक कहानी है बिहार में किशनगंज के रहने वाले अनिल बसक की। अनिल ने 2020 में यूपीएससी (UPSC) में 45वीं रैंक हासिल की थी। अनिल की कामयाबी पर पूरा परिवार खुश हुआ। नाते-रिश्तेदार बधाई दे रहे थे। गांव में घर-घर लड्डू बंटे थे। लेकिन, यहां तक पहुंचने का अनिल का सफर चुनौतियों से भरा रहा। रास्ते में मुश्किलें ही मुश्किलें थी, लेकिन अनिल ने इन सबके बावजूद वो मुकाम हासिल किया, जिसे पाना तो दूर, सोचना भी आसान नहीं है।

 

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चार भाइयों में दूसरे नंबर के अनिल का बचपन बेहद गरीबी और संघर्ष में बीता। पिता केवल चौथी तक पढ़े हैं। परिवार की गुजर-बसर के लिए गांव-गांव जाकर साइकिल पर कपड़े बेचते थे। ऐसे मुश्किल हालात (IAS Success story) में ही अनिल की शुरुआती पढ़ाई पूरी हुई। एक बहुत पुरानी कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। अनिल बचपन से ही पढ़ाई में तेज थे। माता-पिता को एहसास हो गया कि एक ना एक दिन उनका बेटा अनिल जरूर कुछ बनकर दिखाएगा। अनिल की पढ़ाई में परिवार ने पूरा साथ दिया। अपने खर्चे कम किए, लेकिन अनिल की पढ़ाई नहीं रुकने दी।



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आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई 

 

परिवार का साथ मिला, तो अनिल ने भी उनके भरोसे पर खरा उतरने की ठान ली। उन्होंने तय कर लिया कि वो यूपीएससी क्लियर कर आईएएस अधिकारी बनेंगे। अनिल 12वीं में शानदार नंबरों के साथ पास हुए। 12वीं पूरी हुई तो अनिल आईआईटी-जेईई क्लियर कर बिहार से सीधे आईआईटी दिल्ली पहुंच गए। वो आईआईटी (IIT) , जहां सीट पाना हर किसी के वश की बात नहीं। हालांकि, इंजीनियरिंग करते हुए भी अनिल अपना लक्ष्य नहीं भूले। आईआईटी से इंजीनियरिंग (UPSC Exam Strategy)की पढ़ाई पूरी हुई तो अनिल यूपीएससी की तैयारी में जुटे गए।

 

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प्री तक नहीं कर पाए क्लियर 

हालांकि, पहले ही प्रयास में उन्हें असफलता मिली। अनिल बताते हैं कि आईआईटी-जेईई क्लियर करने के बाद उनके अंदर एक अति-आत्मविश्वास पैदा हो गया था। उन्हें लगा कि जब उन्होंने इतनी कठिन परीक्षा पास कर ली, तो यूपीएससी उनके सामने क्या है। और इसी वजह से, अपने पहले प्रयास में वो प्री परीक्षा तक पास नहीं कर पाए। अनिल ने अपनी कमियों को समझा और एक बार फिर से यूपीएससी (How to crack UPSC Exam) की तैयारी में जुटे। पढ़ाई के तरीके में भी बदलाव किया। उनकी मेहनत रंग लाई और दूसरे प्रयास में अनिल को यूपीएससी में 616वीं रैंक मिली। हालांकि, आईएएस अधिकारी बनने का उनका सपना अभी भी अधूरा था। रैंक के आधार पर उन्हें आईआरएस अधिकारी के तौर पर नियुक्ति मिली।



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 हासिल की ऑल इंडिया रैंक-45

 

अनिल ने एक बार फिर (IAS Anil) खुद को यूपीएससी में अगली कोशिश के लिए तैयार किया। एक बार फिर नोट्स बनाए गए। फिर से रणनीति बदली गई। और फिर, वो हुआ... जिसका अनिल को लंबे समय से इंतजार था। 2020 में जब यूपीएससी का रिजल्ट घोषित हुआ तो उन्होंने ऑल इंडिया रैंक-45 हासिल की। अनिल (IAS exam) अपनी कामयाबी का श्रेय अपने परिवार को देते हैं। क्योंकि, उनके परिवार ने मुश्किल आर्थिक हालात के बीच भी उनकी पढ़ाई में पूरा साथ दिया। हर कदम पर परिवार अनिल के साथ खड़ा रहा।