मिथेन गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए भी सार्थक कदम उठाने होंगे: कुलपति प्रो. काम्बोज

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव राज काम्बोज ने कहा है कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए हमें इलैक्ट्रोनिक्स एवं उद्योगों के कचरे के प्रबंधन की ओर तेजी से ध्यान देना होगा। मिथेन गैस के उत्सर्जन को रोकने के लिए भी सार्थक कदम उठाने होंगे। कुलपति प्रो. काम्बोज गुरुवार को ओजोन दिवस के उपलक्ष्य पर विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी विभाग के सौजन्य से आयोजित वेबिनार को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. अवनीश कुमार बेबिनार के विशिष्ट अतिथि थे। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के पर्यावरण विभाग की प्रो. राजेश धनखड़ ने मुख्यवक्ता के रूप में प्रतिभागियों को संबोधित किया। पर्यावरण एवं अभियांत्रिकी संकाय के अधिष्ठाता प्रो. प्रवीण शर्मा की उपस्थित में हुए इस बेबिनार की अध्यक्षता विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजेश लोहचब ने की। कार्यक्रम का आयोजन छात्र कल्याण अधिष्ठाता कार्यालय के सहयोग से किया गया।
प्रो. काम्बोज ने इस अवसर पर कहा कि नुकसानदायक गैसें ओजोन परत को नष्ट करने का सबसे बड़ा खतरा हैं। आम आदमी में जागरुकता उत्पन्न करके हम इस खतरे को कम कर सकते हैं। पौधारोपण इस दिशा में एक सार्थक एवं महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। प्रो. काम्बोज ने कहा कि धरती की सतह पर लगातार पानी जमा रहना भी मिथेन गैस के उत्सर्जन का एक बड़ा कारण है। इसके जहां किसानों में जागरुकता पैदा की जानी चाहिए वहीं वैज्ञानिकों को इस दिशा में वैकल्पिक उपाय उपलब्ध करवाने के लिए शोध करने चाहिए। कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा पोस्टर, स्लोगन तथा अन्य माध्यमों से दिए गए आइडियाज को भी अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। इन आइडियाज पर आगे कार्य होना चाहिए। कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि ओजोन गैस के बचाव तथा पर्यावरण सुरक्षा को लेकर राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुछ मापदंड तय किए है। कई सार्थक कदम भी उठाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी इस दिशा में काफी कार्य किए जाने की आवश्यकता है।
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बेबिनार की मुख्यवक्ता प्रो. राजेश धनखड़ ने अपने संबोधन ने ओजोन परत के निर्माण तथा उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. राजेश ने बताया कि ओजोन में एक दरार हो गई है। उन्होंने बताया कि यह दरार किस प्रकार हुई तथा उन्होंने इससे उत्पन्न खतरों के बारें में बताया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार हम व्यक्तिगत रूप से ओजोन परत को नुकसान पहुंचने से बचाने में अपना योगदान दे सकते हैं। मोन्ट्रियल प्रोटोकोल उपायों का पालन करके हमारा ओजोन छिद्र अब ठीक हो रहा है जो कि एक शुभ संकेत है। प्रो. प्रवीण शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने आस-पास से मौसमी फल तथा अन्य वस्तुएं खरीदनी चाहिए। विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश लोहचब ने स्वागत संबोधन किया तथा ओजोन दिवस के बारे में बताया। डा. अनीता किरडोलिया कार्यक्रम के समन्वयक व डा. लखविन्द्र कार्यक्रम के सह-समन्वयक थे। कार्यक्रम का संचालन डा. अनीता किरडोलिया ने किया।
पोस्टर मेकिंग व स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं हुई ओजोन दिवस के उपलक्ष्य पर विभाग की ओर से पोस्टर मेकिंग, स्लोगन लेखन तथा प्रेजेनटेशन प्रतियोगिताएं करवाई गई। पोस्टर मेकिंग में शीतल ने पहला, रचना ने दूसरा तथा प्रियंका ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। स्लोगन लेखन में ज्योति बाला पहले, अंजलि यादव दूसरे तथा राहुल गौड तीसरे स्थान पर रहे। प्रेजेनटेशन में निशा सेठी ने पहला, नलिनी ने दूसरा तथा पूजा रनवाला ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।