Success Story: पहले आईआईटीयन, फिर IPS और अब बनी IAS, जरूर जाननी चाहिए इस महिला की कहानी
यूपीएससी की परीक्षा को सबसे मुश्किल परीक्षा माना जाता है। देश के युवा IAS बनने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं फिर भी कितनी मेहनत के बार भी कोई गारंटी नहीं है कि नौकरी मिल जाएगी लेकिन कुछ होनहार ऐसे भी होते हैं जो एक की बजाए दो परीक्षाएं एक साथ पास कर जाते हैं ऐसी ही कहानी है आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल। जिन्होनें पहले IPS की परीक्षा पास की और फिर IAS बनी।

HR Breaking News, Digital Desk- देश की ब्यूरोक्रेसी में भारतीय प्रशासनिक सेवा विभाग सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है। इसमें उम्मीदवार विभिन्न मंत्रालय और विभाग में सचिव स्तरीय पद प्राप्त करते हैं तो वहीं जिलास्तर पर जिलाधिकारी और विभिन्न प्राधिकरणों में आयुक्त पद पर काबिज होते हैं। यही कारण है कि प्रत्यके वर्ष लाखों युवा संघ लोक सेवा आयोग यानी यूपीएससी की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा यानी सीएसई में अपनी किस्मत आजमाते हैं।
हालांकि, सभी को सफलता नसीब नहीं हो पाती है। लेकिन कुछ होनहार ऐसे भी होते हैं, जो अपने पहले ही प्रयास में इस परीक्षा को क्लीयर कर लेते हैं। ऐसी ही एक होनहार हैं भारतीय प्रशासनिक सेवा यानी आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल। मध्यप्रदेश के खरगोन की 29 वर्षीय गरिमा ने यूपीएससी के अपने पहले ही प्रयास में आईपीएस की रैंक पाकर सफलता हासिल कर ली थी, लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और था। उन्होंने फिर से तैयारी की और दूसरे ही प्रयास में आईएएस बनने का अपना ख्वाब पूरा किया। आइए जानते हैं आईएएस गरिमा की सफलता की कहानी ...
इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में पैसा, शोहरत, रूतबा और दबदबा सब कुछ है। लेकिन पहली बात तो यह कि सिविल सेवा परीक्षा को क्लीयर कर पाना सबके बस की बात नहीं है। दूसरा आपने क्लीयर भी कर लिया तो अच्छी रैंक पाकर आईएएस बनना बड़ा मुश्किल काम है।
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हाल ही में एक साक्षात्कार के दौरान गरिमा ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कई अहम टिप्स दिए हैं। गरिमा अग्रवाल अभी तेलंगाना में प्रशिक्षण के लिए सहायक जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। यूपीएसपी की सिविल सेवा परीक्षा देने के पहले गरिमा आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएशन कर चुकी हैं। गरिमा ने दिल्ली नॉलेज ट्रेक को दिए एक साक्षात्कार में अपने आईआईटी से लेकर आईपीएस और फिर आईएएस बनने के सफर की कहानी साझा की।
संसाधन कम, रिवीजन ज्यादा
गरिमा ने अपनी सफलता के मंत्र बताते हुए यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को कई अमूल्य सुझाव दिए। गरिमा के अनुसार, सबसे पहले तो इस बात को दिमाग में रख लें कि प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार की तैयारी अलग-अलग न करके संयुक्त तौर पर करनी चाहिए।
गरिमा के अनुसार, यूपीएससी प्री परीक्षा में आने वाले प्रश्न भी कई बार मुख्य परीक्षा में आ जाते हैं। इसीलिए रिवीजन करना जरूरी है। सिर्फ बहुत सारा स्टडी मटैरियल जुटाने से ही सफलता नहीं मिलती, उसे पढ़ना होता है। याद करना होता है। मॉक टेस्ट देने चाहिए। साथ ही साथ आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस कर स्पीड भी बढ़ाएं।
पहले प्री को टारगेट बनाएं
गरिमा के अनुसार, सबसे पहले प्री की परीक्षा को टारगेट बनाना चाहिए। अगर यही बाधा पार नहीं हुई तो आगे की सारी तैयारी बेकार हो जाएगी। दोनों परीक्षाओं की साथ-साथ तैयारी करनी चाहिए। क्योंकि बाद में मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए समय नहीं मिल पाएगा। लेकिन फोकस प्री पर जरूर रहे।
मॉक टेस्ट के माध्यम से अपने रिवीजन को जांचते रहें। पाठ्यसामग्री इंटरनेट पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बकौल गरिमा, मैं खुद जिन विषयों में नंबर कम आते थे, उनकी अलग से प्रैक्टिस करती थी। उन्हें रिवाइज करती थी।
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निराश न हों, धैर्य रखें
सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को टिप्स देते हुए आईएएस गरिमा ने कहा कि इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी धैर्य और निरंतरता है। अपने मन को ऐसे तैयार करें कि जिस दिन पढ़ने की इच्छा न हो उसी दिन अच्छे से पढ़कर दिखाएं और देखें कि कैसे आपके अंदर नया साहस पैदा होता है।
जिन लोगों से आपको प्रेरणा और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है उनके संपर्क में रहें। नकारात्मक विचारों वाले लोगों से दूरी बनाना ही ठीक रहता है। विफलता या फिर सफलता दोनों हमारे दिमाग में होती हैं, अगर हम ठान लें तो कुछ भी हासिल कर सकते हैं।