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India Popular Alcoholic Drink: भारत में इस जगह के लोग पीते हैं सबसे ज्यादा रम, जानिये किस हिस्से में बीयर का सबसे ज्यादा क्लचर

India's Popular Alcoholic Drink: क्या आपको पता है कि भारत में कौन सी शराब सबसे ज्यादा पसंद की जाती है? यही नहीं, किस इलाके के लोगों को कौन सा अल्कोहलिक बेवरेज पसंद है? अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है तो हम बता रहे हैं। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (CIABC) के महानिदेशक विनोद गिरी बताते हैं कि भारत में बिकने वाली शराब में व्हिस्की सबसे आगे है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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HR Breaking News (नई दिल्ली)।  भारत विविधताओं का देश है। किसी को पश्चिमी परिधान पसंद है तो कोई ठेठ देशी कपड़ों में ही जन्नत का आनंद लेते हैं। यही हालत खाने-पीने में भी है। कोई पिज्जा-बर्गर के पीछे पागल है तो किसी को मोमोज और चाउमीन ही चाहिए। दिल्ली के लोगों की नाक में लजीज छोले-भठूरे की खुशबू समा जाए तो वह सबकुछ छोड़ कर इसके पीछे पड़ जाएंगे। यही हालत अल्होकलिक बेवरेज (Alcohlic Beverage) में भी है। किसी राज्य के लोगों को रम (Rum) पसंद है तो कोई राज्य ब्रांडी (Brandy) का दीवाना है। कहीं बीयर (Beer) ही शराब के रूप में गटकी जाती है तो कहीं वाइन (Wine) के बिना काम ही नहीं चलता। आइए, आज इसी की बात करते हैं।

देश में सबसे ज्यादा क्या चलता है?


कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बिकने वाली शराब में व्हिस्की (Whisky) अव्वल है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि भारत में अल्कोहलिक बेवरेज की कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी 63 फीसदी की है। इसी में इंडियन मेड फॉरेन लिकर (IMFL) और इंपोर्टेड लिकर (Imported Liquor) भी शामिल है। मतलब कि यह कह सकते हैं कि भारत में व्हिस्की अंगूरी को मात देती है।

इन राज्य के लोगों को तो रम चाहिए


इंटरनेशनल वाइन एंड स्पिरिट रीसर्च (International Wine & Spirit Research (IWSR) की साल 2023 की रिपोर्ट बताती है कि भारतीय राज्य ओडिशा, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर के राज्यों में रम सबसे लोकप्रिय पेय है। वहीं तमिलनाडु के अधिकतर हिस्सों और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्से में ब्रांडी ज्यादा लोकप्रिय है।


दक्षिण भारत में लिकर मतलब बीयर


आईडब्ल्यूएसआर की रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब करीब पूरे दक्षिण भारत में लिकर (Liquor) का मतलब बीयर से लगाया जाता है। कोई भी अवसर हो, वहां के लोग बियर की बोतल खोलना या बीयर का केन खोलना ज्यादा पसंद करते हैं। हो सकता है कि बीयर की पसंदगी की वजह वैयक्तिक हो। लेकिन पूरे इलाके में एक ही पेय बिकना कुछ तो संकेत देता ही है।


दिल्ली-मुंबई के लोगों को क्या है पसंद


आपको यह जान कर हैरानी होगी कि दिल्ली, मुंबई और पुणे के लोगों को अल्कोहलिक बेवरेज में वाइन पसंद है। दरअसल, इन तीनों महानगरों में ज्यादातर अमीर लोग रहते हैं। साथ ही इन शहरों में ज्यादा पढ़े-लिखे और कल्चर्ड लोग भी रहते हैं। मतलब कि इन लोगों को वाइन का सिप लेना ज्यादा पसंद है। इसी श्रेणी में शैम्पेन (Champagne) जैसी अति प्रीमियम बेवरेज भी शामिल है।


शराब की हो रही है रिकॉर्ड बिक्री


शराब की बिक्री सदाबहार रहती है। कोरोना काल में याद कीजिए, जब शराब के दुकान खुले थे तो इसके सामने कई-कई किलोमीटर लंबी लाइन लग गई थी। तभी तो वित्त वर्ष 2022-23 में भारत में बनी विदेशी शराब (IMFL) की बिक्री मात्रा के लिहाज से 14 प्रतिशत बढ़कर 38.5 करोड़ पेटी या केस तक पहुंच गई थी। बिक्री का यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2019-20 (कोविड महामारी से पहले के स्तर) की तुलना में लगभग 12 प्रतिशत अधिक है।


इस साल और बढ़ रही है बिक्री


सीआईएबीसी महानिदेशक विनोद गिरी बताते हैं कि अभी तक साल 2023-24 के आंकड़े की रिपोर्ट नहीं आई है। लेकिन जिस तरह के रुझान मिले हैं, उसे देखता हुए कहा जा रहा है कि इस साल भी अल्कोहलिक वेबरेज की बिक्री में आठ प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके साथ ही शराब की कुल बिक्री करीब 42 करोड़ पेटी तक पहुंच सकती है।


महंगी शराब की मांग तेजी से बढ़ रही है


विनोद गिरी बताते हैं कि इस समय महंगी शराब की बिक्री सस्ती शराब के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ रही है। पिछले साल के आंकड़े का हवाला देते हुए गिरी बताते हैं कि उस समय 1,000 रुपये प्रति 750 मिली से अधिक कीमत वाली प्रीमियम खंड की शराब की बिक्री 48 फीसदी बढ़ी। उसी साल आईएमएफएल की बिक्री में करीब 14 फीसदी फीसदी का इजाफा हुआ था।


एक पेटी में कितने लीटर


एक पेटी में नौ लीटर शराब होती है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में बिकने वाली शराब में व्हिस्की अव्वल है और कुल बिक्री में इसकी 63 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कई राज्यों के लिए शराब रेवेन्यू जुटाने का महत्वपूर्ण स्रोत है। राजस्थान, केरल, मध्य प्रदेश, यूपी समेत करीब एक दर्जन राज्यों ने पिछले साल शराब की कीमत में बढ़ोतरी की थी। इससे राज्यों की कमाई बढ़ाने में और मदद मिली है।