hill stations : राजस्थान का ये हिल स्टेशन, दार्जिलिंग से नहीं है कम, यहां के रेलवे ट्रैक का भी अनोखा इतिहास
hill stations : वैसे तो भारत में कई हिल स्टेशन है लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे है राजस्थान के उस हिल स्टेशन के बारे में जो दार्जिलिंग से नहीं है कम, आइए खबर में जानते है इस हिल स्टेशन से जुड़ी पूरी जानकारी।

HR Breaking News, Digital Desk - राजस्थान भारत के बड़े राज्यों में से एक है। यह खूबसूरती से लबालब (overflowing with beauty) है। हर किसी को यहां आकर इसके हर हिस्से को जीने की इच्छा होती है। यहां आपको प्राकृतिक सौंदर्य से लेकर कला प्रदर्शन तक बहुत सुंदर और प्रशंसनीय स्थल देखने को मिलेंगे। इस राज्य की खूबसूरती को देखने के लिए केवल भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं। जयपुर, जैसलमेर, माउंटआबू और उदयपुर राजस्थान के बड़े और लोकप्रिय शहर हैं। लेकिन इन सबके साथ एक और ऐसी जगह है, जहां जाकर हर पर्यटक का दिल खुश हो जाता है। इसके बाद तो अगर आप दर्जिंलिंग न भी जा पाएं, तो कोई मलाल नहीं रहेगा। क्योंकि यह जगह बिल्कुल दार्जिलिंग की कॉपी है। तो आइए जानते हैं राजस्थान की वो जगह, जो देती है दार्जिलिंग वाला फील।
रेगिस्तान में हिल स्टेशन का बेहतरीन अनुभव
आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसी कौन सी जगह , तो बता दें कि यह है रेगिस्तान। जी हां, राजस्थान मे स्थित घोरम घाट एक ऐसी जगह है , जिसे राजस्थान का दार्जिलिंग और कश्मीर दोनों कहा जाता है। जयपुर से इसकी दूरी 278 किमी है। आप अपने व्हीकल से कुल 5 घंटे 40 मिनट में यहां पहुंच जाएंगे। जानते हैं गोरम घाट के बारे में ।
कहां है गोरम घाट
गोरम घाट उदयपुर से कुल 130 किमी दूर है। मारवाड़ और मेवाड़ की सीमा पर स्थित इस घाट पर बना रेलवे ट्रेक पर्यटकों के बीच काफी फेमस है। गोरम घाट से कुछ ही दूरी पर है खामली घाट, जहां ज्यादातर पर्यटक घूमने जाते हैं।
गोरम घाट रेलवे ट्रेक का अनोखा इतिहास
गोरम घाट रेलवे ट्रैक का इतिहास काफी दिलचस्प और अनोखा है। बताया जाता है कि गोरम घाट रेल का निर्माण साल 1932 में ब्रिटिशर्स ने करवाया था। इस रेल लाइन को खासतौर से मेवाड़ और मारवाड़ को जोड़ने के लिए बनाया गया था। रेल लाइन के रास्ते में हसीन पहाड़ों के साथ-साथ सुरंग भी पड़ती है, जिससे ये रास्ता काफी खूबसूरत हो जाता है। इतना ही नहीं यहां ट्रेन करीब 172 छोटे-बड़े पुल से होकर गुजरती है। पहाड़ों के बीच में मौजूद घोरम घाट से ट्रेन जब होकर गुजरती है, तो दार्जलिंग भी इसके आगे फीका लगने लगता है।
गोरम घाट की खूबसूरती के क्या कहने
अरावली पर्वत की वादियों में बसा गोरम घाट देशभर के पर्यटकों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। गर्मियाें में यह जगह बहुत सुकून देती है। जब ट्रेन यहां से पटरी से गुजरती है तो आसपास का नजारा हर किसी के दिल को खुश कर देता है। बता दें कि ट्रैक के साइड में लोगों के पैदल चलने के लिए एक पुल बनाया गया है । कई लोग इस ब्रिज पर खड़े होकर फोटोग्राफी का आनंद भी लेते हैं।
ले सकते हैं टॉय ट्रेन का मजा
दिलचस्प बात है कि यहां आकर आप दार्जिलिंग में चलने वाली टॉय ट्रेन का आनंद (toy train fun) ले सकते हैं। कुछ पर्यटक तो गोरम घाट की टॉय ट्रेन का अनुभव लेने के लिहाज से ही यहां आते हैं। बताया जाता है कि गोरम घाट की खूबसूरती को एक्सप्लोर करने के लिए पर्यटक ट्रेकिंग के लिए निकल जाते हैं।
कैसे पहुंचे गोरम घाट
गोरम घाट पहुंचने के लिए यहां के तीन रेलवे स्टेशन पर पहुंचा जा सकता है। वो हैं मारवाड़ जंक्शन, मावली जंक्शन और फुलाद जंक्शन । यहां से आप सीधे गोरम घाट पहुंच सकते हैं। जानकारी के लिए बता दें कि मारवाड़ जंक्शन गोरम घाट के सबसे नजदीक है। इसलिए कोशिश करें कि आप मारवाड़ जंक्शन तक की ही ट्रेन लें । अगर आप जयपुर, उदयपुर या जोधपुर जा रहे हैं, तो भी आपको यहां के लिए बस की सुविधा मिल जाएगी।
गोरम घाट घूमने के टिप्स
गोरम घाट एक हिल स्टेशन है, लेकिन यहां ठहरने की व्यवस्था नहीं है। इसलिए आप जोधपुर या मारवाड़ जंक्शन में कोई होटल या आश्रम बुक कर सकते हैं।
यहां पर खाने पीने के लिए कोई कैफे या रेस्टोरेंट भी नहींं हैं, इसलिए अपने साथ खाने पीने का सामान जरूर साथ लाएं।
यहां आप अगस्त से अक्टूबर के बीच जा सकते हैं। इस दौरान यहां का मौसम बेहद सुहावना रहता है।