डेरा प्रमुख राम रहीम एक और हत्या के मामले में दोषी करार, 12 को सुनाई जाएगी सजा

HR BREAKING NEWS. डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम, जो पहले ही रेप के मामले में जेल में सजा काट रहा है, उसे एक हत्या के मामले में भी दोषी करार दिया गया है। पंचकूला की CBI कोर्ट ने उसे और अन्य अभियुक्तों को डेरा मैनेजर रणजीत सिंह की हत्या के मामले में दोषी माना है। इन सभी को 12 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। रणजीत सिंह की हत्या 10 जुलाई 2002 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र में की गई थी।
हरियाणा के बहुचर्चित और 19 साल पुराने रणजीत सिंह हत्याकांड में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम समेत 5 लोगों को दोषी करार दिया गया है। पंचकूला में CBI की विशेष अदालत में जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया। पांचों दोषियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी। दोषियों में गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल शामिल हैं।
पहले ही काट रहा है उम्र कैद :
राम रहीम रोहतक में 2 साध्वियों के यौन शोषण मामले में 20 साल व छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसे 25 अगस्त 2017 को पंचकूला की अदालत में पेश किया गया था। सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए गुरमीत को सुनारियां जिला जेल में भेज दिया था।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए
शुक्रवार को केस की सुनवाई के दौरान राम रहीम और कृष्ण कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। अवतार, जसवीर और सबदिल को कोर्ट में लाया गया था। केस में पहले 26 अगस्त को फैसला सुनाया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से टल गया था। अभियोजन पक्ष के वकील एचपीएस वर्मा ने बताया कि 19 साल पुराने इस मामले में गत 12 अगस्त को बचाव पक्ष की अंतिम बहस पूरी हो गई थी।
ये था रणजीत सिंह हत्याकांड :
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी। क्योंकि डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत के पिता ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी।
हाईकोर्ट ने पिता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केस की जांच सीबीआई को सौंप दी। मामले की जांच करते हुए सीबीआई ने राम रहीम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। 2007 में कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए थे। 8 अक्टूबर 2021 को आरोपी दोषी करार दिए गए हैं।
रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में राम रहीम को उम्रकैद हुई थी
साध्वी यौन शोषण मामले में जो लेटर लिखे गए थे, उन्हीं के आधार पर रामचंद्र ने अपने अखबार में खबरें प्रकाशित की थीं। छत्रपति पर पहले दबाव बनाया गया। जब वे धमकियों के आगे नहीं झुके तो 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा में घर के बाहर पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को गोली मारी गई थी। 28 दिन बाद 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उपचार के दौरान रामचंद्र ने दम तोड़ दिया था।
हालांकि शुरूआत में इस मामले में राम रहीम का नाम नहीं था, लेकिन 2003 में जांच सीबीआई को सौंपने के बाद 2006 में राम रहीम के ड्राइवर खट्टा सिंह के बयानों के आधार पर डेरा प्रमुख का नाम इस हत्याकांड में शामिल हुआ। 11 जनवरी 2018 को केस में राम रहीम, कुलदीप सिंह, निर्मल सिंह और किशन लाल को दोषी करार दिया गया। इसके बाद चारों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
सभी दोषियों पर 50 हजार जुर्माना भी लगाया गया। गुरमीत राम रहीम को इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी बनाया गया। गोली कुलदीप ने मारी थी। उसके साथ निर्मल भी था। जिस रिवॉल्वर से रामचंद्र पर गोलियां चलाई गईं, उसका लाइसेंस डेरा सच्चा सौदा के मैनेजर किशन लाल के नाम पर था। कोर्ट ने राम रहीम को हत्या की साजिश रचने का दोषी माना।
सेवक ने लगाया हत्या का आरोप :
डेरे के सेवक रहे खट्टा सिंह ने रणजीत सिंह की हत्या का आरोप राम रहीम पर लगाया था। दरअसल, राम रहीम को लगता था कि यौन शोषण मामले से संबंधित चिटि्ठयां रणजीत सिंह ने ही जगह-जगह भेजी थीं। खट्टा सिंह ने कोर्ट में कहा था, ‘रणजीत ने गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से लिखवाई थी, इसलिए राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने का आदेश दिया था।’
2017 से जेल में बंद है राम रहीम
गुरमीत राम रहीम को 2 साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में 20 साल की सजा मिली हुई है। पत्रकार की हत्या के मामले में वह उम्रकैद की सजा काट रहा है। 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में CBI की विशेष अदालत ने दोषी करार देते हुए, उसे सुनारियां जिला जेल भेज दिया था। 27 अगस्त को जेल में ही CBI की अदालत लगाई गई। इस दिन सजा तय होने के बाद से राम रहीम जेल में है।