नहर टूटने से 3 गांव के किसानों की फसल बर्बाद, 28 घंटे बाद भी पानी निकालने के इंतजाम नहीं अधिकारी ने नहीं की मिडिया से बात

एचआर ब्रेकिंग न्यूज़। पिछले दो-तीन दिनों से हरियाणा के कुछ जिलों में लगातर बारिश हो रही है, जिसके चलते नहरें उफान पर है। सिदमुख नहर फतेहाबाद जिले के गोरखपुर और काजल हेड़ी गाँव से होकर राजस्थान की ओर जाती है। लगातार बारिश होने के कारण तेज बहाव से 23 सितम्बर को नहर टूट गयी और गोरखपुर, काजल हेड़ी साथ-साथ खजूरी गाँव के इलाकों में भी पानी भर गया। करीब दोपहर 1:30 बजे लोगों को इस बात की जानकारी मिली, इतने में लोग कुछ कर पाते पानी खेतो और ढाणियों में भरने लगा।

लोगों ने अपनी तरफ से मिट्टी लगाकर पानी रोकने की कोशिश की लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था की मिट्टी काटकर पानी आगे चला गया। इस जलभराव में लोगों की फसलों का काफी नुकसान हुआ है, घरों में रखा अनाज भीगने से खराब हो गया, पशुओं का चारा बर्बाद हो गया, पानी का बहाव इतना तेज था कि पशु तक बह गए । लोग अपनी ढाणी छोड़कर दूसरों की ढाणियों में जाकर रहने को मजबूर है। आवा-जाही के रास्ते बंद हो चुके है जिस वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
उसी दिन शाम के समय DC और हल्का फतेहाबाद के MLA ढूडाराम पहुंचे उन्होंने जगह का मुआयना किया लेकिन अगले दिन सुबह तक प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए । सुबह तक पानी की यही स्थिति बनी रही लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। हालांकि मनरेगा के लगभग 100 से 150 मजदूर वहां मिट्टी लगाकर पानी रोकने के में लगे हुए थे |
वहां काम कर रहे लोगो ने बताया की नहर के पास के रस्ते पर दलदल के कारण कार्य करने में परेशानी हो रही है। दरअसल रास्ता बनाते समय अच्छा मैटीरियल इस्तेमाल नहीं किया गया था, आसपास लगी घास-फूस डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी गई थी। इस वजह से रास्ता अंदर से खोखला हो गया है। साथ ही चूहों ने भी बिल बनाकर खोखला कर दिया है। और इसी के चलते पानी रोकने के लिए मिट्टी लाने में भी काफी मशक़्क़त करनी पड़ी। पूरा रास्ता दलदल हो चुका है जिस वजह से ट्रेक्टर बार बार मिट्टी में धंस रहे थे।
एक दिन बाद 24 सितम्बर को एक्सीईन मनीष शर्मा दोपहर लगभग 1:30 बजे वहां पहुंचे जिससे पहले JCB मशीनों से मिट्टी लगाने का काम किया जा रहा था। एक्सीईन अपनी टीम के साथ वहां पहुंचे, इधर-उधर नज़र घुमाने के बाद उन्होंने टीम को निरिक्षण करने के लिए कहा। हमारे रिपोर्टर ने जब उनसे बात करने की कोशिश की तो वे बचकर भागते हुए नज़र आए। ‘पांच मिनट इन्तजार करिए’ ऐसा कहकर वे वहां से चले गए।
गोरखपुर, काजल खेड़ी के साथ-साथ खजूरी तक पानी पहुंच गया। गावों के अलग-अलग किसानों से बातचीत में पता चला की नहर टूटने के कारण खेतों में पानी भर गया जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। आने वाले दिनों में धान की कटाई होनी थी लेकिन पानी भरने के कारण फसल डूब गई।

धान, कपास, गन्ना साथ ही जिन किसानों ने सब्जी की खेती की थी कटाई से पहले ही उनकी सारी फसल बर्बाद हो गई। अगर बात करें इन तीनो गांवो की तो करीब-करीब दो हज़ार एकड़ की फसल बर्बाद हुई है। फसल की इस बर्बादी से किसानों का करोड़ो का नुकसान हुआ है।
पानी को बाहर निकालने के लिए इंतजाम की हालत यह है कि अगले 28 घंटो तक भी बर्मा नहीं लगाया गया था। किसान से बातचीत में पता चला कि 1994 से नहर के पास होस पाइप वहां पर लगा हुआ है लेकिन काम नहीं करता है, न ही बिजली का कोई प्रबंध, न ही ट्रांसफार्मर मौजूद था। सरकारी कागजो के हिसाब से यह चालू है, सब चीज़ों के प्रबंध है लेकिन असल में ऐसा नहीं है। 28 घंटो के बाद यह सब प्रबंध किया जा सका था जबकि पहले से ही इसका प्रबंध होना चाहिए था। यह सब प्रशासन के निकम्मेपन को दिखता है।

नीचे के खेतों में जहाँ काजल गांव की ढाणियां लगती वहां 25 तारीख की सुबह 11 बजे तक भी पानी निकालने के लिए बर्मा शुरू नहीं किया जा सका था और जो पानी पहले करीब 3 फुट था वह अब बढ़कर 5 फुट हो चुका है और फसल के बाद लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा रहा है |
DC और MLA ने आश्वाशन जरूर दिया है लेकिन जहाँ लोगों का नुकसान हुआ है वहां तक कोई भी नहीं पहुंचा है| इसमें प्रशासन की लापरवाही साफ-साफ़ दिख रही है। वहीं एक्सीईन भी बात करने से बचते नज़र आए।