liqour : रेड वाइन पीने से मिलते हैं कई फायदे, लेकिन ध्यान रखें ये बात
सभी अल्कोहलिक ड्रिंक्स में रेड वाइन को एक हेल्दी विकल्प माना जाता है। रेड वाइन गहरे रंग के साबुत अंगूरों को फॉर्मेटिंग करके बनाई जाती है। यह एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। अंगूर कई एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। इनमें रेस्वेराट्रोल, कैटेचिन, एपिक्टिन और प्रोएथोसायनिडिन शामिल हैं।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

HR Breaking News (नई दिल्ली)। माना जाता है कि ये एंटीऑक्सीडेंट, विशेष रूप से रेस्वेराट्रोल और प्रोएंथोसायनिडिन, रेड वाइन के स्वास्थ्य लाभों के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। लेकिन इन फायदों को पाने के लिए फल खाना हमेशा फायदेमंद होता है लेकिन फिर भी अगर आपको अल्कोहल का सेवन करना है तो कम मात्रा में रेड वाइन एक बेहतर विकल्प है।
रेड वाइन में पावरफुल प्लांट कंपाउंड को कई हेल्थ बेनिफिट्स से जोड़ा गया है, जिनमें सूजन कम करना, हार्ट रोग और कैंसर का कम जोखिम और विस्तारित जीवनकाल शामिल है। रेड वाइन को मॉडरेट तरीके से पीना पर कई स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
रेड वाइन के फायदों के बारे में हमें न्यूट्रिशनिस्ट मेघा मुखीजा जी बता रही हैं। मेघा मुखीजा 2016 से Health Mania में चीफ डाइटीशियन और फाउंडर हैं। आइए इसके बारे में आर्टिकल के माध्यम से विस्तार में जानें-
हार्ट रोग के जोखिम को करता है कम
जो लोग एक दिन में लगभग 150 मिलीलीटर रेड वाइन पीते हैं, उनमें नॉन-ड्रिंर्क्स की तुलना में हार्ट रोग का जोखिम लगभग 32% कम होता है। हालांकि, अधिक सेवन से हार्ट रोग का खतरा नाटकीय रूप से बढ़ जाता है।
रेड वाइन की थोड़ी मात्रा पीने से गुड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बनाए रखने में मदद करके हार्ट रोग का खतरा कम हो सकता है। ऑक्सीडेटिव डैमेज और बैड एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीकरण को भी 50% तक कम किया जा सकता है।
कैंसर का कम जोखिम
रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स मौजूद होते हैं। इसलिए यह माना जाता है कि मॉडरेट वाइन लेने से कोलन, लंग, ब्रेस्ट, ओवरी और प्रोस्टेट कैंसर सहित कई तरह के कैंसर का जोखिम कम होता है।
डिमेंशिया का कम जोखिम
वाइन में मौजूद पॉलीफेनोल्स के न्यूरो प्रोटेक्टिव प्रभाव सूजन को कम कर सकते हैं और डिमेंशिया और अल्जाइमर रोग के जोखिम को कम कर सकते हैं।
डिप्रेशन का जोखिम होता है कम
मध्यम आयु वर्ग और बुजुर्ग लोगों के एक अध्ययन से पता चला है कि जो लोग प्रति सप्ताह 2-7 गिलास अल्कोहल पीते थे, उनके डिप्रेस होने की संभावना कम थी। वाइन में मौजूद रेस्वेराट्रोल ब्रेन में सेरोटोनिन को बढ़ाता है जिससे मूड अच्छा होता है।
दर्द से राहत, विशेष रूप से रूमेटाइड अर्थराइटिस में
रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल नामक एक यौगिक होता है, जिसमें अच्छी तरह से स्थापित एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि मॉडरेट वाइन के सेवन से रूमेटाइड अर्थराइटिस के कम जोखिम और बेहतर दर्द प्रबंधन से जुड़ी है।
चेतावनी
अल्कोहल के सेवन से कुछ स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, लेकिन बहुत अधिक अल्कोहल पीने से स्वास्थ्य जोखिम बढ़ सकते हैं।