Whiskey : शराब की बोतल पर क्यों लिखी होती है एक्सपाइरी डेट, Experts से जानिए इसका कारण

HR Breaking News, New Delhi : दुनिया में हर एक चीज की एक्सपायरी डेट होती है, लेकिन यह बात वैसे तो शराब पर लागू नहीं होती है. हमारे बीच एक आम धारणा है कि दारू कभी खराब नहीं होती. वह जितनी पुरानी होगी, उतना ही अधिक आनंद देगी और उसमे उतना ही ज्यादा नशा होगा. इसी कारण दारू को लेकर कई तरह की कहावते हैं. इसी धारणा की वजह से दारू खरीदते समय इंसान उसकी एक्सपायरी डेट नहीं देखता. लेकिन, यह पूरा सच नहीं है. दारू भी एक्सपायर हो सकती है. यह हानिकारक हो सकती है. यह जहरीली भी हो सकती है. शराब की बोतलों पर क्यों लिखी होती है एक्सपाइरी डेट, आइये जानते हैं एक्सपर्ट से।
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Alcohol Expert Rahul sharma polastya बताते हैं की शराब मूल रूप से एल्कोहल से बनी होती है. दूसरी तरफ एल्कोहल की शेल्फ लाइफ काफी लंबी होती है. लेकिन, एल्कोहल के अलावा इन पेय पदार्थों में और भी चीजें होती हैं. शराब, बीयर और वाइन तीनों को अलग-अलग तरीके से बनाया जाता है. समय बीतने के साथ धूप, हवा और तापमान की वजह से दारू खराब हो सकती है. अगर दारू की बोतल ज्यादा समय तक धूप के संपर्क में रहे तो वह बेरंग हो जाएगी. और जब दारू की रंग बदलती है तो इसका मतलब होता है कि उसके स्वाद में भी बदलाव हो गया है
वोदका, विक्सी, रम
ये सभी एल्कोहलिक पेय पदार्थ लिक्कर कहलाते हैं. इन्हें विभिन्न अनाजों को सड़ाकर बनाए जाते हैं. ग्रेन्स के दानों को यीस्ट के साथ फॉर्मेंटेशन करवाया जाता है. फिर उसे डिस्टिल किया जाता है. कुछ खास लिक्कर को कई स्तरों पर डिस्टिल किया जाता है. जो लिक्कर जितना अधिक डिस्टिल किया जाता है वह उतनी ही उच्च श्रेणी की शराब बनती है. इसके बाद जब इसे बोतल में भरा जाता है तो उसका फॉर्मेंटेशन रूक जाता है. लेकिन, यहां एक्सपर्ट आपको सलाह देते हैं कि जब आप बोलत खोलते हैं तो 6 से 8 महीने के बीच आपको उसे खत्म कर देना चाहिए. बोतल खुलने के बाद शराब की टेस्ट और कलर दोनों बदलने लगता है. शराब को अंधेरे और ठंडी जगहों पर रखना चाहिए. आप इसे फ्रीज में भी रख सकते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है. ठंडी और अंधेरे वाली जगह पर रखने से शराब की शेल्फ लाइफ काफी बढ़ जाती है.
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बीयर बनाने का तरीका अलग
बीयर बनाने का तरीका अलग होता है. हालांकि यह भी अनाजों को सड़ाकर ही बनाया जाता है. इसमें पानी का भी ठीकठाक इस्तेमाल होता है. आमतौर पर एक सील्ड बीयर को 6 से 8 महीने बाद तक पीया जा सकता है. फ्रीज में रखने पर इसकी लाइफ और बढ़ जाती है. बीयर के बारे में यह बात कही जाती है कि जिसमें एल्कोहल की मात्रा आठ फीसदी से अधिक हो उसकी शेल्फ लाइफ ज्यादा होती है.
पुरानी वाइन की बढ़ जाती है टेस्ट
बीयर और लिक्कर से अलग वाइन आमतौर पर अंगूर के ज्यूस और बीज से बनता है. इसको कई सालों तक बोतल में पैक रखा जाता है ताकि स्वाद बढ़ जाए. आमतौर पर अच्छी क्वालिटी की वाइन की शेल्फ लाइफ काफी लंबी होती है लेकिन सस्ती वाइन को उसकी मैनुफैक्चरिंग डेट से दो साल के भी खत्म कर देना चाहिए. ऑर्गेनिक वाइन यानी जिसमें प्रीजर्वेटिव्स का इस्तेमाल नहीं किया गया हो, उसे तीन से छह माह के भीतर खत्म कर देना चाहिए.