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बच्चे को जंजीरों से बांधकर पीटा, पीड़ित के लिए फरिश्ता बनकर आया ये व्यक्ति

फतेहाबाद। आज एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। दरअसल एक बच्चे को जंजीरों से बांधकर पीटा जा रहा था और यह पिटाई इसलिए हो रही थी क्योंकि वह लोग बच्चे से भीख मंगवाना चाहते थे। लेकिन बच्चा भीख नहीं मांग रहा था। इस खबर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुछ
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बच्चे को जंजीरों से बांधकर पीटा, पीड़ित के लिए फरिश्ता बनकर आया ये व्यक्ति

फतेहाबाद। आज एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। दरअसल एक बच्चे को जंजीरों से बांधकर पीटा जा रहा था और यह पिटाई इसलिए हो रही थी क्योंकि वह लोग बच्चे से भीख मंगवाना चाहते थे। लेकिन बच्चा भीख नहीं मांग रहा था। इस खबर से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुछ लोग बच्चों पर किस तरह जुल्म ढा रहे हैं। यह घटना गाजियाबाद से सामने आई है।

एक छोटा बच्चा जोकि भूखा प्यासा गाजियाबाद के एक पार्क में बेहोशी की हालत में मिला। हैरान कर देने वाली बात यह है कि यहां से हजारों लोग निकले होंगे लेकिन किसी ने इस बच्चे के दर्द को नहीं जानना चाहा। इसके बाद जब एनजीओ को घटना का पता लगा तो बच्चे की सुध लेने के लिए अमृत वर्षा एनजीओ के संस्थापक रवि पहुंचे।

रवि मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं और एनजीओ के जरिए बच्चों के जीवन को सुधारने की कोशिश में लगे हुए हैं। अपने संघर्ष व सेवा के माध्यम से वह इन बेसहारा बच्चों को शिक्षित करने और एक बेहतर जिंदगी व्यतीत कर सकें इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं। जब रवि बच्चे के पास पहुंचे तो वह काफी डरा हुआ था। उसने कई दिनों से खाना भी नहीं खाया था, भूखा था। जब उस बच्चे से उसके माता-पिता के बारे में पूछा तो उसने बताया कि उसके माता-पिता नहीं हैं। वह अपनी दादी और बुआ के साथ झुग्गी बस्ती में रहता है।

हैरान कर देने वाली बात यह भी है कि बच्चा घर जाने को भी तैयार नहीं था। इसके बाद रवि ने उसे खाना खिलाया और गाड़ी में बैठा कर उसे उनकी झुग्गी के पास गए तो वहां जो उन्होंने देखा वह मानवता को शर्मसार कर देने वाला भयावह दृश्य था। वहां पहुंच कर पता चला कि यह बेसहारा बच्चों को जबरदस्ती भीख मांगने के लिए मजबूर करते हैं। यह कोई बाहर के लोग नहीं बल्कि उसके ही परिवार के दादी और बुआ हैं और यह लोग बच्चों से भीख मंगवाई कर घर चलाते हैं।

पीड़ित बच्चे ने बताया कि जब वह भीख नहीं मांगता है तो उसकी पिटाई की जाती है। इसी के डर के चलते वह घर से भागना चाह रहा था तो घरवालों ने उसको लोहे की जंजीरों से बांध दिया और उसकी पिटाई की गई। जिस उम्र में बच्चे खेलते हैं पढ़ते हैं उसी उम्र में यह बच्चा भीख मांगने को मजबूर हैं। रवि ने कहा कि जो हो रहा था वह भविष्य में दोबारा नहीं होना चाहिए। उन्होंने घरवालों को चेतावनी दी कि अगर ऐसा दोबारा से किया तो वह कानूनी रूप से कड़ी कार्रवाई करेंगे।

  • गरीब बच्चों को भविष्य बेहतर करना ही लक्ष्य

रवि इन बच्चों के जीवन को एक बेहतर बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने इन बच्चों को रोज 1 घंटे पढ़ाने का भी फैसला किया। शायद उन्हें सही रास्ता मिल सके और वह अपनी जिंदगी अच्छे तरीके से व्यतीत कर सकें। रवि बताते हैं कि वह पिछले 5 साल से एनजीओ के माध्यम से बच्चों के जीवन को उज्जवल बनाने के लिए काम कर रहे हैं। वह 100 गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा भी रहे हैं। इसका कारण है कि रवि का बचपन बहुत ही अभाव में गुजरा है।  उन्होंने गरीबी को बहुत करीब से देखा। इसी के चलते आज यह इन बच्चों का सहारा बने हैं।

  • गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों के साथ खुल चुके हैं रवि

रवि एक बेहतरीन क्रिकेटर में रहे हैं। इन्होंने गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ियों के साथ खेला है। लेकिन अब यह इन बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं। रवि बच्चों को क्रिकेट की ट्रेनिंग भी देते हैं। रवि का कहना है कि वह क्रिकेट की तालीम इसलिए नहीं देते कि बच्चे क्रिकेटर बने। बल्कि उनका यह मानना है कि वह एक अच्छे इंसान बनकर निकले। करीब 3 साल से वह क्रिकेट एकेडमी भी चला रहे हैं। जहां फ्री में क्रिकेट की ट्रेनिंग दी जाती है और बच्चों के सपनों को साकार करने के लिए वह प्रयासरत हैं।