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दो तीन पेग लगाने के बाद लोग भूलने लगते हैं, जानिए क्या है Alcohol Blackout का कारण

आज बहुत सारे लोग डेली शराब पीते हैं और अपने ये बात नोटिस की होगी की शराब पीने के बाद लोग अक्सर बातें भूलने लग जाते है और क्या कह रहे हैं इसके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं चलता, इसे alcohol blackout कहा जाता है , क्या होता है इसका कारण, आइये नीचे डिटेल में जानते हैं 
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HR Breaking News, New Delhi : भले ही आज करोड़ों लोग डेली शराब पीते हैं पर ये बात किसी से छुपी नहीं है की शराब पीने से हमारी सेहत पर कितना बुरा असर पड़ता है | अपने आसपास अगर आप शराब पीने वालों को देखें, तो आपको मालूम चलेगा कि ज्यादा शराब पीने के बाद उन्हें होश नहीं रहता... यानि पीने के बाद वो क्या बोलते हैं, किस बात पर हंसते हैं और किस बात पर रोने लगते हैं... नशा उतरने के बाद उन्हें खुद याद नहीं रहता. इसी पर अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एल्कोहल एब्यूज एंड एल्कोहलिज़्म (National Institute of Alcohol Abuse and Alcoholism) ने एक रिसर्च किया है, इस रिसर्च में उन्होंने बताया है कि दुनिया भर में शराब पीने के बाद कितने लोग अपना होश खो बैठते हैं. इसके साथ ही हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर यह अल्कोहल ब्लैकआउट क्या होता है, जिसका शिकार आज ज्यादातर युवा हो रहे हैं.

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इसलिए खो देते हैं होश 
बीबीसी को दिए अपने एक इंटरव्यू में अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एल्कोहल एब्यूज एंड एल्कोहलिज़्म (National Institute of Alcohol Abuse and Alcoholism) के आरोन वाइट कहते हैं कि शराब पीने के बाद ज्यादातर लोग कुछ देर बाद अपना होश खो बैठते हैं. अगर उन्होंने लिमिट से ज्यादा शराब पी ली है तो वह ब्लैकआउट का भी शिकार हो जाते हैं. यानी उस दौरान उनके आसपास क्या चीजें हो रही हैं, उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता. इसे लेकर 1000 छात्रों पर एक रिसर्च की गई जिसमें पता चला कि कम से कम दो तिहाई लोग यानी 66.4% लोग शराब पीने के बाद आंशिक ब्लैकआउट का शिकार हो गए.


 हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी (heidelberg university) ने भी शराब के इंसानी दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर एक रिसर्च किया, जिसमें उन्हें पता चला कि बहुत ज्यादा शराब पीने के बाद आपका दिमाग अपने आसपास के माहौल को समझने में सक्षम नहीं रहता. सरल भाषा में कहें तो आपके एकाग्र होने की क्षमता शराब पीने की वजह से कमजोर होने लगती है.

अल्कोहल दिमाग पर डालती है ये असर 

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हाइडेलबर्ग यूनिवर्सिटी (heidelberg university research) के रिसर्चर हेल्मुट जाइत्स इस रिपोर्ट में बताते हैं कि शराब में मौजूद एथेनॉल, अल्कोहल का बहुत छोटा अणु है. शरीर के अंदर पहुंचते ही यह खून और पानी में आसानी से घुल जाता है. जबकि, इंसानी शरीर का 70 से 80 फ़ीसदी हिस्सा पानी है. यही वजह है कि अल्कोहल इसमें खुलकर आपके पूरे शरीर के साथ-साथ दिमाग तक भी पहुंच जाता है. जैसे ही यह आपके दिमाग तक पहुंचता है, उसके बाद वह दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटरों के ऊपर असर डालना शुरू कर देता है, इसकी वजह से तंत्रिका तंत्र का केंद्र प्रभावित होने लगता है. आपके तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना मतलब आप भ्रम की स्थिति में पहुंच जाते हैं. कई बार आप चीजों को भूल ने भी लगते हैं और पूरी तरह से अल्कोहल ब्लैकआउट का शिकार हो जाते हैं.