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Success Story : 4 लाख में बिजनेस शुरू कर खड़ा कर दिया 7000 करोड़ का कारोबार, पीढ़ी बदल गई लेकिन व्यापार नहीं बदला

Success Story : आपको बता दें कि बिसलेरी के चेयरमैन रमेश चौहान ने 1969 में जब बोतलबंद पानी का कारोबार शुरू किया उस वक्त लोग हंसा करते थे कि भारत में पैसों से खरीदकर पानी कौन पीएगा। लेकिन इस बिजनेसमैन ने पानी बेचकर 7000 करोड़ का कारोबार खडा़ कर दिया। जानिए पूरी कहानी...
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HR Breaking News (नई दिल्ली)। Success Story: क्या आज से 25 साल पहले किसी ने सोचा था कि पानी भी खरीदकर पीना होगा. लेकिन एक शख्स हैं जिन्होंने 50 साल पहले यह भाप लिया था कि भारत में बोतलबंद पानी का कारोबार करोड़ों रुपये का होगा. लोग दूध, सब्जी और अनाज बेचकर पैसा कमाते हैं लेकिन इस बिजनेसमैन ने पानी बेचकर बेशुमार दौलत कमाई. हम बात कर रहे हैं बिसलेरी (bisleri) के मालिक रमेश चौहान की. जिन्होंने भारत में बोतलबंद पानी के कारोबार को पहचान दिलाई.

1969 में रमेश चौहान ने जब बिसलेरी (bisleri) का कारोबार शुरू किया उस वक्त लोग हंसा करते थे कि भारत में पैसों से खरीदकर पानी कौन पीएगा. लेकिन, अब 50 साल बाद हर गली-नुक्कड, चौराहे और होटलों में बिसलेरी की बोतलें धड़ाधड़ा बिकती हैं. आइये आपको विस्तार से बताते हैं बिसलेरी (bisleri) और उसके मालिक रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) की सक्सेस स्टोरी.


50 साल पहले 4 लाख में खरीदा बिसलेरी का बिजनेस-

वैसे बिसलेरी, एक इटालियन ब्रांड था, जिसे 1969 में चौहान फैमिली के नेतृत्व वाली कंपनी पारले (Parle) ने 4 लाख रुपये खरीद लिया. 54 साल पहले जब बिसलेरी के कारोबार को चौहान परिवार ने खरीदा उस समय रमेश चौहान की उम्र महज 28 साल थी. 25 साल बाद बिसलेरी (bisleri) की कमान पूरी तरह से रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) के हाथों में आ गई. इसके बाद से बिसलेरी (bisleri) के बोतलबंद पानी का बिजनेस तेजी से बढ़ा. अब बिसलेरी मिनरल वाटर के बिजनेस (Business) में सबसे बड़ा नाम है. कंपनी का वैल्युएशन 7000 करोड़ से ज्यादा है.

50 वर्षों में छा गई बिसलेरी-

भारत में पैकेज्ड वाटर का मार्केट करीब 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का है, इसमें से 60 फीसदी हिस्सा असंगठित है, जबकि संगठित बाजार में बिसलेरी की हिस्सेदारी 32 प्रतिशत है. अपने 52 साल से ज्यादा के करियर में, चौहान ने कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और विभिन्न तरीकों से व्यवसाय का विस्तार किया. बीच में खबरें आईं थी कि रमेश चौहान (Ramesh Chauhan) बिसलेरी के कारोबार को बेचना चाहते हैं, क्योंकि उनकी बेटी जयंती चौहान ने इस बिजनेस (Business) में दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन ऐन वक्त पर जयंती ने अपना मन बदला और बिसलेरी की कमान अपने हाथों में ले ली. अब जयंती चौहान बिसलेरी के कारोबार को और आगे ले जाने की तैयारी में जुट गई हैं.


बिसलेरी के अलावा रमेश चौहान ने थम्सअप, गोल्ड स्पॉट, सिट्रा, माज़ा और लिम्का जैसे ब्रांड भी भारतीय बाजार में उतारे. 2016 में, उन्होंने ‘बिसलेरी पीओपी’ लॉन्च किया, जो 4 आकर्षक स्वादों स्पाइसी, लिमोनाटा, फोंजो और पिनाकोलाडा, में मौज-मस्ती से भरपूर पॉप की एक श्रृंखला है. देशभर में आज बिसलेरी के पास 122 प्लांट, 4500 डिस्ट्रीब्यूटर्स और 5000 डिस्ट्रीब्यूशन ट्रक्स हैं, जिनके दाम पर कंपनी रोजाना 2 करोड़ लीटर पानी लोगों तक पहुंचा रही है.