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Alcohol: इस स्थिति में आप शराब को नहीं पीते, शराब आपको पीने लग जाती है, इन 9 संकेतों से समझें

When should you not drink alcohol? खुशी हो या गम हो...शराब लोगों की लाइफस्टाइल का हिस्सा बन गई है। कुछ लोग शौंक के तौर पर पीते हैं तो वहीं कुछ लोगों को लत लग जाती है। लेकिन फिर भी लोगों के मन में शराब (Alcohol) को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं। इसे कब, कितनी मात्रा में और किस तरीके से पीना चाहिए। आज हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताने जा रहे है जिन्हे देख आप यह पता लगा सकते है कि फिलहाल आप महज शराब के शौकीन हैं या फिर आपको इसकी लत लग चुकी है। आइए नीचे खबर में जानते हैं कौन कौ से हैं वो नौ संकेत- 
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Alcohol: इस स्थिति में आप शराब को नहीं पीते , शराब आपको पीने लग जाती है, इन 9 संकेतों से समझें

HR Breaking News, Digital Desk - आमतौर पर लोग शराब (Alcohol) का सेवन मस्ती करने और दिन भर की थकान को दूर करने के लिए करते हैं. यह अलग बात है कि इस फेर में अगर जरा भी ढील दी गई और पीने-पिलाने के मामले में सावधानी नहीं बरती गई, तो यह शौक न सिर्फ आदत में बदल सकता है बल्कि जानलेवा भी हो सकता है. आमतौर पर शराब में कुछ ऐसे तत्व होते हैं, जो धीरे-धीरे सेवन करने वालों को लती बना लेते हैं. मोटे तौर पर माना जाता है कि दो घंटे से कम समय में यदि पुरुष 5 और महिलाएं 4 पैग लेती हैं, तो वह आदतन शराबनोशी (alcoholism) करने वालों की सूची में शुमार हो जाते हैं. ऐसे में इन 9 बातों का ईमानदारी से आकलन(honest assessment) कर आप जान सकते हैं कि फिलहाल आप महज शौकीन हैं या फिर लती हो चुके हैं. 


ज्यादातर वीकएंड में शराब परोसी जाए


अधिकतर लोग मानते हैं कि अगर वे रोज नहीं पीते और सिर्फ वीकएंड्स पर ही पीते हैं, तो वे लती नहीं हैं. हालांकि ऐसी सोच रखने वाले गलत ही होते हैं. ऐसे लोग मान कर चलते हैं कि वह हर रोज तो पीते नहीं, किसी-किसी रात को 5 या 6 पैग ले लेते हैं, तो इसमें कुछ गलत नहीं है. ऐसे में अगर आपके हर वीकएंड पर अल्कोहल शामिल रहता है, तो सोचने की जरूरत है. आप गंभीरता से विचार करें कि बगैर अल्कोहल कैसे शाम गुजारी जा सकती है. लती हो चुके लोग शुक्रवार या शनिवार की शाम पार्टी की ही सोच कर चलते हैं. ऐसे में वीकएंड्स को कॉफी पिएं, फिल्म देखें और दोस्तों के साथ डिनर करें. 


जितनी ले लो, हजम हो जाती है


अगर यह सोच विकसित हो जाए कि चाहे जितनी पी लें, सब हजम हो जाती है तो यह बेहद गलत सोच है. आपका शरीर ज्यादा मात्रा को हजम जरूर कर लेता है, लेकिन और-और के लिए भी प्रेरित करता है. शरीर के अंग (body parts) और सिस्टम इसके अभ्यस्त हो जाते हैं. मनोवैज्ञानिक तौर पर आप और-और पीने लगते हैं और ज्यादा शराब के सुरूर को इंज्वॉय (Enjoy the flavor of wine) करने लगते हैं. एक समय ऐसा आता है कि दिमाग और-और शराब करने लगता है, जो एक खतरनाक स्थिति होती है. ऐसे में जरूरी है कि शराब पीते वक्त अपनी सीमा तय करें.
 

नींद की समस्या से निजात देती शराब


अनिद्रा से पीड़ित लोग सोचते हैं कि उनकी समस्या का समाधान शराब में निहित है. भले ही एक-दो पैग आपको नींद के आगोश में समाने में मदद करते हैं, लेकिन इससे आपके शरीर को जरूरी आराम नहीं मिलता है. शराब के सेवन करने से, भले मात्रा कितनी ही हो, गहरी नींद की गारंटी नहीं दी जा सकती औऱ ना ही आराम की. यही वजह है कि तमाम लोग सुबह सोकर उठने के बाद तरोताजा महसूस नहीं करते और काम में ध्यान लगाने में दिक्कत आती है. ऐसे में भले ही आप मान कर चलें कि एक-दो पैग से अच्छी नींद आ रही हैं, लेकिन धीरे-धीरे आप इस आदत से भी खुद को नुकसान ही पहुंचा रहे होते हैं।


दिमाग में ब्लैकआउट


अगर आप उन लोगों में से हैं जो शराब पीने के बाद यह ध्यान नहीं रख पाते कि शऱाब पीने के दौरान और बाद में क्या हुआ, तो यह खतरे की घंटी है. कम समय में ज्यादा मात्रा पीने से दीर्घकालिक स्तर पर याद्दाश्त पर असर पड़ता है. साथ ही आप थकान से भरे और चीजों-बातों को बार-बार दोहराने वाले ही बन जाते हैं. दिमाग में ब्लैकआउट (blackout in the brain) तब होता है जब शरीर और दिमाग पर शराब हावी हो उसका नियंत्रण ले ले. जाहिर तौर पर किसी को भी यह जानना अच्छा नहीं लगता कि उसने फलां रात को शराब पीने के बाद क्या किया. तो बेहतर है कि ऐसी स्थिति आने ही मत दें. 


अपनी जिम्मेदारियों को दरकिनार करें


आप जब अपनी दैनिक जिम्मेदारियों को दरकिनार कर शराब को प्राथमिकता देने लगें, तो जरूरी है कि थोड़ा रुक कर स्थिति का आकलन कर लें. शराब की वजह से दैनिक रूटीन में शामिल कामों को करना बंद नहीं करें. सोच-विचार कर लें कि कितनी बार हैंगओवर की वजह से आपने ऑफिस के काम में दिलचस्पी नहीं दिखाई या डिप्रेशन सा महसूस किया. ध्यान रखें शराब का सेवन (alcohol abuse) खाली समय में अपने दोस्तों और परिजनों के साथ ही अच्छा लगता है. इसके उलट प्रवृत्ति किसी भी लिहाज से उचित नहीं है. 


जब दोस्त लगे टोकने


अक्सर ऐसा होता है कि दोस्त कहने लगते हैं कि यार तुम तो अच्छी खासी शराब हजम कर लेते हो... ऐसा सुनने पर गर्व नहीं महसूस करें बल्कि इसे चेतावनी समझें. आपके दोस्त औऱ परिजन खतरे को पहले भांप लेते हैं. ऐसी बात कहने के पीछे उनका आशय यही होता है कि वह तो खुद को संभाल नहीं सके, लेकिन आपने संभाल लिया. ऐसी स्थिति में असहज होने पर कुछ लोग अकेले में पीना शुरू कर देते हैं, तो ध्यान रखें कि छिप कर किया जाने वाला काम अच्छा होता ही नहीं. ऐसी किसी भी स्थिति में ईमानदार बनें और जल्द समस्या का हल ढूंढें.
अगली बार शराब कब पीनी है की सोच


अगर आपको लगे कि आपकी सोच में इसका शुमार हो चुका है कि अगली बार शराब कब पीनी है, तो इसके प्रति सावधान हो जाना चाहिए. अक्सर हम सभी लोग इसलिए शराब को तरजीह देते हैं कि दिन भर की थकान और किसी अप्रिय स्थिति को भूलाया जा सके. लेकिन अगर आप शराब पीने का बहाना(excuse to drink alcohol खोजने लगें और परिजनों के बीच भी शऱाब को तरजीह देने लगें तो बेहतर होगा कि सावधान हो जाएं. 


सीमा तय करें और बार-बार क्रॉस कर जाएं


यह बेहद खतरनाक होता है कि आप शराब के सामने अपना नियंत्रण खो बैठे. यानी हर बार तय करें कि इतने पैग से ज्यादा नहीं, लेकिन हर बार तय सीमा को ही पार कर जाएं. अगर ऐसा बार-बार होने लगे तो बेहतर होगा कि कड़ाई से खुद पर नियंत्रण लाएं. इसकी शुरुआत में ऐसे स्थानों को अवॉइड करें जहां आप शराब के सामने नियंत्रण नहीं रख पाते हों. शराब के बजाय अल्कोहल फ्री ड्रिंक्स को तरजीह दें. 


इतनी शराब पीने वाले हों हैं हैवी ड्रिंकर


सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार जो पुरुष एक सप्ताह में 15 ड्रिंक्स या इससे ज्यादा शराब का सेवन करते हैं, उन्हें हैवी ड्रिंकर माना जा सकता है। अगर महिलाओं की बात की जाए तो उनके लिए ये पैमाना थोड़ा अलग है। 


जो महिला एक सप्ताह में 8 या इससे ज्यादा ड्रिंक्स लेती है उसे हैवी ड्रिंकर माना जा सकता है। इसे ऐसे समझें कि हर दिन 1 या 2 ड्रिंक्स से ज्यादा शराब पीने को हैवी ड्रिंकिंग कहा जा सकता है। एक ड्रिंक में लगभग 30ml के करीब शराब  होती है। वहीं बीयर में करीब 5% अल्कोहल और शराब में 12% अल्कोहल होता है। लेकिन अलग-अलग ब्रांड में ये मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है ।


जिंदगी के तनाव का हल शराब में


आप यह मानने लगे कि जिंदगी में सिर्फ तनाव ही है और आपको उससे निजात दिलाने में शराब मदद करती है. भले ही शराब के सेवन से एक-दो घंटे आपको अच्छा लगता हो, लेकिन इससे स्थिति खराब ही होती है. इस फेर में आप अपनी जिम्मेदारियों औऱ सच्चाई से मुंह चुराने लगते हैं. इसकी परिणति और तनाव और चिंता के रूप में सामने आती है. बेहतर होगा कि ऐसी स्थिति में शराब से इतर हेल्दी लाइफस्टाइल (healthy lifestyle)अपनाएं. मसलन वॉक पर जाएं या जिम में जाकर एक्सरसाइज करें. वर्कआउट भी तनाव दूर करने और स्वस्थ रहने की बेहतरीन विकल्प है. 

कोल्ड ड्रिंक मिला कर शराब पी लिया तो क्या होगा?


कोल्ड ड्रिंक (cold drink) में शराब मिलाकर पीने से भले ही आपको तुरंत नशे का अहसास होने लगे, लेकिन यह आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। इस तरह से शराब पीने की वजह से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है और इसकी वजह से व्यक्ति डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। कई बार शराब को कोल्ड्र ड्रिंक (cold drink) में मिलाकर पीने से ऐसा भी होता है कि पीने वालों को पेग बनाते समय शराब की मात्रा का अंदाजा नहीं हो पता और इसकी वजह से पीने वाला इंसान सामान्य से ज्यादा शराब पी जाता है।

इससे हार्ट अटैक (heart attack) और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है, इसके साथ ही ज्यादा पीने वाला व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है। कोल्ड ड्रिंक में शराब मिलाकर पीने से शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि पहले तो आप शराब छोड़ दें और अगर आप शराब (Liquor) नहीं छोड़ सकते हैं तो उसमें ढेर सारा पानी मिला कर पिए, इससे आपकी सेहत पर नुकसान कम होगा।

शराब का शरीर पर क्या असर पड़ता है


अगर आप बहुत ज्यादा शराब (Liquor) पीते हैं तो इससे आपके पाचन स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। यह आपकी आंतों की शक्ति कम कर सकता है जिससे खाद्य पदार्थों को पचाने, पोषक तत्वों और विटामिनों को प्रभावी ढंग से अवशोषित करने में आंत सक्षम नहीं हो पाता है। इसके साथ ही बहुत ज्यादा शराब (Liquor) पीने से भी गैस, सूजन, दस्त और पेट के फूलने जैसी समस्या हो सकती है।

शराब की वजह से पुरानी सूजन से पेट में अल्सर हो सकता है और इससे आंतरिक रक्तस्राव हो सकता है। वहीं बहुत ज्यादा शराब पीने से रक्त वाहिकाएं मांसपेशियों को प्रभावित कर सकती हैं और हाई बल्ड प्रेशर का शिकार बना सकती हैं। ज्यादा शराब की मात्रा का सेवन करना आपका लिवर भी डैमेज कर सकता है।