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महंगाई से बढ़ी ईंट भट्ठों की लागत, एसोसिएशन ने बढ़ाए ईंटों के रेट

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार जिग जग भट्ठा एसोसिएशन की वार्षिक बैठक सोमवार को जिला प्रधान दलबीर पंवार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कोयले के बढ़ते भाव, मजदूरी के बढ़ते रेट, डीजल के बढ़े हुए भाव व जीएसटी की बढ़ोतरी के चलते भट्ठा उद्योगों पर गहराए आर्थिक संकट पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक
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महंगाई से बढ़ी ईंट भट्ठों की लागत, एसोसिएशन ने बढ़ाए ईंटों के रेट

एचआर ब्रेकिंग न्यूज। हिसार जिग जग भट्ठा एसोसिएशन की वार्षिक बैठक सोमवार को जिला प्रधान दलबीर पंवार की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कोयले के बढ़ते भाव, मजदूरी के बढ़ते रेट, डीजल के बढ़े हुए भाव व जीएसटी की बढ़ोतरी के चलते भट्ठा उद्योगों पर गहराए आर्थिक संकट पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ईंटों के रेट अब 6500 रूपए प्रति हजार किया जाएगा।
बैठक को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि कोयले के भाव पिछले छह महीनों में नौ हजार रूपए प्रति टन से बढ़कर 22 हजार रूपए प्रति टन हो गए हैं। इसके साथ ही मजदूरी भी करीब डेढ़ गुणा तक बढ़ गई है। इस स्थिति में भट्ठा उद्योग चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है।

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उन्होंने कहा कि भट्ठे चलाने का नया सीजन शुरू होने जा रहा है और अगर 22 हजार रूपए प्रति टन कोयला खरीद कर भट्ठे चलाए जाते हैं तो ईंटों का रेट लगभग आठ हजार रूपए प्रति हजार हो जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार छोटे व सीमांत व्यापार को खत्म करके पूंजीपतियों के हाथों में यह व्यापार देने की साजिश रच रही है। कोयले का व्यापार पहले ही दो तीन बड़ी कंपनियों के हाथों में जा चुका है। उन्होंने कहा कि अगर ईंट भट्ठे बंद हो गए तो देश में करोड़ों मजदूर व लाखों भट्ठा व्यवसायी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने मांग की कि भट्ठों को कोयले की आपूर्ति का रेशनेलाइजन किया जाए ताकि आम उपभोक्ता को सस्ती दरों पर ईंटें मिल सके। इस मौके पर वरिष्ठ उपप्रधान श्यामलाल, उपप्रधान सुनील यादव, महासचिव राजेश गोयत, कोषाध्यक्ष दिनेश चहल, पूर्व जिला प्रधान केसी शर्मा, सूरजमल मलिक, रघुवीर चहल, अमित सुनेजा, कुशल गोगिया, रवि सुनेजा, सुरेंद्र पूनिया, आलोक, ओमप्रकाश, सतपाल घनघस सहित अन्य पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।

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