Vastu Dosh: वास्तु दोष को समझना है जरूरी, इससे बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान

HR Breaking News (नई दिल्ली)। Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र एक प्राचीन भारतीय विज्ञान है, जिसे घर या अन्य स्थलों की संरचना के लिए सही दिशा और उसके वातावरण को संतुलित रखने के नियमों के रूप में परिभाषित किया गया है.
ऐसा माना जाता है कि जब हमारे निवास स्थल का निर्माण वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार होता है, तो हमारे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. और घर का वातावरण को शुभ और मंगलमय बना रहता है. घर के अंदर पॉजिटिविटी और सकारात्मक ऊर्जा बरकरार रखना महत्वपूर्ण है.
आधुनिकता और वास्तु -
आज के आधुनिक जमाने में, हमने अपनी पारंपरिक जीवन शैली और दिनचर्या को छोड़ दिया है. हम अब अधिक वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकी जीवन शैली को अपना रहे हैं. इससे हमारे जीवन में अधिक संवेदनशीलता और तनाव आ गया है, जिससे घर में अशांति और असंतोष पैदा हो रहा है. अगर हम अपनी पारंपरिक वास्तु शास्त्र की सलाह को अपना लें, तो हम अपने जीवन में पुनः संतुलन प्राप्त कर सकते हैं.
वास्तु दोष कैसे होता है -
घर के विभिन्न हिस्सों में, किचन का अपना विशेष स्थान है. यह वह स्थान है जहां खाना तैयार होता है, और खाना हमारी सेहत और ऊर्जा का मुख्य स्रोत है. इसलिए, किचन को सही जगह और सही दिशा में रखना चाहिए ताकि सकारात्मक एनर्जी का संचार हमेशा बना रहे. अधिकांश लोग अपनी व्यस्त जीवन शैली में वास्तु के मौलिक नियमों को अनदेखा करते हैं.
जैसे, रात में भोजन करने का समय बदल गया है और बहुत से लोग भोजन करने के बाद किचन को साफ नहीं करते हैं. ऐसी छोटी-छोटी बातें वास्तु दोष का कारण बन सकती हैं. इसलिए, अगर हम चाहते हैं कि हमारे घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति हो, तो हमें अपनी बुरी आदतों को बदलना होगा.