बचपन में PM Modi करते थे एक्टिंग, खुद लिखते थे नाटक की स्क्रिप्ट

HR Breaking News पंजाब के फिरोजपुर में PM Modi की सुरक्षा में चूक होना सभी लोगों को अजीब लगा रहा है। PM Modi की सुरक्षा में चूक को लेकर लोगों के ( PM Modi Security Breach In Punjab ) अलग अलग मत है। कोई इसे नौटंकी बता रहा तो कोई PM Modi की सुरक्षा को बेहद चिंता में नजर आ रहा है। ऐसे में सोशल मीडिया पर आज तक की सिंतबर 2019 की एक खबर जमकर वायरल हो रही है। ( PM Modi Security Breach In Punjab ) जिसमें बताया गया है कि PM Modi ने खुद बहुत नाटको में एक्टिंग की है और यही नही नाटक की स्क्रिप्ट भी खुद लिखा करते थे। यह बात हम नही खुद PM Modi ने एक इंटरव्यू में कबूल की है।

पिछले 6 सालों से PM Modi दुनियाभर में सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री के तौर पर उभरे हैं.. वैसे तो उनकी जिंदगी खुली किताब की तरह है. लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं जिन्हें लोग कम जानते हैं. ( PM Modi Security Breach In Punjab ) ये बहुत कम ही लोग जानते हैं कि स्कूल के दौरान PM Modi को अभिनय और नाटक में बहुत रुचि थी. अभिनय और रंगमंच के प्रति उनके प्रेम की रुचि के बारे में उनके जीवन पर लिखी गई किताब “The Man of the Moment: Narendra Modi” में जिक्र है. ये किताब साल 2013 में एमवी कामथ और कालिंदी Randeri ने लिखी थी.

बता दें, ये किताब उस वक्त लिखी गई थी जब वह भारत के प्रधानमंत्री नहीं बने थे, ( PM Modi Security Breach In Punjab ) लेकिन देश के बेहतरीन राजनीतिक नेता के रूप में उभर रहे थे. वहीं PM Modi ने खुद अपनी किताब “Exam Warriors” में बताया कि उन्हें अभिनय और नाटक/ड्रामा से कितना प्यार है.

वहीं PM Modi को लगा कि वह डायलॉग की डिलीवरी परफेक्ट तरीके से कर रहे हैं. लेकिन वह चाहते थे कि डायरेक्टर भी उनके बारे में यहीं बोले. अगले दिन, PM Modi ने डायरेक्टर से कहा कि वह मेरी जगह आए और मुझे बताए कि मैं कहां गलत कर रहा हूं. कुछ ही सेकंड में, मुझे एहसास हुआ कि खुद को बेहतर बनाने में मैं कहां गलत हो रहा था. आपको फिर से बता दें, ये सभी बातें PM Modi ने किताब “Exam Warriors” में लिखी है

बता दें, PM Modi 13-14 साल के थे जब उन्होंने वडनगर में अपने स्कूल के लिए फंड जमा करने के लिए नाटक किया था. स्कूल की कंपाउंड की ( PM Modi Security Breach In Punjab ) दीवार कई जगहों पर टूट गई थी और स्कूल के पास इसकी मरम्मत के लिए फंड नहीं था. जिसके बाद सभी बच्चों ने मिलकर नाटक करने के बारे में सोचा

जिसके बाद PM Modi और उनके दोस्तों की टोली ने फैसला कर लिया था कि वह अपने स्कूले के पैसे जुटाएंगे और नाटक करेंगे. ये नाटक PM Modi ने लिखा था. ( PM Modi Security Breach In Punjab ) जिसका उन्होंने डायरेक्शन भी किया और नाटक में एक्टिंग भी की.

PM Modi का ये नाटक गुजराती में था. जिसका नाम था ‘पीलू फूल’. इसका शाब्दिक अर्थ है पीले फूल. नाटक का विषय अस्पृश्यता एक सदियों पुरानी प्रथा थी. बता दें, ( PM Modi Security Breach In Punjab ) अस्पृश्यता की प्रथा को अनुच्छेद 17 के अंतर्गत एक दंडनीय अपराध घोषित कर किया गया है. अस्पृश्यता को अपराध घोषित करने का पहला कानून 1955 में संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन जब यह नाटक लागू हुआ (1963-64), तब भी समाज में अस्पृश्यता गहरी जड़ थी.

जानिए कैसा था PM Modi का नाटक
PM Modi के नाटक ‘पीलू फूल’ में, एक गांव में एक दलित महिला अपने बेटे के साथ रहती है. बेटा बीमार पड़ जाता है और मां उसे वैद्य (पारंपरिक चिकित्सक), डॉक्टर और तांत्रिक के पास ले जाती है ( PM Modi Security Breach In Punjab ) लेकिन सभी बच्चे को देखने से इनकार कर देते हैं क्योंकि दोनों “अछूत” हैं.

किसी ने महिला को सुझाव दिया कि अगर वह गांव के मंदिर में देवताओं को चढ़ाए गए पीले फूल को उसका बेटा छू लेता है को उसकी बीमारी से ठीक हो जाएगी.

महिला मंदिर की ओर में भागती है लेकिन दलित होने की वजह से उसे मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है. पुजारी उस पर चिल्लाता है. महिला उस पुजारी के सामने एक पीले फूल के लिए रोती- गिड़गिड़ाती है ताकि वह अपने बेटे की जान बचा सके. जिसके बाद पुजारी, ( PM Modi Security Breach In Punjab ) अंत में उसे एक फूल देने के लिए मान जाता है. PM Modi का ये नाटक एक संदेश के साथ समाप्त होता है कि हर कोई भगवान और सभी को मंदिरों में देवताओं को चढ़ाए गए फूलों पर समान अधिकार रखता है.

द मैन ऑफ द मोमेंट के सह-लेखक, Kalindi Randeri के बारे में बताते हुए PM Modi ने एक इंटरव्यू में कहा कि जब वह इस किताब को लिखने के लिए ग्राउंड रिसर्च करने के लिए वडनगर का दौरा किया तो ( PM Modi Security Breach In Punjab ) कई लोगों ने नाटक को याद करते हुए कहा कि यह एक अच्छी तरह से लिखा गया और अच्छी तरह से अभिनय किया गया है.

ऐसा कहा जाता है कि PM Modi का नाटक एक वास्तविक घटना से प्रेरित था जिसमें उन्होंने वडनगर में एक पुजारी को एक दलित महिला को मंदिर से दूर भागते देखा था.