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SDM, Tehsildar, DM और ADM कौन होता है, जानिए क्या काम करना होता है और कितनी मिलती है सैलरी

बहुत से युवाओं का सपना होता है देश की सेवा करना इसलिए बहुत से छात्र यूपीएससी, आईएएस, एसडीम, डीम बनने का सपना देखते हैं लेकिन क्या आपको पता है इन्हें कौन सा काम करना होता है कितनी सैलरी मिलती है। आइए जानते हैं सबकुछ
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SDM, Tehsildar, DM और ADM कौन होता है, जानिए क्या काम करना होता है और कितनी मिलती है सैलरी 

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। सरकारी नौकरी (Sarkari Naukri) पाने की चाहत हर किसी की होती है. लेकिन इसमें भी लोगों की पहली पसंद ऑफिसर की नौकरी (job) की होती है. अगर नौकरी SDM, Tehsildar, DM और ADM पद की हो तो बात ही कुछ और है. इन पदों की नौकरी जितनी अच्छी होती हैं, उतना ही इसे पाने में मशक्त करनी पड़ती है. 


इसके लिए उम्मीदवारों को UPSC या स्टेट PCS की परीक्षा पास करना होता है. इस परीक्षा में तीन फेज प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू शामिल होता है. अगर आप भी इन पदों पर नौकरी पाने की इच्छा रखते हैं, तो इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए.

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SDM, Sub Divisioal Magustrate: एसडीएम का मतलब सब-डिवीजनल मजिस्ट्रेट होता है. इसे जिले के सब-डिवीजन का मुख्य एक्जीक्यूटिव अधिकारी माना जाता है. जैसे एक राज्य में विभिन्न जिले होते हैं, वैसे ही एक जिले को भी कई सब डिवीजन में विभाजित किया जाता है. एक सब-डिवीजन के प्रभारी के रूप में वह मूल रूप से अपने विशेष उप-डिवीजन में होने वाली सभी गतिविधियों और कार्यों में सामंजस्य, उचित सिंक्रनाइज़ेशन और समन्वय सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है. 


UPSC सिविल सेवा परीक्षा को पास करने के बाद पोस्टिंग के समय एक IAS अधिकारी को किसी भी स्टेट में दिए जाने वाला पहला पदनाम SDM होता है. हालांकि, एक राज्य सिविल सेवा (PCS) या अन्य राज्य स्तरीय प्रशासनिक अधिकारी को भी राज्य सिविल सेवाओं में अपने करियर के 20 से 25 साल के बाद SDM और कभी-कभी DM के पद पर प्रमोट किया जा सकता है. PCS से IAS बनने के लिए कई मापदंड हैं.

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Tehsildar: तहसीलदार (Tehsildar) को एक टैक्स अधिकारी के तौर पर भी माना जाता है, जो रेवेन्यू इंस्पेक्टरों के साथ जुड़े होते हैं. वे भूमि राजस्व के संबंध में एक तहसील से कर प्राप्त करने के प्रभारी हैं. एक तहसीलदार (Tehsildar) को संबंधित तहसील के एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के रूप में भी जाना जाता है. 
किसी व्यक्ति को पदोन्नति के माध्यम से या राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करके तहसीलदार (Tehsildar) के रूप में तैनात किया जा सकता है. परीक्षा में बैठने के लिए एक व्यक्ति के पास न्यूनतम उत्तीर्ण अंकों के साथ ग्रेजुएट का सर्टिफिकेट होना चाहिए. सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बीसी, एससी, एसटी और शारीरिक रूप से विकलांग श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आयुसीमा में छूट भी दी जाती है.


DM, District Magistrate: DM या डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, एक भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी होता है, जो देश के एक जिले के सामान्य प्रशासन का सबसे सीनियर एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और प्रमुख प्रभारी होता है. IAS ऑफिसरों को आमतौर पर राज्यों में SDM का पद दिया जाता है. SDM के पद पर लगभग 5 से 6 साल बाद DM के पद पर प्रमोट किया जाता है. एक DM जिले के भीतर कई जिम्मेदारियों के लिए जिम्मेदार होता है. उन्हें अपने जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखनी होती है. 

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इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर राजस्व एकत्र करना होता है. जिले का नेतृत्व करने के साथ उन्हें सौंपे गए कई कार्यों को पूरा करना होता है. कुछ कार्यों में SP और अन्य जिला स्तर के अधिकारियों को सेवा रिपोर्ट लिखना और उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट करना शामिल है. एक DM के पास SDM से अधिक शक्तियां होती हैं. इन पदों पर नौकरी पाने के लिए उम्मीदवारों को UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए उपस्थित होना होगा. इसके लिए उम्मीदवारों को किसी भी विषय में ग्रेजुएट होना चाहिए और उनकी न्यूनतम आयु 21 वर्ष होनी चाहिए.


ADM, Additional District Magistrate: ADM का फुल फॉर्म एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है. जब किसी उम्मीदवारों का UPSC के जरिए IAS अधिकारी चयन होता है, तो जिनका अच्छा रैंक होता है, उसे IAS कैडर दिया जाता है. ट्रेनिंग पूरा करने के बाद IAS ऑफिसर को किसी राज्यों में SDM के तौर पर नियुक्त किया जाता है. कई सालों तक काम करने के बाद उन्हें ADM (Additional District Magistrate) के पद पर प्रमोट किया जाता है. 

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इसी तरह जब PCS ऑफिसर अपना ट्रेनिंग पूरा करते हैं, तब उन्हें सब डिवीजनल मजिस्ट्रेट (SDM) का पद दिया जाता है. इसके बाद उन्हें सिटी मजिस्ट्रेट के पद पर प्रमोट किया जाता है और बाद में ADM या एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के रूप में प्रमोशन दिया जाता है. कई जिलों में ADM के दो से तीन पद भी होते हैं. इनमें ADM (सिटी), ADM (वित्त/राजस्व) और ADM (एक्जीक्यूटिव) शामिल होता है. ADM के पदों पर सीधी भर्ती नहीं की जाती है. यह प्रमोशनल पद होता है. इस पद पर नौकरी करने के लिए उम्मीदवारों को सबसे पहले UPSC या राज्यों द्वारा आयोजित होनी वाली PCS की परीक्षा पास करनी होती है.