home page

upsc success story : 5 बार फेल होने के बाद भी नहीं मानी हार, आखिर में हासिल कर ली IAS की कुर्सी

UPSC Success Story : कुछ लोग अपनी गलतियों से सीखकर और अधिक मेहनत करते हैं, वही आगे चलकर सफलता प्राप्त करते हैं. आईएएस IAS नुपुर गोयल ने भी यही मिसाल पेश की है, जिनकी सक्सेस स्टोरी हर यूपीएससी UPSC एस्पिरेंट्स को जाननी चाहिए-
 | 

HR Breaking News (नई दिल्ली)। नुपुर गोयल यूपी कैडर की 2020 बैच की आईएएस IAS अफसर हैं. उनकी आईएएस IAS बनने की कहानी बेहद ही प्रेरणदायी है. बता दें कि नुपुर दिल्ली के नरेला की रहने वाली हैं. उन्होंने डीएवी स्कूल से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है. वहीं दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से उन्होंने इंजीनियरिंग की है. 

इसके बाद उन्होंने इग्नू से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स पूरा किया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नुपुर को उनके चाचा से सिविल सर्विसेज में जाने की प्रेरणा मिली. उनके चाचा खुद आईएएस बनना चाहते थे, लेकिन सफल नहीं हो पाए, जिसके बाद नुपुर ने फैसला किया की वह इस परीक्षा को निकालकर रहेंगी. 

नुपुर गोयल की यूपीएससी UPSC के सफर की शुरूआत शानदार रही, जब साल 2014 में पहली ही बार में उन्होंने प्रीलिम्स और मेन्स दोनों क्लियर करलिया, लेकिन इंटरव्यू में बाहर हो गईं. अगले साल उन्होंने फिर से प्रयास किया लेकिन इस बार वह प्रीलिम्स भी नहीं क्लियर कर पाईं. 

तीसरी बार में वह फिर इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन इसे क्लियर नहीं कर पाईं, तो चौथे प्रयास में वापस प्रीलिम्स नहीं निकाल पाईं. 5वें प्रयास में वह फिर इंटरव्यू तक पहुंची लेकिन इस बार भी फाइनल लिस्ट में नाम नहीं आया. इतनी बार असफलता से कोई भी परेशान हो जाता और शायद कोशिश करना ही छोड़ देता, लेकिन नुपुर ने अपना हौसला नहीं खोया. 

इसी बीच उनकी नौकरी आईबी यानी इंटेलीजेंस ब्यूरो में भी लग गई. वह आईबी में बतौर इंटेलीजेंस ऑफिसर नियुक्त हुईं, लेकिन उनका आईएएस IAS बनने का सपना अब तक पूरा नहीं हुआ था. लिहाजा उन्होंने 6वीं बार यूपीएससी UPSC में अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया. इस बार उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, औऱ जैसा कि कहा गया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती, नुपुर गोयल की भी कोशिश सफल हुई और अपने अंतिम प्रयास में वह आईएएस बन ही गईं. 

नुपुर गोयल ने साल 2019 की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 11वीं हासिल की थी. अपने इंटरव्यूज में नुपुर कहती हैं कि यूपीएससी के सफर में कई बार हताशा होती है, लेकिन ऐसे में जरूरी है कि आपका सपोर्ट सिस्टम यानी कि घर-परिवार औऱ दोस्त ऐसे होने चाहिए जो आपको बुरे समय से निकाल सकें.