Success Story : इस लड़के ने 21 साल की उम्र में गोद लिया गांव, IAS, IPS और जजों को सिखाता है मैनेजमेंट
HR Breaking News (नई दिल्ली)। ये हैं उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिला स्थित बीरपुर गांव में जन्मे नवीन कृष्ण राय. नवीन फिलहाल आईआईएम इंदौर में मैनेजर, गवर्नमेंट अफेयर्स के पद पर कार्यरत हैं और IAS-IPS स्तर के अधिकारियों और जजों को ट्रेनिंग देते हैं. हालांकि यहां तक पहुंचने का उनका सफर आसान नहीं रहा है. आइए जानते हैं उनकी स्टोरी.
महज 30 साल की उम्र में नवीन ने लोकतंत्र के चारो स्तंभों- कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और मीडिया के साथ काम करने का अनुभव हासिल हो गया है. उन्होंने महज 21 साल की उम्र में ही एक गांव को गोद ले लिया था. एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने एक नक्सल प्रभावित गांव में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए कई महीने तक वहां प्रवास किया. लेकिन उनके जीवन की यात्रा शुरू होती है गाजीपुर जिले के गांव बीरपुर से.
नवीन के पिता सेना में हवलदार थे. जिनका निधन नवीन के जन्म के तीन महीने पहले ही हो गया था. ऐसे में नवीन को उनकी मां ने पाला. घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. लेकिन जवाहर नवोदय विद्यालय, प्रयागराज में दाख़िला मिलने की वजह उन्हें कक्षा 12वीं तक गुणवतापूर्ण शिक्षा मिल सकी. इसके बाद उन्होंने गोरखपुर स्थित मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक किया.
बीटेक की पढ़ाई के दौरान ही उनका मन सामाजिक कार्यों में लगने लगा था. उन्होंने साल 2015 में गोरखपुर के तत्कालीन डीएम आईएएस रंजन कुमार के मार्गदर्शन में गोरखपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए रूरल यूथ लीडरशिप प्रोग्राम चलाया. इसका मकसद ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं में नेतृत्व क्षमता का विकास करना था. इसी दौरान नवीन ने गोरखपुर के तत्कालीन कमिश्नर पी गुरुप्रसाद के साथ मिलकर खोराबार ब्लॉक के मोतीराम अड्डा गांव को गोद लिया. उन्होंने इस गांव में लोगों को सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुक किया.
नवीन के पास मैनेजमेंट विषय की कोई डिग्री नहीं है. लेकिन इस विषय पर उनकी पकड़ इतनी कमाल की है कि उन्हें पैरामिलिट्री फोर्स, विभिन्न राज्यों की पुलिस, प्रशासनिक और न्यायिक सेवा की ट्रेनिंग एकेडमी में अधिकारियों और जजों को मैनेजमेंट विषयों पर ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया जाता है. नवीन अब तक आईआरएस, राज्य पुलिस सेवा, प्रशासनिक सेवा, और केंद्रीय रिजर्व फोर्स के हजारों अधिकारियों व जजों को मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दे चुके हैं. इसके अलावा वह कई प्रदेशों की विभिन्न सरकारी समितियों के नामित सदस्य भी हैं जहां वह मैनेजमेंट क्षेत्र से सम्बंधित परामर्श प्रदान करते हैं.
नवीन ने उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए “अटेंडेंस विद सेल्फी” कार्यक्रम की भी पहल कर चुके हैं. वर्ष 2107 में चंदौली जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी कुमार प्रशांत के साथ मिलकर शुरू किए गए इस इनीशिएटिव को जिले के 1500 सरकारी स्कूलों में लागू किया गया था. इस पहल की सफलता को देखते हुए इसे उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया. नवीन के सामाजिक कार्यों के प्रति उनके दृढ़ निश्चय और साहस को देखते हुए उन्हें नौगढ़ तहसील का ब्रांड अंबेस्डर फॉर डेवलपमेंट भी नामित किया गया था.