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Success Story: 6 हजार की सैलरी लेने वाले ने खड़ी की 55,000 करोड़ की कंपनी, शादी करने के लिए भी ब्याज पर लेने पडे थे पैसे

आज हम आपको एक ऐसी सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएगें। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मजदूर के बेटे जयंती कनानी की। इन्होनें अपनी नौकरी छोडकर अपने 3 दोस्तों के साथ मिलकर पॉलीगॉन की शुरुआत की. आज इनकी मेहनत के दम पर 55,000 करोड़ की कंपनी बन गई हैं, जानिए इनकी पुरी कहानी...
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HR Breaking News (ब्यूरो)। Success Story: कहते हैं हिम्मते मर्दा तो मदद ए खुदा यानी मेहनत करने वालों का ईश्वर हमेशा साथ देते हैं. दुनिया के हर कामयाब आदमी ने यह साबित किया है. हम आपको गुजरात के एक युवा उद्यमी जयंती कनानी की सक्सेस स्टोरी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने यह साबित किया कि गरीबी में गुजारा करके भी ऊंचे मकाम तक पहुंचना मुमकिन है. साधारण परिवार में पले-बढ़े और मुश्किल हालात में पढ़-लिखकर जयंती कनानी ने एक असाधारण सफर तय किया.

लेकिन, आज जयंती कनानी 55,000 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं. एक अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर जयंती कनानी ने अपना स्टार्टअप शुरू किया और इतनी सफलता मिली कि अब वे दूसरों को जॉब दे रहे हैं.


6000 रुपये मिली थी पहली सैलरी -
एक वक्त था जब जयंती कनानी का परिवार अहमदाबाद में एक छोटे-से फ्लैट में रहता था. उनके पिता एक डायमंड फैक्ट्री में काम करते थे. पिता ने मजदूरी करके बेटे जयंती को पढ़ाया. परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के बीच किसी तरह से जयंती कनानी ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई पूरी की. चूंकि घर के हालात ऐसे नहीं थे कि वह आगे पढ़ सकें इसलिए, जयंती कनानी ने अपनी पढ़ाई पूरी करते ही काम करना शुरू कर दिया.

पढ़ाई के बाद जयंती कनानी की नौकरी लग गई, जहां पहली सैलरी के तौर पर उन्हें सिर्फ 6,000 रुपये मिलते थे. चूंकि इन पैसों से परिवार का गुजारा करना मुश्किल था इसलिए वे एक्सट्रा इनकम के लिए जॉब के बाद भी घर से कुछ प्रोजेक्ट्स पर काम करते थे.


नौकरी के दौरान आया बिजनेस का आइडिया -
जॉब और पार्ट टाइम इनकम के बाद भी जयंती कनानी ज्यादा पैसे नहीं कमा पाए. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब उनकी शादी हुई तो उन्हें इसके लिए कर्ज तक लेना पड़ा. जयंती के करियर में अहम मोड उस वक्त आया जब एक कंपनी में डेटा एनालिस्ट के तौर पर काम करने के दौरान उनकी मुलाकात संदीप नेलवाल और अनुराग अर्जुन से हुई. खास बात है कि तीनों का मकसद एक ही था पैसा कमाना और इसके लिए वे कुछ बड़ा करना चाहते थे.


फिर क्या था इन तीनों ने मिलकर 2017 में पॉलीगॉन की शुरुआत की. शुरुआत में इसका नाम मैटिक रखा गया. महज 6 साल में कंपनी को जबरदस्त सफलता मिली. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी की मौजूदा वैल्यू अब 55,000 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. पॉलीगॉन को अमेरिका के मशहूर निवेशक और शार्क टैंक जज मार्क क्यूबन से भी फंडिंग मिली है. 2022 में, पॉलीगॉन ने सॉफ्टबैंक, टाइगर ग्लोबल और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसे निवेशकों से $450 मिलियन की फंडिंग जुटाई.