Haryana Congress कांग्रेस में हुड्डा खेल सकते है कुलदीप पर बड़ा दांव

HR Breaking News, चंडीगढ़ ब्यूरो, हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बदलाव की अटकलों के बीच आदमपुर के विधायक कुलदीप बिश्नोई ने वीरवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की है। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य एवं पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई की सोनिया गांधी के साथ हुई इस मुलाकात के बाद अध्यक्ष पद पर होने वाले संभावित बदलाव की अटकलों को हवा मिली है।
आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा के कुछ और कांग्रेस नेता दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। उम्मीद की जा रही कि प्रदेश अध्यक्ष के पद पर जल्द ही बदलाव हो सकता है।
कांग्रेस प्रभारी विवेक बंसल ने हालांकि पछले दिनों कुमारी सैलजा के ही अध्यक्ष बने रहने का दावा करते हुए बदलाव की संभावना को खारिज कर दिया था, लेकिन बुधवार को उन्होंने जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी हाईकमान के समक्ष चार नामों का प्रस्ताव रखा, उसे देखकर लग रहा कि कांग्रेस में भीतर ही भीतर बहुत कुछ पक रहा है।
विवेक बंसल की ओर से अध्यक्ष पद के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला, विधायक कुलदीप बिश्नोई और कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी के नाम हाईकमान को भेजे गए हैं।
इन चारों नामों को देखकर लगा रहा कि हुड्डा के विरोधी उन्हें उनकी के जाल में फंसाने की रणनीति बना रहे हैं। विवेक बंसल हालांकि चार नामों के ऐसे कोई विकल्प हाईकमान को भेजे जाने से इन्कार करते हैं, लेकिन बताया जाता है कि जिस तरह से भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को अध्यक्ष बनवाना चाहते हैं, उसे रोकने के लिए हुड्डा के विरोधियों ने उनका खुद का नाम अध्यक्ष पद के दावेदारों में सबसे ऊपर कर दिया है।
हुड्डा यदि अध्यक्ष बने तो उन्हें कांग्रेस विधायक दल के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद छोड़ना पड़ सकता है। हुड्डा यदि कांग्रेस विधायक दल के नेता रहते हैं तो ऐसे में जाट नेतृत्व के रूप में सुरजेवाला और किरण की अपेक्षा गैर जाट कुलदीप बिश्नोई की दावेदारी अध्यक्ष पद के लिए ज्यादा मजबूत नजर आ रही है।
हुड्डा की रणनीति भले ही कुछ भी रहे, लेकिन उनके समर्थक विधायक चाहते हैं कि हुड्डा कांग्रेस विधायक दल के नेता ही बने रहें और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर किसी गैर जाट नेता को नियुक्त कराया जाए। बताया जाता है कि हुड्डा खेमे की ओर से प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए कुलदीप बिश्नोई का नाम आगे किया जा सकता है और दीपेंद्र सिंह हुड्डा को कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
यदि दीपेंद्र को अध्यक्ष बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए तो पिता-पुत्रों का दो अहम पदों पर रहना मुश्किल होगा। कांग्रेस भी नहीं चाहेगी कि अध्यक्ष और विधायक दल के नेता पदों पर पिता-पुत्र और वह भी जाट, एक साथ काबिज हो सकें।
हुड्डा समर्थक विधायक अध्यक्ष व कार्यकारी अध्यक्ष पदों पर दलित व ब्राह्मण नेताओं को गीता भुक्कल, उदयभान, वरुण मुलाना, कुलदीप शर्मा, नीरज शर्मा और जितेंद्र भारद्वाज में से किसी को काबिज कराकर भी राजनीतिक संतुलन साधने के हक में हैं।
कांग्रेस की मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने पिछले दिनों सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, जिसमें वह कहकर आई कि संगठन का बनाना बेहद जरूरी है। यदि संगठन नहीं बनता तो मुश्किलें आना तय हैं। फरीदाबाद एनआइटी के कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की।
कुलदीप बिश्नोई ने सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान राज्य में गैर जाट राजनीति का जिक्र करते हुए प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पार्टी को चलाने के अपने विजन से उन्हें अवगत कराया है। आने वाले दिनों में कुछ और पार्टी नेताओं के सोनिया गांधी से मिलने की संभावना है। तब तक राहुल गांधी भी विदेश से आ जाएंगे। सोनिया से मुलाकातों का सिलसिला पूरा हो जाने और राहुल गांधी के विदेश से लौटते ही हरियाणा के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कोई फैसला लिया जा सकता है।