निशांत सिंधु ने विजयी मैच में बनाए नाबाद 50 रन, बॉक्सर बनाना चाहता था परिवार

पिता सुनील और माता वंदना ने बताया कि निशांत को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक है। क्रिकेट को लेकर निशांत के अंदर इतना जुनून है कि वह हर वक्त क्रिकेट के बारे में ही सोचता रहता है और क्रिकेट को ही जीता है। निशांत के पिता सुनील निजी कंपनी में नौकरी करते हैं और मां वंदना स्कूल टीचर हैं। परिवार के लोग निशांत को पहले बॉक्सर बनाना चाहते थे और इसको लेकर उन्होंने ट्रेनिंग भी दिलाई।
निशांत को क्रिकेट बेहद पसंद था, इसलिए परिवार ने भी उसका स्थानीय क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन करा दिया। निशांत 3 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेल रहे हैं। अपने बेटे की उपलब्धि पर परिवार काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा है। निशांत की मां और पिता को उम्मीद है कि उनका बेटा जल्द ही भारतीय सीनियर टीम का हिस्सा बनकर देश का गौरव बढ़ाएगा। निशांत की अकादमी के कोच और साथी खिलाड़ी भी बेहद खुश हैं कि उनके साथ खेलने वाले दोस्त देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
मैच के बाद से बधाई देने वालों का लगा तांता
फाइनल मुकाबले को लेकर हरियाणा के लोगों में काफी उत्साह दिखा, उसे प्रदेश के खिलाड़ियों ने बरकरार भी रखा। रोहतक के रहने वाले निशांत सिंधु अर्धशतक बनाकर नाबाद रहे और फाइनल मुकाबला जीतने में अहम योगदान दिया। निशांत सिंधू के पिता सुनील और माता वंदना ने कहा कि उन्हें पहले से ही यकीन था कि भारतीय टीम फाइनल मुकाबला जीतकर आएगी। टीम इंडिया की जीत के बाद निशांत के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बेटे की इस उपलब्धि पर माता-पिता बेहद खुश हैं।
मैच के बाद से बधाई देने वालों का लगा तांता
फाइनल मुकाबले को लेकर हरियाणा के लोगों में काफी उत्साह दिखा, उसे प्रदेश के खिलाड़ियों ने बरकरार भी रखा। रोहतक के रहने वाले निशांत सिंधु अर्धशतक बनाकर नाबाद रहे और फाइनल मुकाबला जीतने में अहम योगदान दिया। निशांत सिंधू के पिता सुनील और माता वंदना ने कहा कि उन्हें पहले से ही यकीन था कि भारतीय टीम फाइनल मुकाबला जीतकर आएगी। टीम इंडिया की जीत के बाद निशांत के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। बेटे की इस उपलब्धि पर माता-पिता बेहद खुश हैं।