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Liquor : शराब का एक पेग पीने से शरीर को कितना होता है नुकसान, डेली पीने वाले जरूर जान लें ये बात

Sharab Peene se Kya Hota Hai : शराब सेहत के लिए हानिकारक होती है। लेकिन पीने का शौंक रखने वालों के लिए खुशी हो या गम... शराब (Liquor) के जाम के बिना उन्हें सबकुछ अधूरा लगता है। शराब का एक पेग पीते ही व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आ जाता है। वहीं, एक ओर शराब को लेकर लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं कि कितनी शराब सेहत के लिए सेफ होती है। ड्रिंक करने वाले ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि शराब का एक पेग पीते ही शरीर में क्या बदलाव होते हैं। चलिए जानते हैं शराब का एक पेग शरीर को कितना नुकसान करता है। 

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HR Breaking News (ब्यूरो)। शराब (sharab) पीने वालों को ये बात तो पता ही होगी कि शराब पीने के कुछ देर तक तो कुछ नहीं होता, लेकिन थोड़ी देर बार ही शराब पीने वाले शख्स की आवाज में बदलाव होने लगता है. उसके और थोड़ी देर बार चलने में भी मुश्किल होने लगती है और धीरे-धीरे व्यक्ति शरीर से अपना कंट्रोल खोने लगता है। क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है?

क्यों शराब अपना असर थोड़ी देर बाद दिखाना शुरू करती है? शराब पीने के बाद शरीर में ऐसा क्या होता है जो ये बदलाव देखने को मिलते हैं? आइए जानते हैं कि शराब जब आपके शरीर में जाती है तो क्या-क्या कैसे काम करती है और साथ ही जानेंगे कि आखिर शराब का शरीर पर क्या असर होता है….

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शराब पीने के बाद शरीर में होते हैं ये बदलाव- 

जैसे ही आप शराब का एक घूंट पीते हैं, वैसे ही वो शरीर के अंदर जाते ही अपना असर डालना शुरू कर देता है. यह तो सभी जानते हैं कि शराब में एल्कोहल होता है और पेट में जाते ही यह सबसे पहले गैस्ट्रिक एसिड बनाता है और पेट की म्यूकस लाइन में सूजन पैदा करता है।

 इसके बाद आंतें एल्कोहल सोखना शुरू करती हैं और उसके बाद ये विंग के माध्यम से लीवर तक पहुंचता है. लिवर बहुत पास होता है, ऐसे में इसके पेट से सीधे लिवर में पहुंचने की संभावना काफी अधिक रहती है।

पीने के बाद कैसे कंट्रोल खो देता है व्यक्ति-

रिपोर्ट कहती है कि लिवर बहुत सारे एल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को कम करता है. इसके लिए लिवर को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है. लेकिन, लिवर जिन तत्वों को नहीं तोड़ पाता है, वो तत्व दिमाग तक पहुंच जाते हैं. फिर कुछ ही मिनटों में इसका असर आपके मस्तिष्क होने लगता है।

 एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर कर उसे भी प्रभावित करता है और तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है, जिसके बाद कोशिकाएं बहुत सुस्ती से काम करना शुरू कर देती हैं. फिर दिमाग भी खुद इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है. एल्कोहल दिमाग के सेंटर पार्ट को भी प्रभावित कर देता है, जिससे व्यक्ति खुद पर से कंट्रोल खो देता है।

सबसे पहले लीवर पर असर डालती है शराब- 

रिपोर्ट के अनुसार, इसके बाद लीवर बहुत सारे एल्कोहल को नष्ट कर देता है और शरीर पर होने वाले इस प्रभावों को कम कर देता है. लेकिन, जिन तत्वों को लीवर तोड़ नहीं पाता है, वो सीधे दिमाग तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में कुछ ही मिनटों में आप शरीर के पैक का असर मस्तिष्क होने लगता है. एल्कोहल केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. इसके बाद तंत्रिका तंत्र के कनेक्शन को तोड़ता है, जिसके बाद ये कोशिकाएं बहुत सुस्ती काम करना शुरू कर देती है. फिर मस्तिष्क खुद इस परिस्थिति से निपट नहीं पाता है. एल्कोहल मस्तिष्क के सेंटर पार्ट भी भी हमला कर देता है, जिसके बाद व्यक्ति खुद पर कंट्रोल खो देता है

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बता दें कि शराब पीने से लीवर पर काफी असर पड़ता है और लीवर अपना काम ठीक से नहीं कर पाता. खास बात ये है कि लीवर में दर्द नहीं होता है और शराबी को पता नहीं लगता है कि उन्हें क्या दिक्कत है. इसका पता तभी लगता है, जब वो जांच के लिए डॉक्टर के पास जाते हैं. इसलिए ज्यादा एल्कोहल पीने वाले लोगों को ऐसी जांच करवानी चाहिए।

WHO ने बताया कितनी पीनी चाहिए शराब- 

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार शराब की एक बूंद को भी सुरक्षित नहीं माना जा सकता है. शराब या अन्य एल्कोहल वाली ड्रिंक्स की कम से कम मात्रा भी सेहत के लिए खतरनाक होती है. लोगों को बिल्कुल शराब नहीं पीनी चाहिए. डब्ल्यूएचओ ने कई सालों के आकलन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है. शराब की पहली बूंद पीने से ही कैंसर, लिवर फेलियर समेत तमाम गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शराब या बीयर के 1 पैग को भी सुरक्षित मानना लोगों की गलतफहमी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक किसी स्टडी में यह साबित नहीं हो सका है कि शराब सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है. ऐसी रिसर्च विवादों से घिरी हैं।


कितनी देर बॉडी में रहती है शराब?

अब बात करते हैं कि आखिर शराब कितने समय तक बॉडी में रहती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, शराब पीने के बाद एल्कोहॉल की मात्रा 72 घंटे तक भी शरीर में रहती है. इसके अलावा ये शराब की मात्रा, शराब की क्वालिटी, शराब के पीने का तरीका आदि पर निर्भर करता है कि शराब कब तक आपके शरीर में रहेगी. वहीं, जिस तरह से आप टेस्ट करवा रहे हैं, उसका तरीका भी शराब की अलग अलग उपलब्धता बताता है।

शराब छोड़ने के बाद क्या होता है

शराब का नशा सबसे पहले सेरेब्रम से उतरता है, जो दिमाग का एक हिस्सा है. यह हिस्सा ही शरीर के चलने और बोलने पर नियंत्रण करता है और 8-10 घंटे बाद यहां से असर कम होता है. इसके बाद व्यक्ति सही से बोलने लगता है. वैसे शराब पीने के करीब दो दिन बाद मस्तिष्क पहले से काम करने लगता है. लंबे समय तक शराब पीने के बाद भी एक से दो महीने के बाद पेट भी सही से काम करने लग जाता है. वहीं, लीवर को स्वस्थ होने में टाइम लगता है और शराब छोड़ने के बाद लीवर थोड़ी ठीक होता है, लेकिन पहले जैसा नहीं हो पाता है।