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Success Story : इनकी ब्यूटी से ज्यादा बिजनेस का है जलवा, 4 साल में खड़ी कर दी 1000 करोड़ की कंपनी

Vu TV Success Story : आज हम आपको इस वाक्या में एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे है जिन्होने 4 साल में खड़ी कर दी 1000 करोड़ की कंपनी, आइए खबर में जानते है इस महिला बिजनेसमैन के बारे में पूरी जानकारी।

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HR Breaking News, Digital Desk - कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है. अगर यकीन नहीं तो हजार करोड़ की कंपनी की मालकिन देविता सराफ (Devita Saraf) की सफलता की कहानी पढ़ लीजिए. वैसे तो देविता बिजनेस फैमिली से आती हैं और उनके कारोबार की समझ उनके खून में है, फिर भी उन्‍हें अपने बिजनेस को प्रॉफिट तक लाने और बड़ा बनाने के लिए कई साल तक इंतजार करना पड़ा. आलम ये था कि उनकी कंपनी ने शुरुआती 8 साल में सिर्फ 30 करोड़ का बिजनेस किया, जबकि अगले 4 साल में ही 1000 करोड़ का कारोबार कर डाला.

देविता का परिवार पहले से ही कंप्‍यूटर निर्माण के क्षेत्र से जुड़ा था. लिहाजा उनके मन में भी आगे चलकर बिजनेस करने की योजना थी. इसे अमलीजामा पहनाने के लिए उन्‍होंने 16 साल की उम्र में बिजनेस के गुर सीखने शुरू कर दिए. इंटरनेशनल मार्केट को समझने के लिए उन्‍होंने कैलिफोर्निया में बिजनेस (Business in California) की पढ़ाई भी की. पढ़ाई पूरी कर उन्‍होंने अपनी जेनरेशन से एक कदम आगे जाने की ठानी और कुछ ऐसा शुरू किया जिसने टेलीविजन के विजन को ही बदलकर रख दिया.

बनाई स्‍मार्ट टीवी कंपनी


देविता ने सिर्फ 25 साल की उम्र में एडवांस्‍ड टीवी कंपनी बनाई और लोगों को घर में थिएटर जैसा मजा देने का सपना दिखाया. यह ऐसा समय था, जब लोग स्‍मार्ट टीवी के बारे में ज्‍यादा सोचते तक नहीं थे. व्‍यू ग्रुप (Viu Group) की सीईओ और चेयरपर्सन देविता सराफ आज 1000 करोड़ की कंपनी चलाती हैं और फॉर्च्‍यून ने उन्‍हें साल 2019 में देश की 50 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में शामिल किया था.

परिवार को बिजनेस को दिया नजरिया


यूपी के मारवाड़ी परिवार में जन्‍मीं देविता कहती हैं कि उनके पिता राजकुमार सराफ जेनिथ कंप्‍यूटर्स (Zenith Computers) नाम से बिजनेस चलाते थे. यह एक टेक्‍नोलॉजी कंपनी थी, लिहाजा मैंने भी इसी क्षेत्र में कुछ नया करने की सोची. मैं पापा के साथ कंपनी जाया करती थी और मुझे भी बिजनेस करने की प्रेरणा मिली.


दुनिया को चुनौती देने के लिए बनाया प्रीमियम प्रोडक्‍ट


देविता का कहना है कि उन्‍होंने कुछ अलग करने की मंशा से अमेरिका का रुख किया और वापस लौटकर नई तकनीक के प्रोडक्‍ट बनाने पर जोर दिया. उन्‍होंने देखा कि विदेशी कंपनियां प्रीमियम प्रोडक्‍ट बनाती हैं, जबकि भारतीय कंपनियां सस्‍ते उत्‍पादों पर टिकी हैं. साल 2006 में उन्‍होंने वू टेलीविजन (Vu Televisions) नाम से कंपनी बनाई. इस कंपनी ने हाई क्‍वालिटी के प्रोडक्‍ट यूज करने शुरू किए और दिग्‍गज कंपनियों को टक्‍कर दी.


टीवी और कंप्‍यूटर को मिलाकर बनाया प्रोडक्‍ट


देविता ने बताया कि कुछ नया करने के लिए हमने टीवी और कंप्‍यूटर के फीचर्स को मिलाकर एडवांस्‍ड टीवी बनाया. इसमें यूट्यूब, ओटीटी प्‍लेटफॉर्म सहित डी2एच चैनलों का भी मजा लिया जा सकता है. साल 2006 में लोगों तक इस प्रोडक्‍ट को पहुंचाना और उन्‍हें इसके लिए राजी करना बड़ा चैलेंज था. यही कारण है कि सफलता के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ा.
 

चुनौतियों से नहीं टूटा भरोसा


देविता का कहना है कि साल 2006 में कंपनी बनाई और इसे बड़ा करने में 8 साल से ज्‍यादा का समय लग गया. हमारे पास वापस लौटने का विकल्‍प नहीं था और जब 2014 में देश को नया नजरिया और विकास का रास्‍ता मिला तो कंपनी ने भी तेजी पकड़ी. आलम ये था कि शुरुआत 8 साल में कंपनी ने 0 से 30 करोड़ की कमाई की. लेकिन, अगले 4 साल में ही 1000 करोड़ का रेवेन्‍यू पहुंचा दिया. कंपनी का पूरा जोर प्रॉफिट कमाने पर था, बजाए कि राजस्‍व बढ़ाने के.
 

युवा उद्यमियों को संदेश- जोखिम से न डरें


देविता ने अपने अनुभवों को युवा उद्यमियों के लिए एक संदेश के रूप में बताया. उन्‍होंने कहा अगर नई पीढ़ी बिजनेस में कदम रखना चाहती है तो उसे जोखिम उठाने से डरना नहीं चाहिए. जरूरी ये है कि बिजनेस इंडस्‍ट्री में खुद को साबित करना है तो जोखिम से गुजरकर ही जाना पड़ेगा. इतना सोचकर रखें कि अगर आपने समझ बूझकर काम शुरू किया है तो आज नहीं कल इसका फायदा मिलेगा जरूर. बस अपने पास फाइनेंशियल बैक अप जरूर रखें, ताकि जोखिम उठाते समय डर न लगे.