Success Story : मां ने गहने गिरवी रख पढ़ाया, बेटी ने अफसर बन उतारा कर्ज
SDM Nikita Mandloi Success Story : आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसी महिला की सक्सेस स्टोरी जो हर किसी को प्रेरणा देने वाली है, हम आपको बताने जा रहे है निकिता मंडलोई के बारे में जिन्हे पढ़ाने के लिए उनकी मां ने गिरवी रखे गहने,बेटी ने अफसर बन उतारा कर्ज।
HR Breaking News (ब्यूरो)। निकिता मंडलोई मध्य प्रदेश के खरगोन जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित गांव सुखपुरी की रहने वाली हैं. साल 2012 में उनके पिता मंगल सिंह की हार्ट अटैक से मौत (death due to heart attack) हो गई थी. तब निकिता 12वीं कक्षा में थीं. उनके दो बड़े भाई कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे. ऐसे में मां राधा मंडलोई पर घर और तीनों बच्चों की जिम्मेदारी आ गई थी. उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर इस आकस्मिक हादसे का असर नहीं पड़ने दिया था. उन्होंने अपने गहने गिरवी रखकर निकिता को पढ़ाया.
Women Achiever: निकिता ने कई मीडिया इंटरव्यू में बताया कि उनके पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे. वह पढ़ाई में काफी होशियार थीं. उन्होंने GSITM इंदौर से बायो मेकैनिकल में इंजीनियरिंग की है. कैंपस प्लेसमेंट में उन्हें विदेशी कंपनियों से भी नौकरी का ऑफर मिला था. लेकिन उन्हें सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) का अपना लक्ष्य पता था और इसीलिए उन्होंने कॉरपोरेट जॉब ऑफर न स्वीकार कर पीसीएस परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी (PCS Exam).
Nikita Mandloi Education Qualification: हिंदी मीडियम की निकिता मंडलोई को कॉलेज में पढ़ाई करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. दरअसल, कॉलेज में अंग्रेजी भाषा में पढ़ाया जाता था. इस वजह से उन्हें सिलेबस को समझने में बहुत दिक्कत होती थी. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, निकिता पहले सेमेस्टर में 5 में से 3 विषयों में फेल हो गई थीं. इसके बाद उन्होंने डबल मेहनत के साथ पढ़ाई शुरू की.
MPPSC SDM Post: निकिता मंडलोई महज 21 साल की उम्र में एसडीएम बन गई थी. साल 2018 में हुई मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में उन्होंने एसटी वर्ग से टॉप किया था. यह बहुत बड़ी कामयाबी थी. सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) की परीक्षा की तैयारी करने के लिए उन्होंने अपना पूरा फोकस सिलेबस को समझने और पुराने पेपर्स को सॉल्व करने में रखा था. वह बहुत ज्यादा नहीं पढ़ती थीं लेकिन जितना पढ़ती थीं, मन लगाकर पढ़ती थीं.
