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फसल मुआवजे को लेकर सरकार ने बदले नियम, अब केवल इन किसानों को मिलेगा मुआवजा

New Rule for poor crop compensation in haryan हरियाणा सरकार की ओर से किसानों को खराब फसल (Poor crop) के बदले मिलने वाले मुआवजे (compensation according poor crop) को लेकर नए आदेश पारित किए गए है। जिसके चलते अब केवल इतने फीसदी फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा आइए नीचे खबर में जानते हरियाणा सरकार (haryana sarkar) द्वारा मुआवजे को लेकर पारित किए गए नए आदेशों के बारे में 

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New Rule for poor crop compensation in haryan फसल मुआवजे को लेकर सरकार ने बदले नियम, अब केवल इन किसानों को मिलेगा मुआवजा

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क हरियाणा,  हरियाणा सरकार प्राकृतिक आपदा से 24 फीसदी तक फसल खराब होने पर कोई मुआवजा नहीं देगी। 25 से 32 प्रतिशत, 33 से 49 प्रतिशत, 50 से 74 प्रतिशत और 75 से 100 प्रतिशत फसल खराब होने पर ही मुआवजा दिया जाएगा। फसल क्षतिपूर्ति के लिए पंजीकृत क्षेत्र का 4 प्रतिशत डीसी से सत्यापित होना जरूरी है।

 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल (haryana cm manohar lal) ने कहा है कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (e-compensation portal) पर पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार पंजीकृत मोबाइल नंबर से लॉगिन करेंगे। वे फसल नुकसान के लिए किसान के आवेदन को देख सकते हैं। एसडीएम अपने लॉगिन से पटवारी, कानूनगो व तहसीलदार के प्रस्तुत बेमेल डेटा को देख सकेंगे। 

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किसान की शिकायत का सत्यापन भी एसडीएम ही करेंगे। डीसी स्वीकृत मुआवजा राशि को आयुक्त के अनुमोदन के लिए भेजेंगे। आयुक्त अपनी टिप्पणी के साथ इसे नोडल अधिकारी के पास भेज देंगे। नोडल अधिकारी द्वारा सरकार की स्वीकृति ली जाएगी। मंजूरी के बाद राशि सीधे किसान के सत्यापित खाते में डालने की प्रक्रिया शुरू होगी। 


पहरावर विवाद: पॉलिसी के तहत लेनी होगी संस्था को जमीन
रोहतक के पहरावर गांव में भूमि विवाद को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह दो विभागों से संबंधित मामला है क्योंकि संस्था की जमीन पर मलकियत नहीं है, इसलिए पॉलिसी के तहत ही उनको जमीन लेनी होगी। इसके लिए नगर निगम और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को पॉलिसी बनाने के लिए कहा है। 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले जमीन पहरावर पंचायत की थी। पंचायत ने यह जमीन वर्ष 2008 में दो साल के लिए लीज पर दी थी। इसके बाद वर्ष 2010 तक संस्था ने भवन नहीं बनाया। इसके बाद संस्था ने दोबारा आवेदन किया। इस मामले में आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीच में यह जमीन एक्वायर भी की गई। बाद में यह गांव नगर निगम में आ गया। निगम ने जमीन अधिगृहीत करने की कार्रवाई की। इसकी कागजी कार्रवाई वर्ष 2010 से 2022 तक पूरी नहीं हुई है। इसे पूरा करना अनिवार्य है। 

 

 

सीईटी के तुरंत बाद होगी नियुक्ति
संयुक्त पात्रता परीक्षा (सीईटी) में देरी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलिसी जारी की जा चुकी है। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग इस पर काम कर रहा है। तिथि का फैसला भी आयोग ही करेगा कि परीक्षा जुलाई में होगी या अगस्त में। इस परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इसके बाद कोई साक्षात्कार नहीं होगा।

 

देश तोड़ने वाली शक्तियां बर्दास्त नहीं
आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस के प्रमुख पन्नू द्वारा हरियाणा सरकार और गृह मंत्री को धमकी देने के मामले पर सीएम ने कहा कि इस पर खुफिया एजेंसी काम कर रही हैं क्योंकि यह देश की सुरक्षा का मामला है। देश तोड़ने वाली शक्तियों को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा, चाहे किसी भी हद तक जाना पड़े। 

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