home page

Success Story : कभी 2000 रुपये उधार लेकर शुरू किया था कारोबार, आज देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी के हैं मालिक

Success Story : कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने काम से काम रखते हैं, मीडिया की चमक से दूर रहते हैं. इस उद्योगपति की कहानी भी ऐसी है जिसने कभी 2000 रुपए लेकर अपना कारोबार शुरू किया था, जो अब 15.65 लाख करोड़ रुपए की नेटवर्थ में बदल चुका है, आइये खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से ...

 | 

HR Breaking News, Digital Desk - कुछ कर गुजरने का हौसला हो तो आपके रास्ते कोई नहीं रोक सकता है। अगर कोई हार न माने और लगातार प्रयास करता रहे तो सफलता मिलना निश्चित है। ऐसा ही कुछ ऐसा ही कर दिखाया है देश की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी Sun Pharmaceutical के संस्थापक और एमडी दिलीप संघवी ने। एक समय ऐसा था जब दिलीप सांघवी (Dilip Sanghvi Success Story) दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन का काम करते थे। वह फार्मा कंपनियों की दवाईयां घूम-घूमकर बेचा करते थे। एक दिन अचानक उनके दिमाग में ख्याल आया कि अगर मैं दूसरों की बनाई दवाई बेच सकता हूं तो फिर अपनी क्यों नहीं। बता दें कि दिलीप सांघवी ( Success Story) का जन्म गुजरात के एक छोटे से शहर अमरेली में हुआ था।
 

ऐसे की शुरुआत


साल 1982 में उन्होंने पिता से 2,000 रुपये उधार लिए और अपने दोस्त के साथ मिलकर गुजरात के वापी में अपनी दवा कंपनी सन फार्मा (Sun Pharma) की शुरुआत की थी। शुरू में कंपनी ने बहुत ज्यादा दवाइओं की वेराइटी बनाने पर ध्यान न देते हुए, अच्छी क्वालिटी की दवा पर ध्यान दिया। कंपनी का मार्केट अच्छा चल गया। ठीक 15 साल बाद 1997 में दिलीप ने घाटे में जा रही एक अमेरिकी कंपनी कारको फार्मा को खरीद लिया ताकि अमेरिकी बाजार में भी पहुंच बनाई जा सके। इसके बाद 2007 में कंपनी ने इजराइल की कंपनी टारो फार्मा को खरीद लिया। साल 2012 में सांघवी ने कंपनी के चेयरमैन और सीईओ के पद से इस्तीफा दे दिया। इस यूनिट में वे मनोचिकित्सा से जुड़ी दवाएं बनाते थे।
 

भारत की सबसे बड़ी दवा कंपनी


जब सन फार्मा की शुरुआत (Sun Pharma started) हुई थी तब उसमें साथ दो कर्मचारी काम किया करते थे। लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और लगन से दिलीप ने चार साल में ही Sun Pharmaceutical को पूरे देश में फैला दिया। 1997 में सन फार्मा ने अमेरिकी कंपनी काराको फार्मा का अधिग्रहण किया। सन फार्मा लगातार तरक्की कर रही थी। 2007 में इज़राइल की टैरो फार्मा का अधिग्रहण किया। साल 2014 में 25,237 करोड़ रुपये में रैनबैक्सी का अधिग्रहण करने के बाद सन फार्मा भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी फार्मा कंपनी बन गयी।
 

कितनी है नेटवर्थ


साल साल 2014 में सन फार्मा और रैनबक्सी के बीच करार हुआ। जिसके बाद काफी कुछ बदल गया। सन फार्मा ने रैनबैक्सी को करीब 19 हजार करोड़ रुपये में खरीद लिया है। साल 2014 के अंत तक दिलीप सांघवी की कुल संपत्ति 17.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।