Whiskey : हर रोज 1 पेग (60 mL) शराब पीने से क्या होता है, जानिये एक्सपर्ट की राय
HR Breaking News, Digital Desk - शराब पीने वालों की संख्या (number of alcohol drinkers) हर रोज बढ़ती ही जा रही है। कई लोगों का मानना है कि थोड़ी मात्रा में अल्कोहल सेहत के लिए अच्छी होती है, लेकिन आपने कई जगह ऐसा भी पढ़ा होगा कि अल्कोहल की मात्रा कम हो या ज्यादा व नुकसानदायक ही होती है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हर रोज एक पेग पीने से क्या असर होता है और एक्सपर्ट का इसके बारे में क्या कहना है।
लिवर पर शराब का प्रभाव
हमारे शरीर में जाने वाले लिक्विड (तरल पदार्थों) की प्रॉसेसिंग लिवर करता है। शराब जब आपके शरीर में पहुंचती है, तो लिवर इसकी प्रॉसेसिंग शुरू करता है। मगर लिवर एक बार में बहुत ज्यादा शराब की प्रॉसेसिंग (alcohol processing) नहीं कर सकता है क्योंकि इसका आकार छोटा होता है। अब जब आप ज्यादा शराब पीते हैं, तो लिवर इसे प्रॉसेसिंग करने के लिए स्टोर नहीं कर पाता है और शराब आपके पेट और छोटी आंत से होते हुए आपके खून में घुलने लगती है। ये खून शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचने से पहले लिवर के पास फिल्टर होने के लिए पहुंचता है।
खून में घुले ये शराब एक खास तरह का एंजाइम बनाने लगते हैं, जिसे एसिडएल्डिहाइड कहते हैं। ये एंजाइम आपके लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। लंबे समय तक ज्यादा मात्रा में शराब पीने वाले लोगों का लिवर धीरे-धीरे खराब होता जाता है। लिवर अगर 60-70% तक काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति का जीवन मुश्किल हो जाता है और उसे कई तरह की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं।
इतने समय शराब पीने से बिल्कुल खराब हो जाएगा लीवर
आमतौर पर देखा जाता है कि अगर आप शराब नहीं भी पी रहे हैं, तो भी आजकल खान-पान में मिलावट, वसा (तेल-घी) और केमिकलयुक्त आहारों के सेवन से आपका लिवर प्रभावित होता है। मगर जब आप शराब पीना शुरू करते हैं, तो लिवर धीरे-धीरे कई स्टेज में खराब होता जाता है।
पहला स्टेज- अगर आप सप्ताह में 4 दिन 90 mL से ज्यादा शराब पीते हैं, तो आप हैवी ड्रिंकर (heavy drinker) माने जाते हैं। हैवी ड्रिंक करने वालों में सबसे पहले लिवर के आस-पास फैट जमना शुरू हो जाता है। जिसके कारण फैटी लिवर की समस्या हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति इस स्टेज में शराब पीना छोड़ दे, तो उसका लिवर बाद में दोबारा ठीक किया जा सकता है।
दूसरी स्टेज- दूसरे स्टेज में व्यक्ति एल्कोहलिक हेपाटाइटिस हो जाता है। इस स्टेज में भी अगर व्यक्ति लगातार शराब का सेवन (frequent alcohol consumption) कर रहा है, तो उसके लिवर में सूजन आने लगती है और लिवर डैमेज होना शुरू हो जाता है। कई बार एल्कोहलिक हेपेटाइटिस के बढ़ जाने पर व्यक्ति की तबीयत जानलेवा स्तर तक खराब हो सकती है। हालांकि इस स्टेज में भी शराब छोड़ देने पर व्यक्ति के लिवर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचता है और वो एक लंबी जिंदगी जी सकता है।
तीसरा और आखिरी स्टेज- तीसरे यानी आखिरी स्टेज में व्यक्ति लिवर सिरोसिस का शिकार (victim of liver cirrhosis) हो जाता है। लिवर सिरोसिस का अर्थ है कि लिवर जिन सेल्स से बना है, वो मृत हो जाती हैं और लिवर को फंक्शन करने में परेशानी आती है। ज्यादातर हैवी ड्रिंकर्स को 10 साल तक शराब पीने की आदत हो, तो लिवर सिरोसिस हो जाता है। एक बार लिवर सिरोसिस हो जाने पर व्यक्ति के लिवर को ठीक नहीं किया जा सकता है। इस स्टेज तक आने के बाद व्यक्ति की मौत निश्चित है।
सिर्फ लिवर ही नहीं, दूसरे अंगों पर भी प्रभाव
अगर आप रोजाना 1 लार्ज पेग शराब पीते हैं, तो आपको सिर्फ लिवर खराब होने का ही नहीं, बल्कि अन्य कई खतरे भी होते हैं। इनमें पैक्रियाटाइटिस, डिप्रेशन और चिंता, प्रजनन क्षमता में कमी, हाई ब्लड प्रेशर, मुंह और लिवर का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, मोटापा, नर्व डैमेज, स्ट्रोक आदि रोग प्रमुख हैं।
क्या रोजाना 1 पेग (60 mL) शराब सुरक्षित है?
डॉ. राम आशीष बताते हैं कि लिवर के लिए शराब की मात्रा मायने नहीं रखती है, इससे आपका लिवर तो प्रभावित होगा ही। अगर आप बहुत थोड़ी मात्रा में शराब पीते हैं, तो आपके लिवर पर प्रभाव लंबे समय में दिखेगा, जबकि आप ज्यादा पीते हैं, तो प्रभाव जल्दी दिखेगा। सच्चाई ये है कि अगर आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो आपको एल्कोहल का बिल्कुल भी सेवन (no alcohol consumption) नहीं करना चाहिए। हालांकि अगर आप ओकेजनली (खास मौकों में यानी साल में 5-6 बार सिर्फ 1-2 छोटे पेग) पीते हैं, तो इसका प्रभाव शरीर पर नहीं दिखता है। लेकिन अगर आपको लिवर की पहले से कोई बीमारी है, तो इतनी शराब भी आपके लिए खतरनाक हो सकती है।