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Liquor : 1 पेग यानी (60 mL) शराब पीने से क्या होता है, जानें एक्सपर्ट की राय

liquor wine - आज के समय में शराब लोगों की लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन चुकी है। चाहे छोटी पार्टी हो या फिर शादी हर कोई जाम छलकाता नजर आ जाएगा। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें सिर्फ शराब पीने का बहाना चाहिए। जिनकी पीने की कोई लिमिट नहीं होती है। और कुछ ऐसे भी होते हैं जो कभी कभार एक दो पेग ही पीते हैं। अब सवाल उठता है कि एक दिन में कितनी शराब पीनी चाहिए ओर 60 एमएल शराब पीने से हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है। 
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HR Breaking News (ब्यूरो)। How much alcohol should one drink : कई बार आप अखबारों और आर्टिकल्स में रिसर्च पढ़ते हैं कि थोड़ी मात्रा में एल्कोहल सेहत के लिए अच्छी होती है और कई बार पढ़ते हैं कि एल्कोहल नहीं पीनी चाहिए। ऐसे में आप भी भ्रम की स्थिति में हो सकते हैं कि थोड़ी मात्रा में शराब सच में नुकसानदायक है या फायदेमंद? डॉ. राम आशीष (चिकित्साधिकारी सिद्धार्थनगर) बता रहे हैं कि अगर आप रोजाना एक लार्ज पेग या 2 स्मॉल पेग (लगभग 60 mL) एल्कोहल पीते हैं, तो आपके शरीर और लिवर पर क्या प्रभाव पड़ता है।

 

 

शराब का लिवर पर प्रभाव

 

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हमारे शरीर में जाने वाले लिक्विड (तरल पदार्थों) की प्रॉसेसिंग लिवर करता है। शराब जब आपके शरीर में पहुंचती है, तो लिवर इसकी प्रॉसेसिंग शुरू करता है। मगर लिवर एक बार में बहुत ज्यादा शराब की प्रॉसेसिंग नहीं कर सकता है क्योंकि इसका आकार छोटा होता है। अब जब आप ज्यादा शराब पीते हैं, तो लिवर इसे प्रॉसेसिंग करने के लिए स्टोर नहीं कर पाता है और शराब आपके पेट और छोटी आंत से होते हुए आपके खून में घुलने लगती है। ये खून शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचने से पहले लिवर के पास फिल्टर होने के लिए पहुंचता है।

 

खून में घुले ये शराब एक खास तरह का एंजाइम बनाने लगते हैं, जिसे एसिडएल्डिहाइड कहते हैं। ये एंजाइम आपके लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में शराब पीने वाले लोगों का लिवर धीरे-धीरे खराब होता जाता है। लिवर अगर 60-70% तक काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है और उसे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं।

शराब पीने से कितने समय में खराब हो सकता है लिवर?

आमतौर पर देखा जाता है कि अगर आप शराब नहीं भी पी रहे हैं, तो भी आजकल खान-पान में मिलावट, वसा (तेल-घी) और केमिकलयुक्त आहारों के सेवन से आपका लिवर प्रभावित होता है। मगर जब आप शराब पीना शुरू करते हैं, तो लिवर धीरे-धीरे कई स्टेज में खराब होता जाता है।


पहला स्टेज- अगर आप सप्ताह में 4 दिन 90 mL से ज्यादा शराब पीते हैं, तो आप हैवी ड्रिंकर माने जाते हैं। हैवी ड्रिंक करने वालों में सबसे पहले लिवर के आस-पास फैट जमना शुरू हो जाता है। जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस स्टेज में शराब पीना छोड़ दे, तो उसका लिवर बाद में दोबारा ठीक किया जा सकता है।

दूसरी स्टेज- दूसरे स्टेज में व्यक्ति एल्कोहलिक हेपाटाइटिस हो जाता है। इस स्टेज में भी अगर व्यक्ति लगातार शराब का सेवन कर रहा है, तो उसके लिवर में सूजन आने लगती है और लिवर डैमेज होना शुरू हो जाता है। कई बार एल्कोहलिक हेपेटाइटिस के बढ़ जाने पर व्यक्ति की तबीयत जानलेवा स्तर तक खराब हो सकती है। हालांकि इस स्टेज में भी शराब छोड़ देने पर व्यक्ति के लिवर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है और वो एक लंबी जिंदगी जी सकता है।

तीसरा और आखिरी स्टेज- तीसरे यानी आखिरी स्टेज में व्यक्ति लिवर सिरोसिस का शिकार हो जाता है। लिवर सिरोसिस का अर्थ है कि लिवर जिन सेल्स से बना है, वो मृत हो जाती हैं और लिवर को फंक्शन करने में परेशानी आती है। ज्यादातर हैवी ड्रिंकर्स को 10 साल तक शराब पीने की आदत हो, तो लिवर सिरोसिस हो जाता है। एक बार लिवर सिरोसिस हो जाने पर व्यक्ति के लिवर को ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्टेज तक आने के बाद व्यक्ति की मौत निश्चित है।

सिर्फ लिवर ही नहीं, दूसरे अंगों पर भी प्रभाव

अगर आप रोजाना 1 लार्ज पेग शराब पीते हैं, तो आपको सिर्फ लिवर खराब होने का ही नहीं, बल्कि अन्य कई खतरे भी होते हैं। इनमें पैक्रियाटाइटिस, डिप्रेशन और चिंता, प्रजनन क्षमता में कमी, हाई ब्लड प्रेशर, मुंह और लिवर का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, मोटापा, नर्व डैमेज, स्ट्रोक आदि रोग प्रमुख हैं।

क्या रोजाना 1 पेग (60 mL) शराब सुरक्षित है?

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डॉ. राम आशीष बताते हैं कि लिवर के लिए शराब की मात्रा मायने नहीं रखती है, इससे आपका लिवर तो प्रभावित होगा ही। अगर आप बहुत थोड़ी मात्रा में शराब पीते हैं, तो आपके लिवर पर प्रभाव लंबे समय में दिखेगा, जबकि आप ज्यादा पीते हैं, तो प्रभाव जल्दी दिखेगा। सच्चाई ये है कि अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको एल्कोहल का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि अगर आप ओकेजनली (खास मौकों में यानी साल में 5-6 बार सिर्फ 1-2 छोटे पेग) पीते हैं, तो इसका प्रभाव शरीर पर नहीं दिखता है। लेकिन अगर आपको लिवर की पहले से कोई बीमारी है, तो इतनी शराब भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है।

शराब के बाद डेयरी प्रोडक्ट या दूध न पिएं

शराब पीने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए. ऐसे ही कई सारे सवाल आपके मन में उठता होगा कि शराब पीने के बाद क्या करना चाहिए क्या नहीं? अगर आप भी शराब पीते हैं तो जान लीजिए इसके बाद आपको क्या खाना है और क्या नहीं.

शराब पीने के बाद कभी न खाएं ये चीजें - 

शराब पीने के बाद काजू या मूंगफली खाना चाहिए?

अक्सर लोग शराब पीने के दौरान मूंगफली या काजू खाना पसंद करते हैं. लेकिन बता दें कि यह सेहत के लिए एकदम खराब है. शराब पीने के बाद या शराब पीने के दौरान इन दोनों को एकदम नहीं खाना चाहिए. इसे खाने से इसलिए मना किया जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल का लेवल शरीर में बढ़ा देता है. जो शरीर के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक है. 

सोडा या कोल्ड ड्रिंक है खतरनाक

सोडा या कोल्ड ड्रिंक के साथ शराब मिलाकर पीते हैं तो यह सब आपके शरीर के लिए है नुकसानदायक. इसलिए इनकी जगह शराब में पानी या बर्फ मिलाकर आप पी सकते हैं. 

शराब पीते वक्त चिप्स या कुरकुरे न खाएं

शराब पीने के दौरान या पीने के बाद कुरकुरे या चिप्स न खाएं. या फ्राइड मोमोज या चिकन से परहेज करें. क्योंकि यह आपकी पेट में गड़बड़ी मचा सकती है. 

शराब पीने के बाद मिठाई न खाएं

कहा जाता है कि मीठा नशा बढ़ा देता है. ऐसे में कोशिश करना चाहिए शराब पीने के बाद एकदम मीठा नहीं खाना चाहिए. क्योंकि शराब के बाद मीठा खाना जहर की तरह है. 
 


खाली पेट और भरे पेट शराब पीने से शरीर पर क्या होगा असर

पेट शराब को अवशोषित करता है लेकिन छोटी आंत (स्माल इंटेस्टाइन) की तुलना में धीमी गति से। इससे यह होता है कि अगर हमने कुछ खाया नहीं है तो शराब पेट से होकर तेजी से छोटी आंत तक पहुंच जाती है और ऐसे में वो तेजी से खून में मिल जाती है।

खून में मिलने के बाद शराब दिल और दिमाग तक पहुंच जाती है जिससे जल्दी नशा होने लगता है। अगर आप खाली पेट शराब पीते हैं तो शराब को छोटी आंत तक पहुंचने में ज्यादा समय नहीं लगता और वो तेजी से नशा देती है। खाली पेट शराब पीने से शराब का प्रभाव बढ़ जाता है। वो तेजी से एब्जॉर्ब होती है और नशा भी तेजी से बढ़ाती है। इसलिए खाने से पहले शराब का सेवन अलग तरह से असर करता है।

वहीं, भोजन शराब के सामने एक सुरक्षात्मक दीवार का किरदार अदा करता है जो छोटी आंत में शराब के अवशोषण को धीमा कर देता है। अवशोषण प्रक्रिया में देरी कर भोजन प्रभावी ढंग से खून में अल्कोहल की तेजी से मिलने की प्रक्रिया को कम करता है। इसका मतलब यह है कि अगर आप शराब पीने से पहले भोजन करते हैं तो आप पर तुरंत नशा नहीं चढ़ता है।

शराब और भोजन में संतुलन जरूरी

शराब के अवशोषण पर भोजन का क्या प्रभाव होता है, यह समझने के साथ ही उसमें संतुलन बनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। खाली पेट शराब पीने से नशा जल्दी और तेज हो सकता है जबकि शराब से पहले भोजन करने से आपको इसके प्रभाव को धीमा करने में मदद मिल सकती है। अगर भोजन और शराब के बीच संतुलन बना पाते हैं तो आप सही तरीके से ड्रिंकिंग कर पाएंगे।

लेकिन अगर आप स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय मानना चाहते हैं तो पीने से पहले कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर हल्का भोजन और शराब के साथ लाइट स्नैक्स खाएं, यह तरीका आपको अगले दिन होने वाले हैंगओवर से बचने में भी मदद करेगा।

एक बार पीने के बाद कितनी देर तक बॉडी में रहती है शराब - 
 

शरीर में कैसे कैसे असर दिखाती है शराब?

शराब शरीर में कितनी देर तक रहती है, इसकी जानकारी लेने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर शराब शरीर में जाकर क्या-क्या करती है और किस तरह असर दिखाती है. दरअसल, जब शराब पीते हैं तो शराब शरीर में जाने के 30 सेकेंड बाद ब्लड स्ट्रीम में मिल जाती है और इसके बाद शरीर में ट्रेवल करती है. इसके बाद ये पेट में जाती है और कुछ देर में पसीने और सांस के माध्यम से बाहर आ जाती है. हालांकि, कुछ मात्रा पेट में रह जाती है. इसके बाद 90 फीसदी मात्रा लिवर, आंतों में जाती है और फिर इसके पचने का काम शुरु हो जाता है. 

कितनी देर बॉडी में रहती है शराब?

अब बात करते हैं कि आखिर शराब कितने समय तक बॉडी में रहती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, शराब पीने के बाद एल्कोहॉल की मात्रा 72 घंटे तक भी शरीर में रहती है. इसके अलावा ये शराब की मात्रा, शराब की क्वालिटी, शराब के पीने का तरीका आदि पर निर्भर करता है कि शराब कब तक आपके शरीर में रहेगी. वहीं, जिस तरह से आप टेस्ट करवा रहे हैं, उसका तरीका भी शराब की अलग अलग उपलब्धता बताता है.

 

बता दें कि अगर ब्लड टेस्ट के जरिए एल्कोहॉल चेक किया जाए तो करीब 6 घंटे तक ही शरीर में शराब की मात्रा दिखाई देगी. इसके अलावा अगर सांस का टेस्ट करवाएंगे तो 12 से 24 घंटे तक शराब की मात्रा दिखाई देगी. इसके अलावा यूरिन टेस्ट में 72 घंटे तक शराब की मात्रा नजर आती है. इसके अलावा लार के टेस्ट से पता करें तो 12 से 24 घंटे तक शरीर में शराब की मात्रा के बारे में पता चलता है. ऐसे में टेस्ट के अलग अलग तरीके बॉडी में शराब की उपलब्धता को बताते हैं.