Success Story : कौन है देश का सबसे बड़ा गोल्ड काराेबारी? इस व्यक्ति ने 10 हजार से शुरूआत कर खड़ी कर दी 2.5 लाख करोड़ की कंपनी
Success Story of Gold Businessman : जीवन में संघर्ष एक बेहद जरूरी चीज है। इसके बिना मिली यानि कि परोसी हुई सफलता में वो मजा कहां जो संतुष्टि कड़ी मेहनत के बाद सफल होने में है। इस बात का ही जीता जागता उदाहरण है देश का सबसे बड़ा ये गोल्ड कारोबारी (gold trader) । आज हम जिस शख्स के बारे में आपको बताएंगे उसकी कहानी मिसाल देने लायक है। तो आइए जान लें इसकी पूरी कहानी विस्तार से...

HR Breaking News, Digital Desk- सफलता की कहानियां तो आपने बहुत सुनी होंगी लेकिन आज हम जिस शख्स की सफलता की कहानी आपको बताने जा रहे हैं, उसके जीवन संघर्ष से भरा रहा है, लेकिन सफलता का स्वाद इतना मीठा है कि कहानी पढ़ने और सुनने वाले भी उसे महसूस करने लगते हैं। गुजरात के इस कारोबारी ने महज 10,000 रुपये से बिजनेस शुरू किया और आज 2।5 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा का बिजनेस एम्पायर खड़ा कर दिया है। उन्हें दुनिया का सबसे बड़ा सोने का व्यापारी (Gold Businessman success story) भी माना जाता है। नाम है राजेश मेहता (Rajesh Mehta)।
इनके बारे में जितनी बात करें वो कम है। मूल रूप से गुजरात के रहने वाले राजेश मेहता ने 2,000 रुपये अपने भाई से और 8,000 रुपये बैंक से उधार लेकर 1982 में बिजनेस शुरू किया था। उनके पिता जसवंतरी मेहता ज्वैलरी बिजनेस के लिए कर्नाटक आए थे। महज 16 साल की उम्र में राजेश भी पिता के साथ काम करने लगे और आज देश और दुनिया में सफल गोल्ड एक्सपोर्टर (Gold Exporter Rajesh Mehta) के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। वे राजेश एक्सपोर्ट्स (Rajesh Exports story) के मालिक और कार्यकारी अध्यक्ष हैं।
डॉक्टर बनने का सपना देखते-देखते, बन गए गोल्ड कारोबारी
पढ़ाई के मामले में ये किसी से कम नही थे। राजेश मेहता की पढ़ाई बेंगलुरु के सेंट जोसेफ स्कूल से (Rajesh Mehta qualification) हुई। शुरुआत में वह डॉक्टर बनना चाहते थे लेकिन बाद में पिता के ज्वैलरी बिजनेस से जुड़ गए। उन्होंने और उनके भाई प्रशांत ने अपने पिता के व्यवसाय को बढ़ाने का संकल्प लिया। राजेश मेहता ने चांदी का व्यवसाय शुरू करने के लिए अपने भाई बिपिन से 12000 रुपये कर्ज लिया। इस दौरान राजेश मेहता चेन्नई से आभूषण खरीदते थे और राजकोट में बेच देते थे। इसके बाद उन्होंने गुजरात में थोक विक्रेताओं को आभूषण बेचना (Selling Jewelery to Wholesalers) शुरू किया।
चांदी बेचते-बेचते तय किया सोने तक का सफर
बता दें कि शुरुआती कामयाबी के बाद में राजेश मेहता (Rajesh Mehta story) ने बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद में अपने कारोबार का विस्तार किया। 1989 में उन्होंने सोने के आभूषणों के कारोबार में कदम रखा और बेंगलुरु में अपने गैरेज में एक सोने की निर्माण इकाई शुरू की। उन्होंने ब्रिटेन, दुबई, ओमान, कुवैत, अमेरिका और यूरोप को सोना निर्यात करना शुरू किया। 1992 तक उनका व्यवसाय बढ़कर 2 करोड़ रुपये प्रति वर्ष हो गया। वर्ष 1998 तक, व्यवसाय ने गति पकड़ी और प्रति वर्ष 1200 करोड़ रुपये का व्यवसाय बन गया। बाद में उन्होंने शुभ ज्वेलर्स नाम से एक स्टोर खोला। कंपनी के पास अब पूरे कर्नाटक में ऐसे कई स्टोर हैं।
कंपनी ने जुलाई 2015 में स्विस रिफाइनरी Valcambi का अधिग्रहण किया। अब उनके पास स्विट्जरलैंड और भारत में रिफाइनरी भी हैं। यह दुनिया की सबसे बड़ी सोना निर्यातक कंपनी है। 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 2.58 लाख करोड़ रुपये (Rajesh mehta net worth) था। कंपनी भारत, स्विट्जरलैंड और दुबई से सोने के आभूषण और सोने के उत्पादों का निर्यात (Export of gold jewelery and gold products) करती है।