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बरौदा उपचुनाव: जाटों को मनाने के लिए बताया जा रहा महान, मलिकों को बताया राजा

sudhir sheoran बरोदा। बरौदा चुनाव में अब प्रचार प्रसार तेज हो चला है। हर राजनीतिक दल वोटरों को साधने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। अब इमोशनल पॉलिटिक्स से लेकर जातिगत पॉलिटिक्स भी हावी हो चली है। हर नेता एक ही बात कह रहा है कि मैं झोली कर वोट मांग रहा
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बरौदा उपचुनाव: जाटों को मनाने के लिए बताया जा रहा महान, मलिकों को बताया राजा

sudhir sheoran

बरोदा। बरौदा चुनाव में अब प्रचार प्रसार तेज हो चला है। हर राजनीतिक दल वोटरों को साधने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है। अब इमोशनल पॉलिटिक्स से लेकर जातिगत पॉलिटिक्स भी हावी हो चली है। हर नेता एक ही बात कह रहा है कि मैं झोली कर वोट मांग रहा हूं। आप मुझे आशीर्वाद दें। हमने जहां तक नोटिस किया हर प्रत्याशी अपनी हर सभा में वोट मांगते समय अपने कुर्ते की झोली कर रहा है और लोगों से साहनुभूति के जरीये वोट मांगने की कोशिश कर रहा है। दूसरी ओर जातीगत राजनीति भी पूरे जोर पर है। वैसे ये कोई नई बात नहीं है कि जातीगत आधार पर वोट मांगे जा रहे हैं। ये शुरू से ही होता आय है और आज भी ये ज्यों का त्यों जारी है।

इसी कड़ी में आज जजपा के नारनौंद से विधायक रामकुमार गौतम भी बरोदा पहुंचे और भाजपा के प्रत्याशी योगेश्वर दत के लिए वोट देने की अपील की। इस दौरान रामकुमार गौतम ने जो पत्रकार वार्ता में कहा उसके सियासी मायने हैं। गौतम द्वारा जाटों को महान बताया गया। ये ऐसे ही नहीं कहा गया इसके कहने के मायने हैँ कि बरौदा में करीब 55 प्रतिशत जाट वोटर हैं और हर राजनीतिक दल को ये बखूबी पता है कि जाटों के वोटों के बिना यहां से जीतना न के बराबर है। इसलिए अब चुनाव के आखिरी दौर में सब कुछ किया जा रहा है। गौतम ने कहा कि हरियाणा में अगर कोई सबसे शक्तिशाली कौम है तो वो जाट हैं। जाट जो ठान लेते हैं वो कर के दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे भी जाटों ने ही विधायक बनाया है वरना हमारे वाले तो 75 पार के नारे में ही उलझ गए थे। जाटों ने ही मेरा इलेक्शन लड़ा और उन्हीं की बदौलत मैं विधायक बना। दूसरी ओर रामकुमार गौतम ने मलिक गोत्र पर भी खासा जोर दिया और मलिकों के बारे में जमकर कसीदे पढे। गौतम ने कहा कि मलिक का मतलब ही राजा है और मलिक सबसे ज्यादा शक्तिशाली हैं। यहां हम आपको इसके कारण के बारे में बता रहे हैँ मलिकों पर जोर इसलिए दिया गया क्योंकि बरौदा में मलिक गोत्र के कई गांव है यहां तक जहां से योगेश्वर दत आते हैं भैंसवाल में भी मलिकों के सबसे ज्यादा वोट है। इसलिए मलिकों को केंद्र में रखकर उनके कसीदे पढे जा रहे हैँ। इसके बाद रामकुमार गौतम ने कहा की हम जाति की राजनीति नहीं करते हैं। अब आप इससे अंदाजा लगा सकते हैँ कि वोटों के लिए सबस कुछ किया जा सकता है।

जाटों को रिझाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है भाजपा

भाजपा जाट वोटों को पाने के लिए जी तोड़ कोशिश कर रही है। इसके लिए भाजपा की ओर से चुनाव प्रभारी भी जाट को ही बनाया गया है। भाजपा ने जेपी दलाल को चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं अब जजपा के विधायकों को भी आगे कर जाटों के वोट लेने की कोशिश की जा रही है। जजपा के संस्थापक अजय चौटाला भी खुद आकर भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांग रहे हैं। अजय चौटाला ने तो यहां तक कहा कि आप ये समझ लीजिए यहां योगेश्वर दत नहीं मैं चुनाव लड़ रहा हूं। जजपा के नेता केसी बांगड़ भी अब हर चुनावी सभा में योगेश्वर दत के ही साथ नजर आ रहे हैं। भाजपा ये सब कर जाट वोटरों को अपने साथ हर हाल में जोड़ना चाहती है। लेकिन ये तो समय ही बताएगा कि भाजपा को जाटों का समर्थन मिलता है या नहीं।

कृषि बिलों पर भाजपा को घेर रहे हैँ विपक्षी दल

भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान जहां हो रहा है वो कृषि बिलों से हो रहा है। इसी के चलते किसान भी सरकार से  नाखुश नजर आ रहे हैं। लेकिन भाजपा की ओर से किसानों को मनाने का प्रयास जारी है। भाजपा को भी इस बात का भलीभांती पता है कि अगर ये चुनाव जीतना है तो जाटों के वोट लेने ही होंगे। दूसरी ओर जजपा से भी किसानों को सबसे ज्यादा नाराजगी है। इसका कारण भी है क्योंकि जजपा की जो दस सीटें आईं हैं वो सभी सीटें ग्रामीण क्षेत्रों की हैं। जहां किसानों के वोट लेकर ही जजपा आज सरकार में भागीदार है। लेकिन अब किसान इन बिलों का विरोध कर रहे हैं और दुष्यंत चौटाला पर भी नाराजगी जता रहे हैँ।

जजपा का वोटर शिफ्ट नहीं हुआ तो होगी मुश्किल

अगर भाजपा में जजपा को वोटर शिफ्ट नहीं हुआ तो भाजपा के लिए बड़ी मुसिबत खड़ी हो जाएगी। पिछले चुनाव में जहां जजपा के 32 हजार के करीब वोट आए थे वही भाजपा के 37 हजार के करीब वोट आए थे और कांग्रेस के करीब 42 हजार वोट आए थे। पिछली बार चुनाव में तीन जाट मैदान में थे और भाजपा की ओर से योगेश्वर दत मैदान में थे लेकिन इस बार सीधी टक्कर भाजपा और कांग्रेस में है। कांग्रेस की ओर से जाट प्रत्याशी मैदान में और भाजपा की ओर से नॉनजाट को टिकट दी गई है। जजपा को कोर वोटर भी जाट ही है। इसलिए भाजपा जजपा के नेताओं को भी दौरे करने के लिए कह रही है। भाजपा चाहती है कि जजपा को जो पिछले चुनाव में वोट मिले थे उसमें से ज्यादा से ज्यादा वोट भाजपा के लिए पड़ें और ये मैदान भाजपा फतेह कर ले। बरहाल अब ये तो आने वाला समय ही बताएगा कि बरौदा पर आखिर राज कौन करेगा।

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