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Lucknow के इस बाजार में रुमाल की कीमत में मिल जाते हैं फैंसी कपड़े, लोग दूर-दूर से करने आते है खरीदारी

Lucknow Aminabad Market : दिवाली का त्योहार हर रोज नजदीक आता जा रहा है। अगर आप भी दिवाली पर शॉपिंग करने का प्लान कर रहे हैं और किसी ऐसे बाजार की तलाश कर रहे हैं जहां आपको बेहद कम कीमत में फैंसी डिज़ाइन के कपड़े मिल जाए तो आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं लखनऊ के उस बाजार से जुड़ी जानकारी जहां आपको रुमाल की कीमत में भी काफी शानदार कपड़े मिल जाएंगे।
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Lucknow के इस बाजार में रुमाल की कीमत में मिल जाते हैं फैंसी कपड़े, लोग दूर-दूर से करने आते है खरीदारी

HR Breaking News : (Lucknow Aminabad Market) भारत देश में कहीं ऐसे फेमस बाजार है जिनमें चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए हैं। अगर आप भी शॉपिंग करने की शौकीन है और किसी सस्ते बाजार की तलाश कर रहे हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छिपे उस बाजार (hidden market in capital Lucknow) के बारे में जहां खरीदारी करने के लिए लोग दूर-दूर से आते रहते हैं। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में इस बाजार में आपको बेहद कम कीमत में काफी ट्रेंडी डिजाइन के कपड़े मिल जाएंगे। सबसे खास बात तो यह है कि आपको कपड़े की क्वालिटी भी एक नंबर की मिलेगी।


Oldest Market


लखनऊ की सबसे पुरानी मार्केट अमीनाबाद बाजार है। यहां महिला, पुरुष, बच्चे, बूढ़े और जवान सबकी जरूरतों का सामान मिल जाता है। शादी के सीजन में यहां बहुत ही सस्‍से दाम पर दुल्‍हन के लिए लहंगे (Bridal lehengas at affordable prices) भी मिल जाते हैं। इसे चाहे आप खरीद सकते हैं या किराये पर भी ले सकते हैं। इसके अलावा अमीनाबाद बाजार ज्वेलरी के लिए भी मशहूर है। फैंसी ज्‍वेलरी से लेकर सोने-चांदी के भी गहने मिल जाते हैं। 


जरूरत की हर चीज यहां मिलेगी


अमीनाबाद बाजार (Aminabad Bazaar) की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आपको यहां सभी जरूरत के सामान मिल जाएंगे। यहां हजार रुपये लेकर लाख रुपये तक का सामान मिल जाएगा। अमीनाबादा लखनऊ का एकलौता बाजार (Lucknow's only market) है, जहां आप मोल भाव कर खरीदारी कर सकते हैं। यहां कपड़े, जूते, चप्पल, सैंडल और शादी के लहंगे, सोना, चांदी, आर्टिफिशियल ज्वेलरी, घर को सजाने का सामान लोकल और ब्रांडेड मिल जाएगा। 


लखनऊ में छिपे इस बाजार में आपको बेहद कम कीमत मे सारा सामान (Best Market Of India) मिल जाएगा। इस बाजार में हमेशा भीड़ बनी रहती है। इस बाजार को साल 1840 में नवाब अमीनुद्दौला ने बसाया था। अमीनुद्दौला नवाब वाजिद अली शाह के पिता अमजद अली शाह के प्रधानमंत्री थे।