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डेरा प्रमुख राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में जल्द सुनाई जाएगी सजा…

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम समेत पांच अन्य दोषियों को रणजीत सिंह हत्याकांड में पंचकूला CBI की विशेष अदालत कुछ ही देर में फैसला सुनाएगी। राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। वहीं अन्य 4 दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला कोर्ट लाया गया। मामले की सुनवाई लंच
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डेरा प्रमुख राम रहीम को रणजीत हत्याकांड में जल्द सुनाई जाएगी सजा…

चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम समेत पांच अन्य दोषियों को रणजीत सिंह हत्याकांड में पंचकूला CBI की विशेष अदालत कुछ ही देर में फैसला सुनाएगी। राम रहीम की पेशी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की गई। वहीं अन्य 4 दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच पंचकूला कोर्ट लाया गया। मामले की सुनवाई लंच से पहले पूरी कर ली गई है। फिलहाल फैसले का इंतजार किया जा रहा है।

सुनवाई के दौरान सरकारी वकील एचपीएस वर्मा ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की। वहीं बचाव पक्ष के वकील का तर्क था कि इस मामले में फांसी की सजा नहीं बनती। इस दौरान राम रहीम ने कहा कि वह इस देश का नागरिक है और उसे अदालत पर पूरा भरोसा है।

जिले में सुरक्षा के इंतजाम पूरे, धारा 144 लागू :

पंचकूला जिला प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर रखी है। साथ ही पूरे पंचकूला में सुरक्षा को लेकर ITBP के जवानों के साथ पंचकूला के पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया। जो शहर में आने वाले लोगों की पूरी तलाशी लेने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं। चार साल पहले हुए घटनाक्रम से सबक लेते हुए पंचकूला जिला प्रशासन इस बार सुरक्षा को लेकर एहतियात बरत रहा है।

12 अक्टूबर को फैसला रखा गया था सुरक्षित :

12 अक्टूबर को पंचकूला में CBI कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम सुनवाई के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जुड़ा था। केस के अन्य चारों दोषी कृष्ण लाल, अवतार, सबदिल और जसबीर कोर्ट में हाजिर थे। CBI कोर्ट के जज सुशील गर्ग ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद सजा के मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। अगली सुनवाई के लिए 18 अक्टूबर की तारीख तय की थी।

आपको बता दें कि 12 अक्टूबर को दोषियों के वकीलों ने CBI की ओर से दी गई दलीलों को पढ़ने के लिए समय मांगा था। जिसे अदालत ने मंजूर कर आज बाकी बहस पूरी होने के बाद फैसले की उम्मीद जताई थी।

डेरा प्रमुख ने सुनवाई के दौरान दी थीं ये दलीलें
रणजीत सिंह हत्याकांड के मुख्य गवाह और डेरा प्रमुख के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने अपनी गवाही में कहा था कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बाबा राम रहीम ने रहम के लिए अपनी बीमारियों का हवाला दिया था। साथ ही राम रहीम ने अदालत में खुद के द्वारा समाज की भलाई के लिए चलाए जा रहे कामों की दुहाई भी दी थी।

क्या है रणजीत सिंह हत्याकांड?
10 जुलाई 2002 को डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी के मेंबर रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। डेरे के ही कुछ अनुयायियों के अनुसार डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने ही साध्वी यौन शोषण मामले में अपनी बहन से गुमनाम चिट्ठी लिखवाई।

पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के पिता ने जनवरी 2003 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने बेटे की हत्या की जांच CBI से करवाने की मांग की, जिसे हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया। CBI ने इस मामले में डेरामुखी राम रहीम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। 2007 में CBI की स्पेशल कोर्ट ने आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए और 8 अक्टूबर 2021 को उन्हें दोषी करार दे दिया।

तीन लोगों की गवाही रही अहम
रणजीत सिंह हत्याकांड में 3 लोगों की गवाही महत्वपूर्ण रही। इनमें से 2 चश्मदीद गवाहों सुखदेव सिंह और जोगिंद्र सिंह ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों को रणजीत सिंह पर गोली चलाते देखा। तीसरा गवाह डेरामुखी का ड्राइवर खट्टा सिंह रहा। खट्‌टा सिंह के अनुसार, उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने की साजिश रची गई। खट्टा सिंह ने अपने बयान में कहा कि डेरामुखी राम रहीम ने उसके सामने ही रणजीत सिंह को मारने के लिए बोला। केस की शुरुआती सुनवाई के समय खट्टा सिंह अदालत में इस बयान से मुकर गया था, मगर कई साल बाद वह फिर कोर्ट में पेश हुआ और गवाही दी। उसकी गवाही के आधार पर ही पांचों को दोषी ठहराया गया।

यौन शोषण मामले में पहले से काट रहा 20 साल की सजा
डेरे की दो साध्वियों के यौन शोषण मामले में 28 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई। तब पंचकूला में CBI कोर्ट द्वारा डेरामुखी को दोषी ठहराए जाने के बाद पंजाब-हरियाणा और राजस्थान समेत 5 राज्यों में डेरे के अनुयायी हिंसा पर उतर आए, जिसमें 31 लोग मारे गए और 250 से ज्यादा घायल हुए। दिल्ली में ट्रेन के दो खाली डिब्बे जला दिए गए। पंचकूला में जमे डेरे के डेढ़ लाख अनुयायी 3 घंटे तक हिंसा करते रहे। पंचकूला के अलावा पंजाब के पटियाला, फाजिल्का, फिरोजपुर, मानसा और बठिंडा में कर्फ्यू लगाना पड़ा।

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