home page

Scotch vs Whiskey Difference : स्कॉच और व्हिस्की में क्या होता है अंतर, पीने वालों को भी नहीं होगी जानकारी

Scotch vs Whiskey Difference : स्कॉच जितनी अधिक पुरानी होती है इसका टेस्ट और ज्यादा फाइन हो जाता है। जो पीने के पुराने शौकीन हैं उनको स्कॉच ज्यादा पसंद आती है। स्कॉच को स्कॉटलैंड में बनाया जाता है, जबकि व्हिस्की को दुनिया भर में कहीं भी बनाया जा सकता है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे है स्कॉच और व्हिस्की में क्या होता है अंतर....
 | 
Scotch vs Whiskey Difference : स्कॉच और व्हिस्की में क्या होता है अंतर, पीने वालों को भी नहीं होगी जानकारी

HR Breaking News, New Delhi : व्हिस्की, एक ऐसा शब्द जो पीने के शौकीन लोगों के लिए किसी संगीत की धुन की तरह है। इसका स्वाद भी उतना ही अनूठा है। व्हिस्की एक ऐसी ड्रिंक है जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्हिस्की के दो मुख्य प्रकार होते हैं: स्कॉच और व्हिस्की?, लेकिन यह भी हकीकत है कि दोनों के बीच कई अंतर हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्कॉच और व्हिस्की में क्या अंतर है? स्कॉच को स्कॉटलैंड में बनाया जाता है, जबकि व्हिस्की को दुनिया भर में कहीं भी बनाया जा सकता है।


व्हिस्की आमतौर पर अनाज के मिश्रण से बनाई जाती है, जिसमें जौ, मक्का, राई और गेंहू शामिल होते हैं। स्कॉच खास तौर पर माल्टेड जौ से बनाई जाती है। माल्ट उस सूखे जौ के बीज का परिणाम है, जो माल्टिंग नामक प्रक्रिया के माध्यम से अंकुरित होता है।

दूसरी ओर स्कॉच खास तौर पर वो व्हिस्की है जो स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन (Scotch Whiskey Association) द्वारा निर्धारित सख्त नियमों के तहत केवल स्कॉटलैंड में बनाई जाती है और इसकी ओक बैरेल में रखने की उम्र कम से कम तीन साल होनी चाहिए। जबकि व्हिस्की की न्यूनतम मैच्योरिटी की उम्र का कोई बंधन नहीं है। स्कॉच को आमतौर पर दो बार डिस्टिल्ड किया जाता है। व्हिस्की को एक बार ही डिस्टिल्ड किया जाता है।


क्या है व्हिस्की?


व्हिस्की एक डिस्टिल्ड स्पिरिट है। अनाज, पानी और खमीर के मिश्रण को डिस्टिल्ड करके बनाया जाता है और फिर ओक बैरल में स्पिरिट को कम से कम तीन वर्ष रखा जाता है जिसे ऐजिंग कहते हैं। ऐजिंग की प्रक्रिया व्हिस्की को उसका खास रंग, फ्लेवर और स्वाद देती है। इस्तेमाल किए गए अनाज के प्रकार और क्षेत्र के आधार पर जहां इसका उत्पादन होता है, विभिन्न प्रकार की व्हिस्की बनाई जा सकती है। व्हिस्की एक ऐसी लोकप्रिय शराब है, जिसका आनंद, नीट (बिना पानी के), ऑन द रॉक्स या कॉकटेल के जरिए लिया जा सकता है।


स्कॉच और व्हिस्की में मुख्य अंतर?


स्कॉच की माल्टिंग प्रक्रिया (Scotch malting process) के दौरान पीट (एक प्रकार की ज़मीन के नीचे वर्षों से दबी वनस्पति) के उपयोग के कारण उसका स्वाद अधिक स्मोकी हो जाता है। ऐसे कई कारक हैं जो इन दोनों के बीच अंतर पैदा करते हैं। इनमें सामग्री, उत्पादन का तरीका और स्वाद शामिल है। स्कॉच को ओक बैरल में कम से कम तीन साल तक रखा जाता है। जबकि व्हिस्की को किसी भी तरह के बैरल में रखा जा सकता है। स्कॉच का खास स्मोकी स्वाद उत्पादन के दौरान माल्टेड जौ को सुखाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पीट की आग से भी आता है। पीट का इस्तेमाल माल्टिंग प्रोसेस के दौरान किया जाता है, जब जौ अंकुरित होने के बाद सूख जाता है।


व्हिस्की की तुलना में स्कॉच का स्वाद


स्कॉच का एक खास स्वाद है जो इसे किसी भी तरह की व्हिस्की से अलग करता है। स्कॉच की खासियतों (Scotch specialties)  में से एक है उसका रंग और स्वाद। स्कॉच को ओक बैरल में रखा जाना भी इसके टेस्ट को और रिच करता है। यह जितनी अधिक पुरानी होती है इसका टेस्ट और ज्यादा फाइन हो जाता है। जो पीने के पुराने शौकीन हैं उनको स्कॉच ज्यादा पसंद आती है।

हालांकि पिछले एक दशक से व्हिस्की पीने वालों को जापानी व्हिस्की जैसे हीबिकि और यामाज़ाकी बहुत पसंद आ रही हैं, लेकिन बहुत महंगी होने के कारण आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाती हैं। भारत व्हिस्की के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है और यहां सैकड़ों किस्म की व्हिस्की बनती हैं। जिनमें से कई ब्रांड को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवॉर्ड्स मिले हैं।


भारत की पहली सिंगल माल्ट


करीब दो दशक पहले भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहली सिंगल माल्ट व्हिस्की बनाकर दुनिया को अचम्भे में डाल दिया था – वो थी अमृत सिंगल माल्ट। बेंगलुरु की कंपनी अमृत डिस्टिलीटीज लिमिटेड के तत्कालीन चेयरमैन नीलकांत जगदले और उनके पुत्र रक्षित ने ये अद्भुत काम कर दिखाया था। तब से लगभग आधा दर्जन से ज़्यादा शराब उत्पादक कंपनियों ने अपने-अपने सिंगल माल्ट व्हिस्की के ब्रांड लॉन्च कर दिये हैं – जैसे पॉल जॉन, रामपुर इंडियन सिंगल माल्ट, इंद्री, ज्ञान चंद, गोडावण और पीटर स्कॉट ब्लैक। अगर आप व्हिस्की के शौकीन हैं तो भारत में बनी इन सिंगल माल्ट्स में से कुछ को जरूर ट्राई करिए।