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संजीवनी अस्पताल से निकाले गए स्टाफ कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय के बाहर दिया धरना

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड 19 अस्थाई अस्पताल में आउटसोर्सिस के तहत लगे करीबन 35 कर्मचारियों को शुरूआत से लेकर अभी तक वेतन नही मिला है। इससे रोषित कर्मचारयों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले नागरिक अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने
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संजीवनी अस्पताल से निकाले गए स्टाफ कर्मचारियों ने सीएमओ कार्यालय के बाहर दिया धरना

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड 19 अस्थाई अस्पताल में आउटसोर्सिस के तहत लगे करीबन 35 कर्मचारियों को शुरूआत से लेकर अभी तक वेतन नही मिला है। इससे रोषित कर्मचारयों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले नागरिक अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरना दिया। धरने पर बैठे कर्मचारियों ने ठेकेदार पर रुपये लेने का आरोप भी लगाया है। उनका कहना है कि ज्वाइनिंग के समय उनके रुपये ये कह कर लिए की सिक्योरिटी के रूप में ले रहे है बाद में लौटा दिए जाएंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों ने कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया। ज्ञापन लेने मौके पर पहुंची सीमएओ डॉक्टर रतना भारती ने कहा कि एक दो दिन में जो वेतन रूका हुआ है वह मिल जाएगा।

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बिना नोटिस के हटा दिया

सर्व कर्मचारी संघ के संबंधित स्वास्थ्य विभाग ठेका कर्मचारी यूनियन के बैनर के नीचे आउटसोर्सिस के तहत लगे कर्मचारी सिविल अस्पताल में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर एकत्रति हुए। किसान आंदोलन और सर्व कर्मचारी संघ के प्रधान सुनील मान भी कर्मचारियों के आंदोलन में शामिल हुए। धरने को संबोधित करते हुए सुनील मान ने कहा कि 16 मई को जिंदल स्कूल में चौधरी देवीलाल संजीवनी कोविड अस्थाई अस्पताल खोला गया। उस समय आउटसोर्सिस के तहत कर्मचारियों का चयन किया गया।  उस समय ये कहा गया कि यहां से बाद में सिविल अस्पताल, पीएचसी या सीएचसी में समायोजित कर दिया जाएगा। आरोप है कि उस वक्त ठेकेदार ने कर्मचारियों से हजारों रुपये की नकदी जमा करवाई और कहा कि यह सिक्योरिटी के रूप मे जमा करवाई जा रही है। इसे बाद में लौटा दिया जाएगा। उसके बाद से लेकर अब तक वहीं पर काम कर रहे है। अगस्त माह में बिना कोई नोटिस दिए कर्मचारियों को निकाल दिया। अभी तक उन्हें कोई वेतन नहीं मिला है। जब इस बारे में ठेकेदार से बात की तो कहा कि दो माह का वेतन मिलेगा। और सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाई गई राशि को देने से इंकार कर दिया।

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सर्व कर्मचारी संघ और किसानों के बीच बहस

सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर धरने पर पहुंचे किसान और सर्व कर्मचारी संघ से जुड़े सदस्यों के बीच बहस भी हुई। काफी देर तक बहस होती रहती। कर्मचारियों को समर्थन देने आए किसानों का कहना था कि कर्मचारियों से नौकरी लगवाने के नाम पर रुपये लिए गए है। इस बात को प्रमुखता से क्यों नहीं उठाया। इसी बात को लेकर हंगामा होता रहा। बाद में किसान चले गए फिर कहीं जाकर मामला शांत हुआ।

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