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प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस का वैज्ञानिक अध्ययन तथा तात्कालिक सदुपयोग हाई क्वालिटी रिसर्च के लिए अत्यंत जरूरी : राजीव रंजन

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के जीजेयू के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस ने अपने 250 से अधिक शोधार्थियों के लिए ‘प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस के वैज्ञानिक अध्ययन एवं सदुपयोग’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र-कम-वेबिनार का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण सत्र के मुख्य वक्ता सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी, नई दिल्ली के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव रंजन
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प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस का वैज्ञानिक अध्ययन तथा तात्कालिक सदुपयोग हाई क्वालिटी रिसर्च के लिए अत्यंत जरूरी : राजीव रंजन

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार के जीजेयू के हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस ने अपने 250 से अधिक शोधार्थियों के लिए ‘प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस के वैज्ञानिक अध्ययन एवं सदुपयोग’ विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण सत्र-कम-वेबिनार का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण सत्र के मुख्य वक्ता सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी, नई दिल्ली के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव रंजन थे।  विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शर्मा ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव प्रो. अवनीश वर्मा ने टीम-एचएसबी को बधाई दी है।

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मुख्य वक्ता राजीव रंजन ने इस वेबिनार में प्रतिभागी सभी शोधार्थियों को इस महत्वपूर्ण रिसर्च डाटाबेस के बारे में बताया तथा इस डेटाबेस में समय समय पर आए बदलाव व प्रोसीजर के बारे में सभी शोधार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किसी भी शोध का अभिन्न अंग, कोई वैज्ञानिक एवं विश्वसनीय रिसर्च डेटाबेस ही होता है। अत: प्रोवेस डेटाबेस इन दोनों ही पैमानों पर खरा उतरता है। उन्होंने विभिन्न रिसर्च क्षेत्रों में इस डेटाबेस की जरूरतों को विस्तृत उदाहरण के माध्यम से समझाया कि कैसे इसमें हजारों पंजीकृत कंपनियों की वित्तीय व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी आसानी से पाई जा सकती है। इस दौरान उन्होंने बेहद धैर्य के साथ सैकड़ों शोधार्थियों की प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस से सम्बंधित अनेकों तात्कालिक समस्याओं का भी समाधान किया।

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हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. कर्मपाल नरवाल व अधिष्ठात्री प्रो. शबनम सक्सेना ने बताया कि वर्तमान संस्करण वाले इस आधुनिक प्रोवेस रिसर्च डेटाबेस में पचास हजार से ज़्यादा पंजीकृत कंपनियों का विस्तृत डाटा उपलब्ध है।  यह डेटाबेस विश्वविद्यालय द्वारा अपने सभी शोधार्थियों के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वे समय समय पर प्रॉपर ट्रेनिंग लेकर सही तकनीक की सहायता से अपने शोधन कार्य के लिए इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने शोधार्थियों को इसके एडवांस सूत्रों के बारे में भी बताया, जिसकी सहायता से वें अपने शोध की क्वालिटी को उच्चतम स्तर तक ले जा सकते हैं। इस रिसर्च डाटाबेस का प्रयोग ना केवल शोधार्थी, बल्कि शिक्षक भी अपनी कक्षाओं में इसका प्रयोग कर अपने शिक्षण को, सही उदाहरण प्रस्तुत करने के लिए इस डेटाबेस में उपलब्ध आंकड़ों की मदद से और अधिक गुणवत्तापरक बना सकते हैं।

पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह के नियमित प्रशिक्षण समय की मांग है तथा विश्वविद्यालय में शोध की गुणवत्ता को लगातार सुधारने में अत्यंत प्रभावशाली हैं। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रो. उबा सविता एवं डा. हिमानी शर्मा का प्रयास सराहनीय रहा। इस प्रशिक्षण सत्र में 250 से अधिक शोधार्थियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और अपने आपको शैक्षणिक तौर पर हरसंभव लाभान्वित किया। विभाग के कई वरिष्ठ शिक्षकों विशेषकर प्रो. महेश गर्ग, प्रो. विनोद कुमार, प्रो. प्रदीप गुप्ता, प्रो. टीका राम व प्रो. दलबीर सिंह ने भी इस कार्यक्रम में अपना सक्रिय योगदान दिया।

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