मुजफ्फरनगर में देश के विभिन्न वेशभूषा, बोली में आयोजित हुआ किसानों का महासम्मेलन, समर्थन में 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान

HR BREAKING NEWS. उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में तीन कृषि कानूनों के विरोध में रविवार को किसान महापंचायत में प्रदेशभर से किसान पहुंचे हैं। जेसीआई ग्राउंड में महापंचायत को हरियाणा, पंजाब उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों से आए किसान नेताओं ने संबोधित किया। मंच से 25 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया गया है। इसे आज तक का सबसे बड़ा किसान सम्मेलन बताया जा रहा है। करीब 5 लाख किसानों के पहुंचने की उम्मीद है और अगर किसान इतनी भारी संख्या में इकट्ठे होकर शक्ति प्रदर्शन करने में सफल हो जाते हैं तो निश्चित ही सरकार पर दबाव बढ़ेगा।
मंच से एक ही आवाज-योगी नहीं लुटेरा है :
यूपी के मुख्यमंत्री योगी पर निशाना साधते हुए योगेंद्र यादव ने कहा कि योगी नहीं लुटेरा है। ये लोग देश भक्त नहीं, देशद्रोही हैं। योगेंद्र यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पांच साल में सरकार ने पांच बड़े पाप किए हैं। इनमें पहला, कर्ज माफी के नाम पर सरकार ने ढोंग किया। दूसरा, सरकार ने पिछले 4 साल में ना गन्ने का दाम बढ़ाया और ना किसानों को पैसा दिया। तीसरा, यूपी सरकार ने कहा था कि हम किसान का दाना-दाना खरीदेंगे, लेकिन सरकार ने पूरी खरीद नहीं की। चौथा, सरकार ने कहा था हम फसल बीमा लेकर आएंगे, लेकिन हम दो हमारे दो की सरकार ने किसान फसल बीमा के नाम पर ढाई हजार करोड़ रुपए किसान से लुटे गए। और पांचवां, सरकार ने जात-पात के नाम पर लोगों को बांटा और खून बहाया।
कसम के तौर पर यहां से एक-एक मुट्ठी माटी लेकर जाओ
हरियाणा भाकियू नेता अभिमन्यु कुमार ने महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि यहां से एक-एक मुट्ठी माटी लेकर जाओ। जिससे कसम के तौर पर प्रयोग करें। जातिवाद को भूलकर संकल्प लें कि किसानों और मजदूरों का पक्ष लेने वालों को ही नेता चुनेंगे। ये किसानों का नहीं बल्कि हर उस व्यक्ति का आंदोलन है जो तीन वक्त का खाना खाता है। किसानों के मान-सम्मान के लिए अपनी गर्दन कटवा देंगे।
आज सरकार को एक बार फिर विचार करने के लिए करेंगे मजबूर :
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौथ ने महापंचायत में कहा कि आज सरकार को एक बार सोचने के लिए मजबूर करने के लिए आए हैं। 2013 से पहले मुजफ्फरनगर के आसपास में भाजपा का कोई नाम निशान नहीं था। जब से यहां पर भाजपा आई है। तब से इस प्रदेश को जाति-धर्म में बांटा है। साथियाें हम जब-जब बंटे है, तब-तब पिटे हैं। हमारा एक ही नारा होना चाहिए कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम आपस में भाई-भाई। भाजपा वालों के बहकावे में मत आएं। हमारा नाम समझिए, हमारी कोई जाति नहीं है, हमारा कोई धर्म नहीं है। राज्य नहीं है। हमारा नाम, जाति, धर्म, राज्य सब कुछ किसान हैं। उन्होंने सभी को 7 सितंबर को करनाल में होने वाली महापंचायत के लिए निमंत्रण दिया।
हरियाणा के किसान भी सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो चुके हैं। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी व जींद से किसानों का जत्था गया है। कई लोग शनिवार शाम व रात को ही मुजफ्फरनगर पहुंच चुके हैं और कई अलसुबह वहां के लिए रवाना हुए हैं। बसों व गाड़ियों में भरकर किसान गए हैं। हिसार के रामायण टोल, चौधरीवास टोल, बाडोपट्टी टोल से दर्जनों वाहन सुबह ही इस सम्मेलन के लिए रवाना हुए।
अलग अलग पहनावे, बोली का सम्मेलन :
भारतीय किसान यूनियन व संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किए जा रहे सम्मेलन में किए बड़े अहम फैसले लिए जा सकते हैं। हिसार से सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे किसान नेता दिलबाग हुड्डा व रतिया से किसान नेता मनदीप नथवान ने बताया कि वह कल रात को ही यहां पर पहुंच गए थे। रास्ते में जगहों-जगहों पर यूपी के लोगों द्वारा किसानों की आवभगत की जा रही है और खाने के लंगर चल रहे हैं। रात में ही यहां पर हजारों किसान पहुंच चुके थे और सुबह होते ही हजारों की संख्या में किसान आने शुरू हो गए। फिलहाल ग्राउंड लगभग भर चुका है और उसके बावजूद किसानों का आना लगातार जारी है। यहां एक अलग ही तरह का सम्मेलन दिख रहा है। अलग-अलग बोली, पहनावे व वेशभूषा में किसान पहुंचे हैं, लेकिन सबका मकसद एक ही है कि कृषि कानून रद्द हों।