उघमियों की रचनात्मक सोच अपारंपरिक तरीके से तत्कालिक व्यवसायिक समस्याओं को हल करने में सक्षम : प्रो. महेश चंद गर्ग

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के जीजेयू के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस में उघमशीलता विषय को फोकस करते हुए एक रचनात्मक दो दिवसीय ‘क्विज मास्टर’ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। प्रतियोगिता में गूगल फॉर्म के द्वारा एक ऑनलाइन टेस्ट लिया गया और इसके बाद ऑनलाइन फेस टू फेस चुनिन्दा टीमों से विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न पूछे गए। इस क्विज मास्टर की रूप रेखा एचएसबी के एक्टिविटी क्लब के सदस्य जैसमिन व पारुल ने डॉ प्रमोद कुमार व डॉ अंजली गुप्ता की रेख देख में रखी। इस मौके पर विश्वविद्यालय के अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक व विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. महेश चंद गर्ग मुख्यातिथि रहे व कार्यक्रम की अध्यक्षता निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल ने की। इस रचनात्मक प्रतियोगिता के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने टीम-एचएसबी को बधाई दी है।मुख्यातिथि प्रो. महेश चंद गर्ग ने कहा कि रचनात्मकता निर्धारित सीमाओं से परे सोचने और मूल और अपारंपरिक तरीके से मुद्दों व तत्कालिक समस्याओं को हल करने का प्रयास है। एक समयावधि में पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना एवं मेंटल प्रेशर हैंडल करना एवं नए विचारों या चीजों को करने के असामान्य तरीके पैदा करने की क्षमता है। उनका यह मानना है कि उद्यमियों को आगे बढ़ने के लिए उन्नत विचारों की आवश्यकता होती है, लेकिन ये विचार शायद ही संयोगवश नहीं, अपितु प्रयास स्वरूप उतपन्न होते हैं। उन्होंने बताया एक रचनात्मक उद्यमी व्यवसायिक नियमों और नैतिक सिद्धांतों का पालन करता है। ऐसे नियम व सिद्धांत ही संगठन में मूल्य जोड़ते हैं और अधिक ग्राहकों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने आयोजकों, प्रतिभागियों व विजेताओं को बधाई देते हुए टीम-एचएसबी के विभिन्न एक्टिविटीज के नियमित आयोजन करने सम्बंधित अथक प्रयासों की भी सराहना की।
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निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल व अधिष्ठात्री प्रो. शबनम सक्सेना ने बताया कि एक रचनात्मक उद्यमी अपने विचारों के साथ-साथ अपने व्यक्तिगत मूल्यों को भी एक व्यवसायिक दृष्टिकोण के रूप में प्रयोग करता है। बाद में विचारों को पूर्वनियोजित तरीके से कार्यान्वयन में परिवर्तित करता है। निश्चित तौर पर, एक सफल उद्यमी को अपनी व्यवसायिक प्रतिष्ठा खोने का डर कम होता है और वह हमेशा नए-नए उपक्रमों में अपनी रचनात्मक सोच का प्रयोग करने के लिए उत्सुक रहता है। एक सफल उद्यमी रचनात्मकता से डरता नहीं है। वह सदैव यह मानता है कि रचनात्मक विचार केवल उसके उद्यम में व्यवसायिक मदद करेंगे। एक रचनात्मक विचारक के रूप में एक सफल उद्यमी नए उत्पादों या सेवाओं को बनाने के लिए पूरी तरह से विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल वातावरण में बदलने में रुचि रखता है। एक उद्यमी मौजूदा सेवाओं के लिए बेहतर या नए उत्पादों को विकसित करता है और मौजूदा उत्पादों के लिए नई सेवाएं प्रदान करता है। एक रचनात्मक उद्यमी नए विचारों की सराहना करने से डरता नहीं है। एक उद्यमी एक विचार साझा करता है और प्रतिक्रिया के लिए खुला होता है जो विचार को बेहतर और परिष्कृत करता है। एक रचनात्मक उद्यमी विभिन्न चीजों को सीखता है, चाहे वे उद्योग से संबंधित हों या नहीं। ये संकेतक बताते हैं कि उद्यमशीलता और रचनात्मकता एक-दूसरे के साथ-साथ से चलते हैं। रचनात्मकता को अक्सर एक उद्यमी के सर्वोत्कृष्ट लक्षण के रूप में देखा जाता है। उन्होंने बताया कि इन्ही कारणों से हमारे विद्यार्थियों में रचनात्मकता लाने के लिए एक तरह की प्रतिस्पर्धी प्रतियोगिता करवाई गई है और आगे भी करवाई जाएंगी।
स्टूडेंट्स एक्टिविटी कोऑर्डिनेटर प्रो. दलबीर ने बताया कि इस एक्टिविटी के सफल आयोजन में प्रो. कर्मपाल नरवाल, डॉ हिमानी शर्मा, डॉ वंदना सिंह, डॉ श्वेता सिंह व प्रेरणा टुटेजा ने अहम भूमिका निभाई। प्रतियोगिता में में लगभग 290 विद्यार्थियों ने पंजीकरण करवाया था। पहले दिन गूगल फॉर्म के द्वारा मैनेजमेंट से सम्बंधित कुछ प्रश्न पूछे गए और 30 में से 20 अंक से अधिक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को दूसरे राउंड के लिए चुना गया। फिर उन्हें अलग-अलग टीम में बांटा गया, जिसमें टीम को जूम पर फेस टू फेस पूछे गए प्रश्नों का उत्तर देना था। एक प्रश्न का उत्तर देने के लिए उन्हें 10 सेकंड का समय दिया गया था। अंतिम चरण में आठ टीमों ने भाग लिया एवं टीम ‘ए’ के श्रृषभ, दिव्या गोयल, कृष्ण कुमार एवं शिशांक विजेता रहे। प्रतियोगिता के विजेता विद्यार्थियों का कहना है कि इस प्रतियोगिता से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। उन्होंने बताया कि जैसे ही प्रश्न पूछे जाते थे तो हम 5 से 7 सेकंड में ही उत्तर डिस्कस करके बताते थे। इससे प्रभावी निर्णय लेने के सुधार करने में काफी मदद हुई है और समय रहते ही सही उत्तर देना एवं अंडर प्रेशर शांत दिमाग से सोचने में यह प्रतियोगिता काफी सहायक रही।