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Alcohol : डेली देसी दारू पीने से क्या होता है, एक्सपर्ट ने दी राय

Desi Sharab Our Angreji Sharab Mein Antar - सभी प्रकार की शराब शरीर के लिए हानिकारक होती हैं। लेकिन जब बात देसी शराब की आती है तो लोग इसे पीने से मना करते हैं और अंग्रेजी शराब को ज्यादा तवज्जओ दी जाती है। अगर आप डेली देसी (desi daru) या फिर अंग्रेजी शराब पीते हैं तो आपके ये जानकारी होना बहुत जरूरी है कि देसी या अंग्रेजी शराब (angreji sharab) को पीने से शरीर पर क्या असर होता है और एक दिन में कितनी शराब पीनी चाहिए। चलिए जानते हैं शराब को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट- 

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Alcohol : डेली देसी दारू पीने से क्या होता है, एक्सपर्ट ने दी राय 

HR Breaking News (ब्यूरो)। liquor wine - देसी शराब और अंग्रेजी शराब में अंतर या उससे बनने के प्रोसेस के बारे में जानने से पहले आपको बता दें कि शराब पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है और इसका किसी भी रूप में सेवन करना गलत है। मगर जिन लोगों की शराब पीने की आदत है, वो देसी शराब (alcohol) पीना पसंद नहीं करते हैं, जबकि अंग्रेजी शराब पीना पसंद करते हैं।

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लेकिन, आपको ये जानकार हैरानी होगी कि देसी शराब (desi daru) और अंग्रेजी शराब में खास अंतर नहीं होता है और दोनों एक ही तरीके से बनती हैं। ऐसे भी कहा जा सकता है कि अंग्रेजी शराब के रूप में भी लोग देसी शराब पीते हैं और बस इसमें हल्क अंतर होता है।

लेकिन लोगों के मन में एक वहम होता है कि देसी शराब पीने से शरीर को ज्यादा नुकसान होता है और अंग्रेजी शराब पीने से फायदे मिलते हैं। ऐसा कुछ भी नहीं होता दोनों ही शराब सेहत के लिए नुकसानदायक हैं। आइए नीचे खबर में विस्तार से जानते हैं देसी दारू और अंग्रेजी शराब के बारे में- 

देसी शराब और अंग्रेजी शराब (angreji sharab kaise bnai jati hai) के बारे में जानने से पहले आपको बताते हैं कि देसी शराब को कंट्री लिकर या आईएमसीएल कहा जाता है, जिसका मतलब है इंडिया मेड कमर्शियल लिकर। वहीं, भारत में अंग्रेजी शराब के नाम पर जो शराब बिकती है, उसे आईएमएफएल यानी इंडिया मेड फॉरेन लिकर कहा जाता है। बता दें कि देसी शराब भी सरकारी नियमों का पालन करते हुए बनाई जाती है, जो लाइसेंस की दुकान पर मिलती है। वहीं, देसी शराब ही अंग्रेजी शराब का शुरुआती फॉर्म हैं।

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शराब की एक घूंट पीते ही शरीर पर होता है ये असर- 


शराब (alcohol)  की पहली घूंट लेते ही शराब जब शरीर के अंदर जाती है तो बस तभी से शरीर पर इसका असर शुरू हो जाता है। शरीर में पहुंचने पर एल्कोहल सबसे पहले पेट में गैस्ट्रिक एसिड बनाता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन लाता है। इसके बाद आंतें एल्कोहल सोखना शुरू करती हैं और उसके बाद ये विंग के जरिए लीवर तक पहुंचता है। लिवर के बहुत करीब होने के कारण इस बात की संभावना ज्यादा होती है कि एल्कोहल पेट से सीधे लिवर में पहुंच जाता है।

दिमाग पर असर

डीडब्ल्यू की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद लीवर अपना काम शुरू करते हुए बहुत सारे एल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को भी कम करने का काम करता है। लेकिन, जिन तत्वों को लीवर तोड़ नहीं पाता है वो तत्व सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में कुछ ही मिनटों में दिमाग पर शराब का असर होने लगता है। 


तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव

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शरीर में जाने के बाद एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को भी बहुत प्रभावित करता है। यह मस्तिस्क का तंत्रिका तंत्र से कनेक्शन तोड़ता है, जिसके बाद ये कोशिकाएं बहुत सुस्ती से काम करने लगती हैं। फिर मस्तिष्क अपने आप ही इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है। एल्कोहल मस्तिष्क के सेंटर पार्ट भी हमला करता है और व्यक्ति का खुद पर से कंट्रोल खोने लगता है। लंबे समय तक ऐसा चलने पर व्यक्ति की याददाश्त पर भी बुरा असर पड़ता है।

लिवर पर पड़ता है बुरा असर

शराब पीने से लीवर पर काफी बुरा असर पड़ता है और लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता है। खास बात ये है कि लीवर में दिक्कत होने का पता नही चलता ना ही दर्द होता है और शराबी को पता नहीं लगता है कि उसे क्या दिक्कत है। इसका पता तभी लग पाता है जब जांच के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं। इसलिए ज्यादा एल्कोहल पीने वाले लोगों को ऐसी जांच करवाते रहना चाहिए।


किडनी पर असर

शराब का बुरा असर किडनी पर भी पड़ता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, शराब पीने से दिमाग उस हार्मोन को प्रभावित करता है जो किडनियों को अधिक मात्रा में यूरिन बनाने से रोकता है। इसी वजह से शराब पीने पर बार-बार पेशाब के लिए जाने की जरूरत महसूस होती है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर किडनी खराब भी हो सकती है।

इस वजह से ज्यादा खतरनाक होती है देसी दारू-


शराब को अधिक नशीला बनाने के लिए उसमें कई चीजें मिलाई जाती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक साधारण देसी शराब गुड़ और शीरे से बनाया जाता है। हालांकि, इसे अधिक नशीला बनाने के लिए इसमें यूरिया और बेसरमबेल की पत्तियां भी मिला दी जाती हैं। साधारण देसी शराब में यूरिया और बेसरमबेल की पत्तियां मिलाने के बाद ये लंबे समय तक ज्यादा नशा करती हैं। इसके साथ ही ये जहरीली भी हो जाती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शराब का असर तेज करने के लिए इसमें ऑक्सिटोसिन भी डाल दिया जाता है, जिससे लोगों की मौत हो जाती है।
 

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