Hill station जैसा खूबसूरत है हिमाचल का ये गांव, एक बार घूम लेंगे तो भूल जाएंगे शिमला, मनाली, मसूरी
अगर आप हिमाचल जा रहे हैं तो इस गांव में एक बार जरूर घूम कर आएं यहां की खूबसूरती किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है। यहां आप फैमिली, फ्रेंड और बच्चों के साथ वीकेंड ट्रिप प्लान कर सकते हैं।

HR Breaking News (नई दिल्ली)। अगर आप अपनी छुट्टियां प्रकृति के बीच रहकर बिताना चाहते हैं, तो इस बार हिमाचल प्रदेश के भुंतर चले जाएं। भुंतर एक छोटा सा शहर है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता तो देखते ही बनती है। वास्तव में भुंतर उन पर्यटकों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है, जो शांति और सुकून चाहते हैं। कुल्लू घाटी भुंतर से लगभग 10 किलोमीटर दूर है।
अगर आप भी हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों की भीड़ भाड़ से दूर कहीं जाने की सोच रहे हैं, तो आप भुंतर जा सकते हैं। यहां कई ऐसे ऑफबीट डेस्टिनेशन है, जिनके बारे में आज भी बहुत कम लोग जानते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको भुंतर के आसपास घूमने वाली जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां आप फैमिली, फ्रेंड और बच्चों के साथ वीकेंड ट्रिप प्लान कर सकते हैं।
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क भुंतर में देखने वाली सबसे अच्छी जगहों में से एक है। इसे जवाहरलाल नेहरू नेशनल पार्क भी कहा जाता है। इस पार्क में अल्पाइन घास के मैदान, कई तरह के फूल, चोटियां और ग्लेशियर, शंकुधारी वन हैं। काले भालू, लंगूर, जंगली भेड़, भूरे भालू, कस्तूरी हिरण जैसे विलुप्त हो चुके जानवरों को करीब से देख सकते हैं। यहां खासतौर से देखने को मिलते हैं। पर्यटक यहां आकर खलीज, मोनाल और ट्रैगोपन जैसे विभिन्न पक्षियों को भी देख सकते हैं।
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आदि ब्रह्मा मंदिर
आदि ब्रह्मा मंदिर भुंतर से लगभग 4 किमी की दूरी पर खोखन गांव में स्थित है। यह मंदिर पूरी तरह से लकड़ी का बना है, जहां ब्रह्माजी की मूर्ति विराजमान है। इस मंदिर में अष्टधातु, दो पीतल के मोहरे और ग्यारह चांदी के मोहरे देखे जा सकते हैं।
बशेश्वर मंदिर,
भुंतर में बशेश्वर मंदिर न केवल एक पवित्र मंदिर है, बल्कि लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में भी यह मंदिर काफी फेमस हो गया है। कहा जाता है कि यह मंदिर पांडवों द्वारा बनाया गया था। मंदिर के चारों ओर पत्थर की नक्काशी की गई है, जो इस मंदिर की पहचान है। बता दें कि कुल्लू घाटी के सभी बीस मंदिरों में से एक यह भगवान शिव का सबसे बड़ा मंदिर है।
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बिजली महादेव मंदिर
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ब्यास नदी के पार जाएंगे, तो पहाड़ की चोटी पर 2,460 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बिजली महादेव मंदिर देखने को मिलेगा। यह भारत के प्राचीन और पवित्र मंदिरों में से एक है। चीड़ के पेड़ों से ढके 3 किमी लंबे रास्ते से बिजली महादेव तक ट्रेकिंग के जरिए पहुंचा जा सकता है। कहा जाता है कि बिजली महादेव मंदिर में एक शिवलिंग है, जो बिजली गिरने पर टुकड़े-टुकड़े हो गया था, जिसे मक्खन का उपयोग करके मंदिर के पुजारी ने जोड़ा था। धर्म और एडवेंचर में दिलचस्पी रखने वाले लोग सुहावने मौसम का आनंद लेते हुए कुल्लू से ट्रैकिंग करके यहां पहुंच सकते हैं।
जगन्नाथ मंदिर
भुंतर से सिर्फ 3 किमी दूर है जगन्नाथ मंदिर। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 5,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह उन लोगों के लिए स्वर्ग है, जिन्हें शांति पसंद है। आप भुंतर हवाई अड्डे के लिए यहां से उड़ान भर सकते हैं, जिसे कुल्लू मनाली हवाई अड्डे के रूप में भी जाना जाता है। दिल्ली या चंडीगढ़ से भुंतर के लिए बस और ट्रेन फैसिलिटी उपलब्ध हैं। भुंतर पहुंचने के लिए आप इन जगहों से एक निजी टैक्सी या कैब किराए पर ली जा सकती है।
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भुंतर यात्रा के लिए जरूरी टिप्स
यात्रा के दौरान बैग में गर्म कपड़े, ट्रैकिंग और कैंपिंग गियर, पानी की बोतल, सनस्क्रीन और ट्रैवल किट साथ रखें।
ट्रेक शुरू करने से पहले अपना हेल्थ चेकअप जरूर कराएं।
यहां घूमते वक्त सार्वजनिक या धार्मिक स्थलों पर धूम्रपान न करें।
अकेले व्हीकल चलाते समय सभी यातायात नियमों का पालन करें और इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस अपने पास रखें।
यहां मंदिरों के अंदर तस्वीरें लेना प्रतिबंधित है। इसलिए ऐसा न करें। ट्रेकिंग या कैंपिंग के दौरान शराब न पिएं।
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भुंतर कैसे पहुंचे
ट्रेन से- भुंतर के पास पठानकोट रेलवे स्टेशन है। यहां से आप लोकल टैक्सी या कैब लेकर भुंतर पहुंच सकते हैं।
फ्लाइट से- भुंतर के नजदीक में कुल्लू एयरपोर्ट है। यहां से कैब या टैक्सी लेकर भुंतर आसानी से जाया जा सकता है।
बस से- दिल्ली, हरियाणा से बस लेकर आप कुल्लू पहुंच सकते हैं। फिर यहां से कैब या टैक्सी लेकर भुंतर तक का रास्ता आसानी से तय कर सकते हैं।