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आप भी खाते हैं गर्मा गर्म रोटी तो जान लें इसके नुकसान

तवे से उतरी गरमा गरम रोटी भला किसे पसंद नहीं, मगर ऐसे हडबडाहट में अगर खाने की गलती हो जाए तो यह एक निवाला इतनी बडी बिमारी का कारण बन सकता हैं, आपको बता दें की रोटी ही नहीं बल्कि और गर्म खाने की चीजें भी जैसे चाय-काफी और सूप भी जल्दबाजी में खाने-पीने से कैंसर की समस्या हो सकती है।
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आप भी खाते हैं गर्मा गर्म रोटी तो जान लें इसके नुकसान

HR Breaking News (नई दिल्ली)।  तवे से उतरी गर्मागर्म रोटी सबको भाती हैं लेकिन इसे कभी भी ऐसे गर्म औेर जल्दी खाने की भुल न करें ये छोटी सी भुल आपकी जिंदगी की सबसे बडी सजा बन सकती हैं बल्कि रोटी ही नही हमें अन्य खाघ पदार्थ भी ध्यान भी खाने चाहिए जैसे चाय-काफी और सूप भी जल्दबाजी में खाने-पीने से कैंसर की समस्या हो सकती है।

खाने की नली में कैंसर के मामले बढ़े :


राजकीय जेके कैंसर संस्थान (Government JK Cancer Institute) में इलाज कराने पहुंच रहे मरीजों में ऐसे कई मामले मिले हैं। यहां के विशेषज्ञों के मुताबिक, सीए इसोफेगस (खाने की नली) में कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस समय 405 मरीजों का इलाज चल रहा है। कैंसर संस्थान के विशेषज्ञों के मुताबिक, इलाज के लिए 35-40 साल आयु वर्ग के युवाओं की जांच में खाने की नली का कैंसर यानी स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (squamous cell carcinoma) पाया जा रहा है।


इस कारण होती है समस्या :
गर्म भोजन या पेय से खाने की नली का अंदरूनी भाग क्षतिग्रस्त (damaged interior) होने से यह समस्या होती है। इसकी वजह है कि देर रात तक काम करना और सुबह विलंब से उठने की अनियमित जीवनशैली में लोगों का खानपान हड़बड़ी में होता है।

श्वांस नली (windpipe) और फेफड़े भी आ सकते चपेट में:
खाने की नली के ठीक पीछे श्वांस नली और फेफड़े होते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक खाने की नली का कैंसर तेजी से फैलते हुए श्वांस नली और फेफड़े को चपेट में ले लेता है, जिससे फिस्च्यूला (रास्ता) बन जाता है। खाना या पानी फेफड़े व श्वांस नली में चला जाता है। यह स्थिति और खतरनाक हो जाती है । जेके कैंसर संस्थान निदेशक प्रो. एमपी मिश्र ने बताया कि सीए इसोफेगस के कैंसर (Ca cancer of the esophagus) का शुरुआती अवस्था में पता नहीं चलता है। जब तक मरीज आते हैं, कैंसर की स्टेज 3-4 पहुंच चुकी है। उनका जीवन एक साल से छह माह के बीच रह जाता है। पिछले तीन वर्षो में इसके मरीज 2-3 फीसद की दर से लगातार बढ़ रहे हैं, जो गंभीर स्थिति है।

ये हैं लक्षण:

  • खाना या पानी निगलने में दिक्कत
  • सीने में लगातार जलन
  • खाना अंदर जाने में दिक्कत
  • खाने के तुरंत बाद उल्टी होना
  • सांस लेने में दिक्कत
  • लगातार खांसी आना

ऐसे करें निदान:
खाने की नली की इंडोस्कोपी जांच, सीटी स्कैन जांच और एमआरआइ जांच कराएं। समय रहते पता लगने पर इलाज करना आसान है।

साफ्ट-एनर्जी ड्रिंक्स (soft-energy drinks), जंक फूड-पैक्ड फूड (Junk Food-Packed Food) भी घातक
आज की व्यस्त जीवनशैली में युवाओं की निर्भरता पैक्ड फूड व जंक फूड पर बढ़ती जा रही है। साफ्ट व एनर्जी ड्रिंक्स का प्रयोग भी करते हैं। पैक्ड, जंक फूड और प्रिजर्व बेकरी आइटम में सोडियम बेंजाएट मिलाया जाता है। साफ्ट व एनर्जी ड्रिंक्स में आर्टिफिशियल स्वीटनर के रूप में बेंजीन ¨रग मिलाया जाता है, जो कैंसर का कारक होता है।
 

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