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UP Court : संपत्ति के बंटावारे के मामले में 37 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला, दूसरी पीढ़ी कर रही थी पैरवी

अक्सर संपत्ति को लेकर लड़ाई-झगड़े के मामले सामने आते हैं। यूपी कोर्ट में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। भूमि बंटवारे को लेकर 37 साल से कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। अब इस मामले दूसरी पीढ़ी न्यायालय में मुकदमे की पैरवी कर रही थी। नीचे खबर में जानें पूरा मामला...
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UP Court : संपत्ति के बंटावारे के मामले में 37 साल बाद कोर्ट ने सुनाया फैसला, दूसरी पीढ़ी कर रही थी पैरवी

HR Breaking News (ब्यूरो)। सुलतानपुर में भूमि विवाद के मामले में विचार करते समय 37 साल के विवाद के बाद मंगलवार को अदालत ने अपना फैसला दिया। पक्षकारों की दूसरी पीढ़ी न्यायालय में मामले की पेशी कर रही थी।

सिविल जज शालीन मिश्रा ने विवादित संपत्ति के विभाजन का आदेश दिया, और डिक्री की तैयारी करने के लिए निर्देश दिया है। वादी पक्ष के वकील राजेंद्र यादव ने बताया कि अमेठी जिले के कटरा राजा हिम्मत सिंह गांव निवासी रामसुंदर ने वर्ष 1986 में न्यायालय में मकान और आबादी के विभाजन के मामले में मुकदमा दायर किया था। इसमें संपत्ति के आधे हिस्से का विभाजन करने की मांग की गई थी।

मुकदमे के दौरान प्रतिवादी रामसुख के अलावा अन्य पक्षकारों में भी मौत हो गई थी। इसके बाद, वादी रामसुंदर के पुत्र रामचंद्र, राम संकर, राजाराम के पुत्र चंद्र देव, और मतई के उत्तराधिकारी रामकृष्ण पक्षकार बन गए।

अधिवक्ता राजेंद्र यादव ने बताया कि मकान और आबादी संपत्ति का बैनामा बाबूराम और दातादीन ने 31 मार्च 1956 को खरीदा था। बाद में दोनों पक्षों में भूमि विवाद में विवादित मकान और आबादी की विभाजन की मांग की गई थी।

इस मामले में लंबे समय तक चले विवाद के बाद, अदालत ने फैसला दिया है कि बंटवारा करने के लिए प्रारंभिक डिक्री की तैयारी करने का आदेश दिया जाए।

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