बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी वर्ग के पदों में कटौती सीधा जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार। बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन हरियाणा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को सिविल सर्जन के माध्यम से ज्ञापन भेजकर एमपीएचडब्ल्यू काडर और उससे पदोन्नत पदों में कटौती के निर्णय को वापिस लेने की मांग की है।बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एसोसिएशन ब्लॉक हिसार ने प्रदेश के समाप्त किए गए सैकड़ों पदों की बहाली की मांग को लेकर सिविल सर्जन कार्यालय हिसार के समक्ष रोष प्रदर्शन करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा। आज यहां जारी प्रेस विज्ञप्ति में एसोसिएशन के प्रधान प्रदीप कुमार,सचिव पवन यादव,पूर्व महासचिव राजकुमार,वरिष्ठ सदस्य नूर मोहमद और बजरंग सोनी ने बताया कि करोना काल में दिन रात मरीजों की सेवा करने वाले एमपीएचडब्ल्यू काडर व उससे पदोन्नत पदों पर कार्यरत कर्मचारियों के सराहनीय कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करना तो दूर उल्टे स्वास्थ्य निदेशालय की योजना शाखा द्वारा संबंधित विभाग की निदेशक की जानकारी के बिना राज्य के सभी जिला स्तरीय शहरों में एक समान 6 एमपीएचडब्ल्यू और एक सुपरवाइजर के पदों का नोरम तय करके तुगलकी फरमान जारी करने का कार्य किया है।
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इसके अलावा जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय में कार्यरत लगभग 80 कर्मचारियों और अधिकारियों का जुलाई माह का वेतन अगस्त माह बीतने के उपरान्त आज तक जारी नही किया गया।उक्त मांगों को लेकर एसोसिएशन ने सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपा।इस संबंध में जन सूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी गई सूचना से खुलासा हुआ है कि स्वास्थ्य महानिदेशक की योजना शाखा द्वारा इस संबंध में संबंधित निदेशक तक की राय लेना भी उचित नहीं समझा एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य मोहमद ने बताया कि विभाग के वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम की निदेशक द्वारा योजना शाखा को बार-बार पत्र व्यवहार करते हुए नए नोरम पर आपत्ति जताने और नए नौरम लागू करने से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव से अवगत करवाने के बावजूद योजना शाखा द्वारा पद समाप्त करने के निर्णय को अभी तक वापस नहीं दिया गया।कर्मचारी नेताओं ने बताया कि माननीय स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के कुशल नेतृत्व में स्वास्थ्य कर्मचारियों की मेहनत का नतीजा है कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को देश का सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य मंत्री का खिताब हासिल हुआ। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एक तरफ तो 2022 में राज्य को मलेरिया मुक्त व 2025 में टीबी रोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखा हुआ है वहीं स्वास्थ्य महानिदेशालय में बैठे कुछ अधिकारियों की मनमानी का आलम यह है कि अधिकारी अपने पदों में पदोन्नति के अवसर ज्यादा करवा रहे हैं वही धरातल पर कार्य करने वाले फ्रंटलाइन वारियर्स बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारियों स्वास्थ्य सुपरवाइजर के पदोन्नति के पद समाप्त कर नए नौरम लागू करने पर आमदा है। महानिदेशालय एक तरफ तो बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में एमपीएचडब्ल्यू के 2700 पदों को बढ़ाकर 4283,स्वास्थ्य सुपरवाइजर के 630 से बढ़ाकर 825 करने,लैब टेक्नीशियन के 212 से 602 करने,सीनियर लैब टेक्नीशियन के 13 से 22 करने तथा फील्ड वर्कर के 537 से बढ़ाकर 1012 करने की मांग सरकार से करता है वही दूसरी ओर निदेशालय की योजना शाखा पदों को घटाने के आदेश दे रही है।कर्मचारी नेताओं ने बताया कि अधिकारियों के उक्त तुगलकी फरमान पर अमल होने की स्थिति में अब 15 लाख की आबादी वाले बड़े शहर और एक लाख की आबादी से कम वाले छोटे शहर में एक समान 6 एमपीएचडब्ल्यू व एक स्वास्थ्य सुपरवाइजर लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगे जबकि केंद्र सरकार के नौरम अनुसार 5000 की आबादी पर एक एमपीएचडब्ल्यू वह 30 हजार की आबादी पर एक स्वास्थ्य सुपरवाइजर नियुक्त होना चाहिए।उन्होंने बताया कि नए नियम के अनुसार जहां अधिकारियों के पदों में बढ़ोतरी की गई है वहीं पर तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के अन्य वर्गों के पदों में भारी कटौती करते हुए कैंची चलाई गई है। सरकार एक तरफ तो कोरोना वैक्सीनेशन और सैंपलिंग का कार्य एमपीएचडब्ल्यू और स्वास्थ्य सुपरवाइजर हमले के सहारे करवा कर जनता में वाहवाही लूटना चाहती है दूसरे सैकड़ों पदों की कटौती कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने पर आमदा है। इस अवसर पर एसोसिएशन के संगठन सचिव राम दर्शन जांगड़ा, कैसियर सतीश कुमार,उप प्रधान सुनील गुर्जर,पूर्व महासचिव राजकुमार, हैल्थ इन्स्पेक्टर रमेश कुंडू,सुखबीर सिंह, सुनील शर्मा, बजरंग सोनी,विक्रम खनगवाल, नवीन,नीरज,कुलदीप सहित एसोसिएशन के पदाधिकारी शामिल रहे।