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नैनो और माइक्रो ड्रोन के लिए अब नहीं पड़ेगी लाइसेंस की जरुरत, रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर प्रोसेस भी हुआ आसान

क्या आप ड्रोन उड़ाने के शौकीन हैं, लेकिन कहीं न कहीं नियमों की लंबी चौड़ी लिस्ट से परेशान हैं? तो अब आपकी ये सारी चिंताएं सरकार ने ड्रोन उड़ाने से जुड़े उदार और आसान नियम बनाकर दूर कर दी है। बिना पायलट लाइसेंस के भी उड़ा सकेंगे ड्रोनऐसे ड्रोन जिनका यूज़ नॉन कमर्शियल है, उन
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नैनो और माइक्रो ड्रोन के लिए अब नहीं पड़ेगी लाइसेंस की जरुरत, रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर प्रोसेस भी हुआ आसान

क्या आप ड्रोन उड़ाने के शौकीन हैं, लेकिन कहीं न कहीं नियमों की लंबी चौड़ी लिस्ट से परेशान हैं? तो अब आपकी ये सारी चिंताएं सरकार ने ड्रोन उड़ाने से जुड़े उदार और आसान नियम बनाकर दूर कर दी है।

बिना पायलट लाइसेंस के भी उड़ा सकेंगे ड्रोन
ऐसे ड्रोन जिनका यूज़ नॉन कमर्शियल है, उन नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के लिए पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी। बता दें कि, 250 ग्राम या कम वजन के ड्रोन नैनो होते हैं वहीं 2 किलो तक के माइक्रो की गिनती में आते हैं।

आसान हुआ ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन प्रोसेस
अब से सभी ड्रोन का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर होगा। ड्रोन के ट्रांसफर और डीरजिस्ट्रेशन का प्रोसेस बहुत आसान हो गया है।

जरूरी नहीं है मेंटेनेंस सर्टिफिकेट और ऑपरेटर परमिट
पहले ड्रोन के लिए कई तरह के अप्रूवल लेने पड़ते थे, वे अब जरूरी नहीं होंगे। जैसे कि- यूनीक ऑथराइजेशन नंबर, मेंटेनेंस सर्टिफिकेट, ऑपरेटर परमिट, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, उसके कंपोनेंट के इंपोर्ट की इजाजत।

लाइसेंस फीस 3000 रुपए घटकर 100 रुपए
लाइसेंस फीस 3000 रुपए से घटकर 100 रुपए हो गई है। रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस लेने के लिए सिक्योरिटी क्लीयरेंस लेने की जरूरत नहीं होगी। रिमोट पायलट लाइसेंस 10 साल तक वैलिड रहेगा और फीस 3000 रुपए के बजाय 100 रुपए होगी। जरूरी फॉर्म्स की संख्या 25 से घटाकर 5 कर दी गई है। 72 तरह की फीस अब सिर्फ 4 तक सिमित रह गई है। फीस मामूली होगी और वह ड्रोन के साइज से जुड़ी नहीं होगी।

अलग-अलग इंटरैक्टिव एयरस्पेस मैप
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, येलो और रेड जोन का इंटरैक्टिव एयरस्पेस मैप होगा। येलो जोन यानी एयरपोर्ट के करीब 12 किलोमीटर के दायरे के बाहर ड्रोन उड़ाया जा सकेगा। पहले यह दायरा 45 किलोमीटर था।

रूल्स टूटने पर लिया जायेगा अधिकतम 1 लाख तक का जुर्माना
ग्रीन जोन और एयरपोर्ट से 8-12 के दायरे में 200 फुट ऊपर तक ड्रोन उड़ाने के लिए किसी इजाजत की जरूरत नहीं होगी। ड्रोन रूल्स टूटने पर अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपए तक होगा, लेकिन दूसरे रूल्स अपनी जगह होंगे।

ड्रोन की वेट लिमिट बढ़ाकर 500 किलो कर दी गई है
ड्रोन रूल्स में वेट लिमिट को 300 किलो से बढ़ाकर 500 किलो कर दिया गया है। इससे हेवी पेलोड उठाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सी भी इसके दायरे में आ जाएंगी। कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर बनाया जाएगा।

ट्रेनिंग और परीक्षा के लिए ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल
ड्रोन से जुड़ी ट्रेनिंग देने और परीक्षा लेने का काम ऑथराइज्ड ड्रोन स्कूल करेंगे। ट्रेनिंग किस तरह की होगी, यह DGCA बताएगा। वह ड्रोन स्कूल की निगरानी और पायलट लाइसेंस ऑनलाइन देने का काम करेगा।