home page

Success Story : एक दो नहीं, 17 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, खड़ी कर दी 42000 करोड़ की कंपनी

Success Story : सफलता उसी को मिलती है, जो संघर्ष से घबराते नहीं. ठीक ऐसी ही कहानी आज हम आपको बताने जा रहे है, इस कथनी को करनी में बदलकर दिखाया है अंकुश सचदेवा ने. आईआईटी से ग्रेजुएशन करने के बाद 17 बार स्‍टार्टअप बनाया और फेल हो गए. लेकिन, 18वीं बार में सफलता ऐसी मिली कि 40 हजार करोड़ की कंपनी तैयार हो गई.

 | 

HR Breaking News, Digital Desk - सफलता उसी को मिलती है, जो संघर्ष से पीछे नहीं हटते. इसका सबसे बड़ा उदाहरण अंकुश सचदेवा की सक्‍सेस स्‍टोरी में दिखाई देता है. अंकुश ने आईआईटी (IIT) से ग्रेजुएशन करने के बाद नौकरी शुरू की और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्‍गज कंपनी में बतौर इंटर्न करियर भी शुरू किया. लेकिन, नौकरी में उनका मन नहीं लगा और अपना बिजनेस शुरू करने की तरफ बढ़ गए. उन्‍होंने एक के बाद एक 17 आइडियाज पर काम किया, लेकिन सभी फेल हो गए.


अंकुश सचदेवा ने अपना काम शुरू करने के लिए 17 स्‍टार्टअप्‍स में हाथ आजमाया. एक के बाद एक सभी फेल होते गए, लेकिन अंकुश ने हार नहीं मानी. आखिरकार 18वीं बार में उन्‍होंने अपने 2 साथियों संग मिलकर ऐसा कारनामा किया आज हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी हो गई. अमेरिका और यूरोप सहित दुनिया के तमाम देशों में उनका कारोबार फैला है और करोड़ों की संख्‍या में उनके यूजर्स भी तैयार हो चुके हैं.

 


कैसे किया कारनामा


सचदेवा ने 18वीं बार के प्रयास में अपने आईआईटी के दो मित्रों का भी सहयोग लिया. फरीद अहसान और भानु सिंह के साथ मिलकर उन्‍होंने शेयरचैट ऐप (Sharechat App) बनाया. इन तीनों ने फेसबुक और वॉट्सऐप पर कुछ ऐसे यूजर्स की तलाश की जो कुछ नया यूज करना चाहते थे. इसके बाद जनवरी, 2015 में शेयरचैट की पैरेंट कंपनी मोहल्‍ला टेक प्राइवेट लिमिटेड (Mohalla Tech Pvt Ltd) की स्‍थापना की. इसके बाद अक्‍टूबर 2015 में शेयरचैट को लांच किया. शुरुआत में इसे हिंदी, मराठी, मलयालम और तेलुगु भाषा में लांच किया गया.
 

5 अरब डॉलर का मार्केट ऐप


शेयरचैट का हेडक्‍वार्टर बैंगलोर में है, लेकिन यह कंपनी अमेरिका-यूरोप सहित दुनिया के कई देशों में अपना कारोबार फैला चुकी है. आज करोड़ों की संख्‍या में इस ऐप के यूजर हैं तो कंपनी ने करीब 1,000 लोगों को सीधे तौर पर नौकरियां भी दी है. जून, 2022 में शेयरचैट ने फंडिंग हासिल की थी, तब कंपनी की वैल्‍यू 5 अरब डॉलर (40 हजार करोड़ रुपये) से ज्‍यादा आंकी गई थी.
 

आईआईटी कानपुर से की पढ़ाई


अंकुश सचदेवा ने आईआईटी कानपुर से 2015 में ग्रेजुएशन किया. इससे पहले समरविले स्‍कूल से अपनी 12वीं पास की थी. मई से जुलाई, 2014 तक अंकुश ने माइक्रोसॉफ्ट में बतौर इंटर्न भी काम किया था. अंकुश अभी शेयरचैट में बतौर सीईओ काम कर रहे हैं. कंपनी का वैल्‍यूएशन भी अब 50 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा हो चुका है.