50 करोड़ के घोटाला की जांच चल ही रही थी और इससे पहले नगर निगम के दफ्तर में ही आग लग गई…

फरीदाबाद। करोड़ों के घोटाले की जांच चल ही रही होती है जांच पूरी हो इससे पहले सरकार दफ्तर में ही आग लग जाती है। ऐसा हुआ है फरीदाबाद में। फरीदाबाद के नगर निगम मुख्यालय में 50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि इससे पहले ही कार्यालय में आग लग गई। आग कैसे लगी इसके कारण का पता नहीं लग पाया। इस आग में अकाउंट ब्रांच का रिकॉर्ड और अन्य सामान राख हो गया। अचानक लगी इस आग के बाद चर्चाएं ये भी गर्म हैं कि इसके पीछे 50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की जांच पर पर्दा डालने की साजिश है। वहीं नगर निगम कमिश्रर यश गर्ग ने इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर दी। जांच कमेटी को सोमवार तक जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है।
सुबह करीब पौने आठ बजे अचानक नगर निगम के अकाउंट ब्रांच में आग लग गई। इसकी सचूना दमकल विभाग को आठ बजे दी गई। इसके बाद दमकल की गाड़ियों ने एक घंटे में इस आग पर काबू पाया। फायर ऑफिसर ने बताया कि आग लगने से अंदर रखे सामान और फर्नीचर जलकर खाक हो गए हैं। लेकिन पानी की बौछार से अंदर रखे सारे कागजात भीग गए हैं।
आखिर क्या है घोटाला
6 जुलाई को वॉर्ड नंबर 37 के पार्षद दीपक चौधरी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2017 से लेकर 2019 तक विकास कार्यों का ब्योरा मांगा था। जिसमंत विकास कार्यों का ब्योरा व ठेकेदारों को जो भुगतान किए गए उस पैसों की जानकारी मांगी थी। उन्हें ब्यौरा भी उपलब्ध करा दिया गया। उसका अध्ययन करने के बाद पार्षद ने पाया कि उनके वॉर्ड में 27 कार्य हुए हैं जिनमें एक करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान ठेकेदार को दिया गया है। उन्होंने दूसरे वार्डों के पार्षदों से संपर्क कर इस ब्योरो को शेयर किया और जानकारी मांगी तो पता चला कि 40 वॉर्ड में से 10 वॉर्ड ऐसे हैं जहां कोई काम नहीं हुआ लेकिन ठेकेदार को इसकी पेमेंट की गई है। इस हिसाब से ये रकम करीब 50 करोड़ रुपये तक है।