home page

GST E-Invoice Update : छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी खबर, जानें पूरा मामला

GST E-Invoice Update : देश के करोड़ों छोटे कारोबारी और खुदरा दुकानदारों को सरकार जल्द बड़ी राहत दे सकती है। मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार सभी के लिए जीएसटी ई-इनवॉइस जरूरी बनाने की योजना को लागू करने से परहेज कर सकती है। मौजूदा समय में 50 करोड़ रुपये से अधिक के सालाना कारोबार पर ई-इनवॉइस जरूरी है।

 | 
GST E-Invoice Update : छोटे व्यापारियों के लिए बड़ी खबर, ई-इनवॉयसिंग से मिल सकती है छूट

HR Breaking Neews : नई दिल्ली : मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सरकार की तैयारी बिजनेस टू बिजनेस (बी2बी) यानी एक कारोबारी से दूसरे कारोबारी के बीच होने वाले व्यापार में सभी तरह के लेनदेन के लिए ई-इनवॉइस लागू करने की थी।

हालांकि, फिलहाल इसे छोड़ने पर विचार किया जा रहा है।

अधिकारी ने कहा कि विशेषज्ञों और हितधारक समूहों ने सरकार को सुझाव है कि ई-इनवॉइस को सभी के लिए लागू करने से पहले इससे होने वाले नफा-नुकसान का आकलन करना बेहतर होगा।

 

यह भी जानिए

 

 

फिलहाल 50 करोड़ तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को ई-इनवॉइस जेनरेट करना जरूरी


अभी जीएसटी पोर्टल पर पंजीकृत सालाना 50 करोड़ तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-इनवॉइस जेनरेट करना जरूरी है। इस साल 1 अप्रैल से इस सीमा को 20 करोड़ कर देने की तैयारी है। ऐसे में इसके दायरे में आने की वजह से अधिक से अधिक कारोबारियों को ई-इनवॉइस जेनरेट करना होगा।

 

यह भी जानिए

 


 

सबके लिए जरूरी करना फायदेमंद नहीं


ई-इनवॉइस की न्यूनतम सीमा 20 करोड़ से घटाकर इसे सभी छोटे कारोबारियों पर लागू करने को लेकर सरकार कई बातों पर विचार कर रही है। वह इसके लिए मिले सभी सुझावों पर विचार कर रही है। विशेषज्ञों ने वित्त मंत्रालय को सुझाव दिया है कि छोटे कारोबारियों की संख्या बहुत ज्यादा है, लेकिन टैक्स देनदारी के लिहाज से उनकी हिस्सेदारी बेहद कम है। उनका कहना है कि ऐसे में सरकार यदि दुकानदारों पर बेवजह टैक्स नियमन का बोझ लादेगी तो इससे कारोबार में बाधा आने के साथ अर्थव्यवस्था पर भी असर होगा। साथ ही कारोबार सुगमता की राह में यह अड़चन पैदा करेगा।

 

उपभोक्ताओं को ध्यान में रखना जरूरी

 


टैक्स विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार की ओर से ई-इनवॉइस की न्यूनतम सीमा 20 करोड़ तक तय किया जाना तर्कसंगत है, लेकिन इससे नीचे जाकर सभी छोटे लेनदेन को इसके दायरे में लाना सही नहीं है। टैक्स सलाहकार के.सी. गोदुका का कहना है कि अंतिम उपभोक्ता अपनी किसी भी तरह की खरीद या बिक्री पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का क्लेम नहीं कर सकता है। ऐसे में उसके लिए ई-इनवॉइस नियम का पालन करना भी जरूरी नहीं होना चाहिए।

 

यह भी जानिए

क्या है ई-इनवॉइस


यह किसी भी प्रकार की वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के लिए एक विशिष्ट वाणिज्यिक इनवॉइस (बिल) का मिश्रण है। इसमें शुरुआत से अंत तक हर प्रक्रिया का आंकड़ा होता है। इसे प्राप्तकर्ता बिजनेस को जीएसटी सिस्टम से सीधे हस्ताक्षरित इनवॉइस डाउनलोड करने के लिए सक्षम करके प्राप्त किया जा सकता है। अधिसूचित पोर्टल पर इनवॉइस विवरण की रिपोर्टिंग और रेफरेंस नंबर जेनरेट करना इसकी विशेषताओं में शामिल है।