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अब पसीने से चलेगी स्मार्टवॉच, 2 मिलीलीटर पसीने से चार्ज होगी 20 घंटे तक चलेगी

आज के समय में स्मार्टवॉच लोगों की जरूरत बन गई है, क्योंकि महामारी ने लोगों का ध्यान सेहत की ओर केंद्रित कर दिया है। आपकी कलाई में बंधी वॉच को सब पता है कि आप एक दिन में कितने स्टेप चलते हैं, कितनी एक्सरसाइज करते हैं, हार्टबीट कितनी है और यहां तक कि ऑक्सीजन लेवल
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अब पसीने से चलेगी स्मार्टवॉच, 2 मिलीलीटर पसीने से चार्ज होगी 20 घंटे तक चलेगी

आज के समय में स्मार्टवॉच लोगों की जरूरत बन गई है, क्योंकि महामारी ने लोगों का ध्यान सेहत की ओर केंद्रित कर दिया है। आपकी कलाई में बंधी वॉच को सब पता है कि आप एक दिन में कितने स्टेप चलते हैं, कितनी एक्सरसाइज करते हैं, हार्टबीट कितनी है और यहां तक कि ऑक्सीजन लेवल भी। इतनी जरूरी चीज को चार्ज करना भी उतना ही जरूरी होता है। अगर किसी दिन आप इसे चार्ज करना भूल गए तो आपको भी टेंशन हो जाती है। ऐसे में अगर हम आपसे ये कहें कि अब आपकी स्मार्टवॉच पसीने से चार्ज होगी तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे।

अब पसीने से चलेगी स्मार्टवॉच, 2 मिलीलीटर पसीने से चार्ज होगी 20 घंटे तक चलेगी

ये भी सच है। वैज्ञानिकों ने स्मार्टवॉच के लिए एक खास बैटरी बनाई है जो कि इलेक्ट्रिसिटी के बदले पसीने से चार्ज हो सकती है। यह एक तरह की पोर्टेबल बैटरी है, जो कि स्पेशल वायरलेस डिवाइस के लिए बनाई गई है। यह बैटरी केवल दो मिलीलीटर पसीने से 20 घंटे तक के लिए स्मार्टवॉच चार्ज कर सकती है।

इसका साइज 0.8 स्क्वायर इंच है
सिंगापुर में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने 0.8 स्क्वायर इंच की प्लेन बैंडेज वाली एक पोर्टेबल बैटरी बनाई है। यह बैटरी एक स्ट्रेचेबल और पसीना सोखने वाले कपड़े से अटैच होती है। इसे कलाई में स्मार्टवॉच के साथ अटैच कर के पहन सकते हैं।

पसीने को स्टोर करने की भी क्षमता
स्मार्टवॉच जैसे दूसरे पहने जाने वाले गैजेट्स में भी इसे लगाया जा सकता है। इसमें पसीने को सोखने के साथ-साथ पसीने को स्टोर करने की भी क्षमता है। इससे यह फायदा होता है कि पसीना कम होने पर भी बैटरी लगातार काम करती रहती है। जैसे कि अगर व्यक्ति एसी चलाकर बैठा हो, या फिर सोते या आराम करते वक्त पसीना कम आता है, तो ऐसे समय में बैटरी पहले से ही इतना पसीना स्टोर करके रखती है कि आपकी स्मार्टवॉच चलती रहे।

वायरलेस गैजेट्स की चार्जिंग के लिए नए उपकरणों की खोज जारी
नानयांग टेक्नोलॉजी के साइंटिस्ट और रिसर्च हेड का कहना है कि यह नई तकनीक पहने जाने वाले गैजेट्स के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि वायरलेस गैजेट्स की चार्जिंग के लिए और भी नई चीजें खोज रहे हैं, जो मौसम के अनुकूल तो हो ही, साथ ही बिजली से चार्ज होने वाली बैटरी से अलग हों।

रिसर्चर्स के मुताबिक इंसानी शरीर का पसीना इस बैटरी को चार्ज करने में सहायक है। साथ ही यह बैटरी सभी प्रकार के पहने जाने वाले गैजेट्स को चार्ज करने में सक्षम होगी। रिसर्चर्स ने सबसे पहले आर्टिफीशियल मानव पसीने से चेक किया तो पाया कि यह बैटरी 3.57 वाट वोल्टेज बना रही है, लेकिन मानव पसीने से यह 4.2 वाट वोल्टेज पैदा करती है।

इससे पहले मोबाइल चार्ज करने के लिए भी आ चुकी है ऐसी डिवाइस
इससे पहले सैनडिएगो की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की टीम ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है जिससे मोबाइल भी बिना बिजली के चार्ज हो सकेगा। उनके मुताबिक सोते वक्त डिवाइस को पहनने के बाद पसीने से बिजली पैदा होगी, जिससे मोबाइल फोन और स्मार्टवॉच चार्ज हो सकेंगे।