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Success Story : तुम क्या कलेक्टर हो... इस ताने के जवाब देने के लिए छोड़ी नौकरी और बनी IAS अफसर, जानिये प्रियंका की कहानी

IAS Success Story : आज की इस खबर में हम जिक्र करने जा रहे है आईएएस प्रियंका शुक्ला का, जिनकी सक्सेस स्टोरी काफी दिलचस्प है. उनका यूपीएससी का सफर एक ताने के बाद शुरू होता है. एक महिला ने उन्हें ताना मारा था कि तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या. यह बात प्रियंका शुक्ल ने अपने दिल पर ले लिया, आइए खबर में जानते है इनके बारे में विस्तार से।
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HR Breaking News (नई दिल्ली)। संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) यानी आम भाषा में कहें तो यूपीएससी की परीक्षा में सफल होने का सपना देश के लगभग हर शख्स का होता है। किसी के माता-पिता अपने बेटे-बेटी को अधिकारी बनते देखना चाहते हैं तो कोई अपने माता-पिता को गौरवान्वित करने के लिए और देश की सेवा करने के लिए यूपीएससी की परीक्षा में सफल (Successful in UPSC exam) होने का ख्वाब देखता है।


वहीं, कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपने जीवन की शुरुआत में तो किसी और पेशे में होते हैं लेकिन किसी घटना या वाकये से प्रेरणा लेकर यूपीएससी का मैदान फतह करते हैं। मगर सभी की कहानियां भले ही अलग-अलग हों लेकिन उनकी नजर में मंजिल एक ही होती है- 'लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA)'। आज सफलता की कहानियों की कड़ी में (Success Story in hindi) हम आपके लिए लाए हैं ऐसी ही एक कहानी, जिसे पढ़कर आप भी प्रेरणा ले सकेंगे और अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए पूरे जुनून से आगे बढ़ सकेंगे। 


जानें डॉ. प्रियंका शुक्ला के बारे में


डॉ. प्रियंका शुक्ला आईएएस ऑफिसर (Dr. Priyanka Shukla IAS Officer) है और वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में पदस्थ है। प्रियंका को वर्तमान में विशेष सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा अतिरिक्त प्रभार मिशन संचालक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, आयुष संचालक को उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास का अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है। इतने प्रभार से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार को उनके कार्य के प्रति किस कदर का भरोसा है।


सोशल मीडिया पर फौलोअर्स की अच्छी संख्या


आईएएस डॉ. प्रियंका शुक्ला (Dr. Priyanka Shukla IAS Officer) की सोशल मीडिया पर फौलोअर्स की भी अच्छी खासी संख्या है। उनके पास तीन लाख से अधिक संख्या में ट्विटर फॉलोवर है। अपने ट्विटर अकाउंट पर वह समय-समय पर अपने कार्यों का अपडेट देते रहती हैं। इस पर वह युवाओं और यूपीएससी का सपना (UPSC dream) देखने वाले उम्मीदवारों को मोटिवेट करने का भी कार्य करती हैं।


हाल ही में उन्होंने अपने यूपीएससी की तैयारी (UPSC preparation) के दिनों को याद करते हुए लिखा- मेरे जीवन की सबसे अविस्मरणीय तिथियों में से एक! न केवल इसलिए क्योंकि इसी दिन #सिविलसेवापरीक्षा 2008, #UPSC का परिणाम घोषित हुआ था..बल्कि इसलिए भी क्योंकि इस दिन ने मुझे पुनः आश्वस्त किया कि दृढ़ निश्चय,अथक परिश्रम और लगन से हर लक्ष्य पाया जा सकता है। 


प्रियंका ने एमबीबीएस भी कर रखी


प्रियंका शुक्ला के परिवार की इच्छी थी की वह यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अफसर बनें। हालांकि, उन्होंने डॉक्टर बनना पसंद किया और एमबीबीएस की पढ़ाई की। उन्होंने लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया। अपनी एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने लखनऊ में प्रैक्टिस करना भी शुरू कर दिया। 


कहीं की कलेक्टर हो क्या? सवाल ने बदली जिंदगी


डॉक्टरी के कार्य के दौरान प्रियंका एक बार स्लम एरिया में जांच के लिए पहुंची थीं। यहां उन्होंने देखा कि एक महिला गंदा पानी पी रही थी और अपने बेटे को भी गंदा पानी पिला रही थी। महिला को ऐसा करते देखकर प्रियंका से रहा नहीं गया और उन्होंने महिला को ऐसा करने से रोका। हालांकि, महिला ने उनकी बात मानने के बजाय उल्टा उनसे ही सवाल कर दिया - तुम कहीं की कलेक्टर हो क्या? यही वह पल था, जिसने प्रियंका के जीवन को नया मोड़ दे दिया और उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा पास करने की ठान ली। 


पहले मिली विफलता


ऐसा नहीं है कि डॉ. प्रियंका शुक्ला को पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा में सफलता मिल गई। यूपीएससी के अपने पहले प्रयास में उन्हें विफलता भी हाथ लगी। हालांकि, उन्होंने हार न मानते हुए साल 2009 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईएएस बन कर दिखाया। प्रियंका को अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। अपने कार्य के अलावा प्रियंका पेंटिंग, नृत्य, गाना और कविता भी लिखती हैं। 


क्या है युवाओं के लिए संदेश?


प्रियंका से जब उनके सफर के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि अगर आपने कोई लक्ष्य बनाया है तो हर हाल उसे प्राप्त करने का प्रयास करो। विफल होने पर निराशा जरूर मिलती है लेकिन लगातार प्रयास करने से कामयाबी भी जरूर मिलती है।